Skip to main content

राजस्थान जन आधार योजना - 2019 | Rajasthan Jan Aadhar Yojna -2019 in Hindi

राजस्थान जन-आधार योजना 2019

Rajasthan Jan Aadhar Yojna 2019

 
राजस्थान जन-आधार योजना - 2019

1. प्रस्तावना

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2019-20 में निम्नानुसार बजट घोषणा की थी-

‘‘विभिन्न योजनाओं के लाभ सरलता, सुगमता एवं पारदर्शी रूप से आमजन तक पहुँचाने के उद्देश्य से ''एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान'' की विचारधारा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मैं ‘राजस्थान जन-आधार योजना’ लाये जाने की घोषणा करता हूँ। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया जायेगा। ई-मित्र परियोजना को भी इस प्राधिकरण के अधीन लाया जायेगा।’’

मुख्यमंत्री द्वारा परिवर्तित बजट 2019-20 में की गई बजट घोषणा (अनुच्छेद संख्या-141) की अनुपालना में लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ आमजन को सरलता, सुगमता एवं पारदर्शी रूप से पहुँचाने के दृष्टिगत ‘‘राजस्थान जन-आधार योजना- 2019’’ का क्रियान्वयन किया जाना है, जिसके तहत सभी विभागों की योजनाओं के लाभ एवं सेवाओं की प्रदायगी सुनिश्चित की जाएगी।

राजस्थान जन आधार कार्ड लांच करने की घोषणा सरकार द्वारा 18 दिसंबर 2019 को की गई थी।

2. उद्देश्य

  • राज्य के निवासी परिवारों की जन-सांख्यिकीय एवं सामाजिक-आर्थिक (Demographic and Socio-Economic) सूचनाओं का डेटा बेस तैयार कर प्रत्येक परिवार को ''एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान’’ प्रदान किया जाना, जिसे परिवार एवं उसके सदस्यों की पहचान (Proof of Identity) तथा पते (Proof of Address) दस्तावेज के रूप में मान्यता प्रदान कराना।
  • नकद लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer DBT) के माध्यम से तथा गैर-नकद लाभ आधार/जन-आधार अधिप्रमाणन उपरान्त देय।
  • राज्य के निवासियों को जनकल्याण की योजनाओं के लाभ उनके घर के समीप उपलब्ध कराना तथा ई-काॅमर्स और बीमा सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार करना।
  • ई-मित्र तंत्र का विनियमन द्वारा नियंत्रण व प्रभावी संचालन करना।
  • राज्य में विद्यमान तकनीकी तथा इलेक्ट्राॅनिक ढाँचे का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किया जाना।
  • महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
  • सरकार द्वारा प्रदत्त जनकल्याण के लाभों की योजनाओं हेतु परिवार/परिवार के सदस्यों की पात्रता का निर्धारण करना।
  • विभिन्न योजनाओं के लाभ प्राप्ति के समय आधार अधिप्रमाणन को लाभार्थी के जीवितता प्रमाण-पत्र के रूप में मान्यता देना।

3. जन-आधार पंजीयन व जन-आधार कार्ड-

  • राज्य के सभी निवासी परिवार, पंजीयन कराने व जन-आधार कार्ड प्राप्त करने हेतु पात्र है।
  • प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित जन-आधार कार्ड प्रदान किया जाएगा।
  • परिवार द्वारा निर्धारित 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला को परिवार की मुखिया बनाया जाएगा। यदि परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला नहीं है तो 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का पुरूष मुखिया हो सकता है। यदि परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला और 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का पुरूष भी नहीं हो तो परिवार में अधिकतम आयु का कोई भी सदस्य, परिवार का मुखिया होगा।
  • विभिन्न प्रकार के परिवार कार्डों (यथा राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड इत्यादि) के स्थान पर राज्य के निवासी परिवारों को एकबारीय निःशुल्क जन-आधार परिवार कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जो बहुउद्देश्यीय कार्ड होगा। भविष्य में सभी जन-कल्याण की योजनाओं के लाभ/सेवाओं को इस कार्ड के आधार पर हस्तांतरित किया जाएगा।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा भविष्य में स्वास्थ्य-कार्ड जारी करने की आवश्यकता के मद्देनजर जन-आधार व्यक्तिगत कार्ड भी जारी किया जायेगा।
  • राज्य के पंजीकृत निवासियों द्वारा स्वयं जन-आधार डेटा रिपोजिटरी में दर्ज सूचनाओं को समय-समय पर आवश्यकतानुसार अद्यतन कराया जा सकेगा।
  • जन-आधार डेटा रिपोजिटरी से एकीकृत अन्य योजनाओं के डेटाबेस में लाभार्थी की सूचना में अद्यतन होने पर जन-आधार डेटा रिपोजिटरी में भी उस निवासी की सूचनाओं में अद्यतन किया जा सकेगा (Reverse Seeding)।
  • परिवार के किसी भी सदस्य का आधार नामांकन होने पर उस सदस्य की आधार संख्या को जन-आधार पोर्टल पर परिवार द्वारा दर्ज करवाना आवश्यक होगा।

