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Main Ayush Institutes of Rajasthan - राजस्थान के प्रमुख आयुष संस्थान

 राजस्थान के प्रमुख आयुष संस्थान

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्‍वविद्यालय, जोधपुर 

  • स्थापना वर्ष - 2003 
  • वर्ष 2003 में राज्य के जोधपुर शहर मे राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है जो कि देश का पहला विश्वविद्यालय है जिनमें पांचों भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के शिक्षण अनुसंधान एवं विकास की दिशा में कार्य हो रहा है।
  • इसके अन्तर्गत 9 आयुर्वेद महाविद्यालय, 4 होम्योपैथिक, 2 यूनानी एवं 3 योग एवं प्राकृतिक महाविद्यालय, 18 महाविद्यालय तथा 28 आयुष नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र सहित 46 शिक्षण संस्थान संचालित है।
  • देश का दूसरा आयुर्वेद विश्‍विद्यालय
  • प्रशासनिक खण्ड- नागौर रोड, करवड जोधपुर
  • नगर परिसर- पुराना पाली रोड झालामन्ड सर्किल, जोधपुर
  • Website :http://www.raujodhpur.com
  • विश्‍वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्क्रम
    1. आयुर्वेदाचार्य बी.ए.एम.एस. - 5 वर्ष 6 माह का डिग्री कोर्स
    2. आयुर्वेद नर्सिग प्रशि‍क्षण- तीन वर्ष का डिप्लोपा कोर्स
    3. पंचकर्म प्रशि‍क्षण- तीन माह का डिप्लोमा कोर्स
    4. हर्बल फार्मिग प्रशि‍क्षण- एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स
विश्‍वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त संस्थाऐं विश्‍वविद्यालय के अधीन संचालित संस्थाऐं कुल संस्थाऐ
आयुर्वेद महाविधालय 8 1 9
यूनानी महाविधालय 2 - 2
होम्योपैथिक कालेज 7 - 7
नर्सिग प्रशिक्षण केन्द्र 28 1 29

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर

  • स्थापना - फरवरी 7, 1976
  • केन्द्र सरकार का स्वायतशासी निकाय
  • संस्थान में संचालित पाठ्क्रम
    1. माधव विलास चिकित्सालय संस्थान परिसर में
    2. सेठ सूरजमल बम्बईवाला चिकित्सालय किश्‍ानपोल बाजार जयपुर में
    3. औषध निर्माणशाला
  • पता- माधवविलास, आमेर रोड जयपुर

मदनमोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर

  • स्थापना - वर्ष 1944
  • राज्य का एक मात्र सार्वजनिक क्षेत्र का आयुर्वेद कालेज
  • संस्थान में संचालित पाठ्क्रम
    1. आयुर्वेदाचार्य (बी.ए.एम.एस.) 5 वर्ष 6 माह का डिग्री कोर्स
    2. आयुर्वेद वाचस्पति (एम.डी./एम.एस.) 3 वर्षीय स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स
    3. आयुर्वेद वारिधि (पी.एच.डी.)
  • अधीनस्थ संस्थाऐं
    1. महाविद्यालय चिकित्सालय मोती चौहट्टा
    2. राजवैद्य प्रेमश्‍ांकर चिकित्सालय महाविद्यालय परिसर में
    3. अनुसंन्धान केन्द्र लेक पैलेस रोड
    4. चरक उपवन अम्बेरी, उदयपुर
  • पता अम्बामाता, फतेहसागर रोड, उदयपुर

इण्डियन मेडिसिन बोर्ड, राजस्थान, जयपुर

राजस्थान देशीय चिकित्सा अधिनियम, 1953 के अन्तर्गत आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों के पंजीयन हेतु इस बोर्ड का गठन किया हुआ है । इसका कार्यालय ''बजाज नगर, जयपुर'' में स्थित है । राज्य सरकार द्वारा इस बोर्ड को प्रति वर्ष अनुदान सहायता प्रदान की जाती है । बोर्ड द्वारा आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सको को पंजीकृत किया जाता है।

राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा मण्डल, जयपुर

राज्य में वर्ष 1970 से इस मण्डल की स्थापना की हुई है। मण्डल का गठन राजस्थान होम्योपैथिक मेडिसिन एक्ट, 1969 के अन्तर्गत किया हुआ है तथा इसके संचालन हेतु राजस्थान होम्योपैथिक मेडिसिन नियम, 1971 बने हुए हैं । वर्तमान में बोर्ड होम्योपैथिक चिकित्सको के पंजीयन, नवीनीकरण व इन्टर्नशि‍प अवधि मे अस्थाई पंजीयन का कार्य कर रहा है। बोर्ड द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सको का पंजीयन किया जाता है। बोर्ड का कार्यालय मानसरोवर सैक्टर नं. 12 अग्रवाल फार्म जयपुर में है।

राजस्थान राज्य मेडिसिनल प्लान्ट्स बोर्ड, जयपुर

राज्य में जडी बूटियों के उत्पादन, विपणन, संवर्द्धन एवं संग्रहण कार्यों को समुन्नत करने हेतु राज्य स्तर पर एक औषध पादप मण्डल का गठन वर्ष 2002 से किया हुआ है। राजस्थान सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1958 के अन्तर्गत इसका पंजीयन कराया हुआ है तथा इसका कार्यालय ’’पंत कृषि भवन, जयपुर’’ में है।
इस बोर्ड द्वारा राज्य के किसानों को औषधीय वनस्पतियों को उगाने के लिये प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है । साथ ही किसानों को विकसित कृषि तकनीक का प्रशि‍क्षण देने तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करने का कार्य भी किया जा रहा है ।
इस बोर्ड के अध्यक्ष आयुर्वेद मंत्री, राजस्थान सरकार हैं।
यह बोर्ड वर्तमान में मुख्य रूप से निम्न कार्यों का निर्वहन कर रहा है -

1. देश-विदेश में औषधीय पौधो की मांग व आपूर्ति स्तर का निर्धारण।

2. राज्य सरकार/सम्बन्धित विभागो को औषधीय पौधों के विकास सम्बन्धी परियोजनाओं एव कार्यक्रमो से सम्बन्धित नीतिगत मामलों पर सलाह देना।

3. उन संस्थाओं को प्रस्ताव, परियोजना एवं कार्यक्रम तैयार करने में मार्गदर्शन देना जिनके पास औषधीय पौधों के संग्रहण, भंडारण, परिवहन आदि के लिये कृषि भूमि एवं आधारभूत ढांचा उपलब्ध है।

4. औषधीय पौधों की पहचान, सूचीकरण एवं आकलन करना तथा डाटाबेस स्थापित कर सूचनायें प्रसारित करना।

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