राजस्थान जन-आधार योजना-2019 में पंजीयन एवं कार्ड वितरण की प्रक्रिया परिशिष्ट-1 में वर्णित है।

4. नकद व गैर-नकद लाभों की प्रदायगी-

नकद लाभ-

पात्रता अनुसार देय सभी पारिवारिक नकद लाभ सीधे परिवार के मुखिया के बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे। व्यक्तिगत नकद लाभ संबंधित लाभार्थी के बैंक खाते में, यदि लाभार्थी का बैंक खाता नहीं है तो परिवार के मुखिया के बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे।

गैर-नकद लाभ-

पात्रता अनुसार देय सभी पारिवारिक गैर-नकद लाभ परिवार का कोई भी वयस्क सदस्य तथा व्यक्तिगत गैर-नकद लाभ संबंधित लाभार्थी (अवयस्क लाभार्थी की स्थिति में परिवार का मुखिया) स्वयं के आधार अधिप्रमाणन उपरान्त प्राप्त कर सकेगा।

5. घर के नजदीक लाभ हस्तांतरण हेतु सेवाओं का विस्तार-

  • राजस्थान राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुदूर, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों मंप सेवाओं का विस्तार किया जाएगा ताकि आम निवासियों को घर के नजदीक योजनाओं के लाभ/सेवाएं प्राप्त हो सकें।
  • राज्य में गैर-नकद लाभ की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ तथा दिन-प्रतिदिन की सेवाएँ घर के नजदीक प्रदान करने हेतु ई-मित्र केन्द्रों, ई-मित्र प्लस सेल्फ सर्विस कियोस्क, ई-काॅमर्स, बीमा इत्यादि सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।
  • नकद लाभ वितरण हेतु बैकिंग सेवाओं यथा बैंक बी.सी., ए.टी.एम., माइक्रो ए.टी.एम, डिजीटल पेमेन्ट किट इत्यादि का सुदूर क्षेत्रों में भी विस्तार किया जाएगा।

6. ई-मित्र परियोजना का विस्तार

  • राजस्थान जन-आधार योजना के अन्तर्गत ई-मित्र परियोजना का संचालन एवं विस्तार किया जाएगा।
  • राजस्थान जन-आधार योजना के अन्तर्गत ई-मित्र के माध्यम से सेवा प्रदायगी में पारदर्शिता लाने और प्रभावी नियन्त्रण हेतु विनियम बनाए जाएंगे।

7. पोर्टल्स का एकीकरण (Integration)

  • परिवार को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभों से संबंधित एप्लीकेशनों को जन-आधार पोर्टल से चरणबद्ध रूप से एकीकृत किया जाएगा।

  • एकीकरण के पश्चात् सम्बन्धित विभागों की एप्लीकेशनों द्वारा योजनाओं का लाभ जन-आधार परिवार पहचान संख्या के माध्यम से ही हस्तांतरित किया जाएगा तथा इसका विवरण जन-आधार प्लेटफार्म से साझा किया जाएगा।

    • राज्य में अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, अतः किसानों के उत्थान हेतु संचालित सभी योजनाओं को प्राथमिकता से राजस्थान जन-आधार पोर्टल से जोड़ा जायेगा ताकि उन्हें प्राप्त होने वाले सभी नकद व गैर-नकद लाभ एवं सेवाएँ सीधे व पारदर्शी रूप से समय पर प्राप्त हो सके।
  • जिन जनकल्याणकारी योजनाओं के डेटाबेस एवं भुगतान का आॅनलाईन प्लेटफाॅर्म वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, उन सेवाओं एवं परिलाभों हेतु जन-आधार प्लेटफार्म के माध्यम से लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित किया जाएगा। जन-आधार पोर्टल से एकीकृत किए जाने वाले पोर्टल्स हेतु आवश्यकतानुसार विस्तृत दिशा-निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे।

8. जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु लाभार्थियों की पात्रता के निर्धारण का माध्यम-

  • सभी विभागों द्वारा जन-आधार डेटा रिपोजिटरी के माध्यम से ही परिवार की पात्रता निर्धारित कर सेवाएं/लाभ हस्तांतरित किए जाएंगे।

  • यदि किसी परिवार को अपनी पात्रता/दर्ज सूचनाओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन अपेक्षित होगा तो जन-आधार डेटा रिपोजिटरी में ही परिवर्तन करवाना होगा। विभागीय योजनाओं में पृथक से अद्यतन कराने की आवश्यकता नही रहेगी।

9. जीवितता प्रमाण-पत्र के रूप में मान्य

  • विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे- सामाजिक सुरक्षा पेन्शन आदि के लाभार्थियों को वर्ष में संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा निर्धारित अंतराल में जीवित होने का सत्यापन करवाना होता है। ऐसी योजनाओं हेतु यदि लाभार्थी वर्ष में निर्धारित अंतराल में कभी भी जन-आधार द्वारा स्थापित तंत्र के माध्यम से होने वाले अधिप्रमाणन से कोई लाभ/सेवा अर्जित करता है, जैसे- राशन लेना, आधार/जन-आधार अद्यतन कराना इत्यादि तो ऐसे लाभार्थी को जीवित मानते हुए जीवितता प्रमाण-पत्र हेतु पृथक से बायोमैट्रिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी।

10. राजस्थान जन-आधार योजना के तहत सम्मिलित किए जाने वाले पंजीयन

  • जन-आधार पंजीयन

  • जन्म-मृत्यु पंजीयन

  • विवाह पंजीयन

  • आधार पंजीयन

11. ई-साईन के माध्यम से प्रमाणीकरण

राजस्थान जन-आधार योजना के तहत होने वाले विभिन्न पंजीयन में ई-साईन सेवा का प्रयोग करके प्रमाणीकरण के द्वारा और बेहतर बनाया जाएगा।

12. वित्तीय समावेशन एवं संस्थागत वित्त

  • राज्य के सभी निवासियों को विशेषकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में, उनके घर के समीप ही बैंकिंग एवं बीमा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • योजनान्तर्गत वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के सहयोग से राज्य में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • राजस्थान जन-आधार योजना के उद्देश्यों विशेषकर वित्तीय समावेशन की पूर्ति हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थान यथा- नाबार्ड, ग्रामीण बैंक इत्यादि के साथ समन्वय तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के साथ मिलकर बैंकों से सम्बन्धित राज्य के हित में निर्णय लिये जायेंगे।
  • राज्य में वित्तीय समावेशन के तहत राज्य के एक हजार या उससे अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में कम से कम एक बैंकिंग संवाददाता (बी.सी.) की उपलब्धता कराई जाएगी। ये बैंकिंग संवाददाता (बी.सी.) खाता खोलना, सावधि जमा लेना, आवर्ती जमा लेना, नकद जमा लेना, नकद निकासी की सुविधा देना इत्यादि कार्य करेंगे।
  • इन बी. सी. को पे-पाॅइन्ट बना कर उनको माइक्रोएटीएम वितरित कर डेबिट/क्रेडिट/रूपे कार्ड व आधार समर्थ भुगतान की सुविधा दी जाएगी। एटीएम की स्थापना कर नकद निकासी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

13. पारदर्शिता एवं सामाजिक अंकेक्षण

  • परिवार को समय-समय पर प्रदान किए गए नकद व गैर-नकद लाभों के प्रत्येक लेन-देन की जानकारी जन-आधार पंजीयन मे दर्ज मोबाईल नम्बर पर प्रेषित की जाएगी।
  • परिवार को पात्रता अनुसार समय-समय पर देय लाभ व प्रदान किए गए लाभ की जानकारी जन-आधार पोर्टल/मोबाईल ऐप/ई-मित्र केन्द्र/ई-मित्र प्लस सेल्फ सर्विस कियोस्क पर ट्रांजेक्शन मैपर में उल्लेखित होगी, जिसे परिवार का कोई भी सदस्य बायोमैट्रिक / मोबाईल ओ.टी.पी. के माध्यम से सत्यापन उपरान्त देख सकेगा।
  • साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सभा में तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड समिति के समक्ष समय-समय पर जन-सूचना पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों को हस्तांतरित लाभों का ब्यौरा सामाजिक अंकेक्षण हेतु प्रस्तुत करवाया जाएगा।

14. प्रशासनिक व्यवस्था-

राज्य स्तर पर -

राज्य स्तर पर राजस्थान जन-आधार योजना की प्रशासनिक व्यवस्था निम्नानुसार है-

  • प्रशासनिक विभाग - आयोजना विभाग 

  • बजट नियंत्रण एवं प्रभारी अधिकारी- निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग  

  • योजना क्रियान्वयन एजेन्सी - राजकाॅम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड, जयपुर।

योजना के क्रियान्वयन हेतु -

जिला स्तर पर-

  • जिला कलक्टर - जिला जन-आधार योजना अधिकारी

  • उप निदेशक (एसीपी), जिला सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार - अतिरिक्त जिला जन-आधार योजना अधिकारी (तकनीकी)

  • उप/सहायक निदेशक, जिला आर्थिक एवं सांख्यिकी - अतिरिक्त जिला जन-आधार योजना अधिकारी


ब्लाॅक स्तर पर -

  • उपखण्ड अधिकारी - उपखण्ड जन-आधार योजना अधिकारी

  • विकास अधिकारी/ ब्लाॅक सांख्यिकी अधिकारी - अतिरिक्त ब्लाॅक जन-आधार योजना अधिकारी

  • प्रोग्रामर - अतिरिक्त ब्लाॅक जन-आधार योजना अधिकारी (तकनीकी)

15. वित्तीय प्रबंधन

  • योजना का क्रियान्वयन आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के बजट मद में प्रावधित राशि से किया जाएगा।

16. राजस्थान जन-आधार प्राधिकरण का गठन-

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण, ‘राजस्थान जन-आधार प्राधिकरण’ का गठन किया जायेगा।

परिशिष्ट-1

राजस्थान जन-आधार योजना में पंजीयन एवं कार्ड वितरण

पूर्व पंजीकृत परिवारों के लिएः

स्टेट रेजिडेन्ट डेटा रिपोजिटरी में पूर्व पंजीकृत परिवारों को 10 अंकीय जन-आधार परिवार पहचान संख्या प्रदान की जाएगी। जन-आधार पहचान संख्या को मोबाईल नम्बर पर एस.एम.एस. एवं वाॅयस काॅल के माध्यम से प्रेषित किया जाएगा। इसे निकटस्थ ई-मित्र/ई-मित्र प्लस पर आधार/परिवार पहचान संख्या देकर प्राप्त किया जा सकेगा।

नवीन पंजीकरण वाले परिवारों के लिएः

जन-आधार पंजीयन हेतु राज्य के निवासी परिवार का वयस्क सदस्य जन-आधार पोर्टल पर स्वयं अथवा नज़दीकी ई-मित्र पर निःशुल्क पंजीयन करा सकेगा। परिवार द्वारा दर्ज करवाई गई सूचनाओं व अपलोड किए गए दस्तावेजों आदि के आधार पर सत्यापन उपरान्त 10 अंकीय जन-आधार परिवार पहचान संख्या प्रदान की जाएगी तथा उसके पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर सूचित कर दी जाएगी।

जन-आधार कार्ड वितरणः 

परिवार को जन-आधार पहचान संख्या जारी होने के उपरान्त मुद्रित कार्ड सीधे सम्बन्धित नगर निकाय/पंचायत समिति/ई-मित्र को वितरण हेतु प्रेषित किए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार सम्बन्धित नगर निकाय/पंचायत समिति के द्वारा सम्बन्धित परिवार को एकबारीय निःशुल्क कार्ड वितरित किया जाएगा। नामांकित परिवार जन-आधार ई-कार्ड, जन-आधार पोर्टल अथवा एस.एस.ओ. आई डी के माध्यम से भी निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है।

संशोधन/अद्यतनः 

जन-आधार पंजीयन में दर्ज सूचनाओं में किसी भी प्रकार का संशोधन/अद्यतन ई-मित्र पर करवाया जा सकेगा। संशोधन/अद्यतन परिवार के मुखिया/वयस्क सदस्य द्वारा आधार अधिप्रमाणन के माध्यम से कराया जा सकेगा।

निवासी चाहे तो अद्यतन जन-आधार ई-कार्ड ई-मित्र/ई-मित्र प्लस पर जाकर भी डाउनलोड कर सकता है अथवा निर्धारित शुल्क देकर पी.वी.सी. कार्ड भी प्राप्त कर सकता है।

परिवारों/व्यक्तियों का पंजीयन निरस्त करनाः 

यदि कोई अपात्र परिवार/व्यक्ति द्वारा छलपूर्ण प्रलेख (Fake Document) प्रस्तुत कर जन-आधार पंजीयन करवा लिया है/कार्ड प्राप्त कर लिया है तो ऐसे जन-आधार पंजीयन/कार्ड को स्थायी रूप से नियमानुसार निरस्त किया जा सकेगा।



Comments

Popular posts from this blog

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

राजपूताना मध्य भारत सभा -

राजपूताना मध्य भारत सभा - इस सभा का कार्यालय अजमेर में था। इसकी स्थापना 1918 ई. को दिल्ली कांग्रेस अधिवेशन के समय चाँदनी चौक के मारवाड़ी पुस्तकालय में की गई थी। यही इसका पहला अधिवेशन कहलाता है। इसका प्रथम अधिवेशन महामहोपाध्याय पंडित गिरधर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। इस संस्था का मुख्यालय कानपुर रखा गया, जो उत्तरी भारत में मारवाड़ी पूंजीपतियों और मजदूरों का सबसे बड़ा केन्द्र था।  देशी राज्यों की प्रजा का यह प्रथम राजनैतिक संगठन था। इसकी स्थापना में प्रमुख योगदान गणेश शंकर विद्यार्थी, विजयसिंह पथिक, जमनालाल बजाज, चांदकरण शारदा, गिरधर शर्मा, स्वामी नरसिंह देव सरस्वती आदि के प्रयत्नों का था।  राजपूताना मध्य भारत सभा का अध्यक्ष सेठ जमनालाल बजाज को तथा उपाध्यक्ष गणेश शंकर विद्यार्थी को बनाया गया। इस संस्था के माध्यम से जनता को जागीरदारी शोषण से मुक्ति दिलाने, रियासतों में उत्तरदायी शासन की स्थापना करने तथा जनता में राजनैतिक जागृति लाने का प्रयास किया गया।  इस कार्य में संस्था के साप्ताहिक समाचार पत्र ''राजस्थान केसरी'' व सक्रिय कार्यकर्ताओं ...

THE SCHEDULED AREAS Villages of Udaipur district - अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव

अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव- अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें एवं तहसील गिर्वा के 252, तहसील वल्लभनगर के 22 व तहसील मावली के 4 गांव सम्मिलित किए गए हैं। ये निम्नानुसार है- 1. उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें (कोटड़ा, झाडोल, सराड़ा, लसाड़िया, सलूम्बर, खेरवाड़ा, ऋषभदेव, गोगुन्दा) - 2. गिर्वा तहसील (आंशिक) के 252 गाँव - S. No. GP Name Village Name Village Code Total Population Total Population ST % of S.T. Pop to Total Pop 1 AMBERI AMBERI 106411 3394 1839 54.18 2 AMBERI BHEELON KA BEDLA 106413 589 573 97.28 3 AMBERI OTON KA GURHA 106426 269 36 13.38 4 AMBERI PRATAPPURA 106427 922 565 61.28 5 CHEERWA CHEERWA 106408 1271 0 0.00 6 CHEERWA KARELON KA GURHA 106410 568 402 70.77 7 CHEERWA MOHANPURA 106407 335 313 93.43 8 CHEERWA SARE 106406 2352 1513 64.33 9 CHEERWA SHIVPURI 106409 640 596 93.13 10 DHAR BADANGA 106519 1243 1243 100.00 11 DHAR BANADIYA 106...