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Current Affairs
----Rajasthan won WHO World No Tobacco Day Award-2014
--- राजस्थान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पुरस्कार जीता

Rajasthan won a "World No Tobacco Day 2014 Award" in the South-East Asia Region imposing highest Value Added Tax (VAT) on tobacco products in the country.  The Rajasthan state also had won the award last year too for its efforts in the area of tobacco control such as research, capacity building, promotion of policy or legislation and advocacy to enhance tobacco control. It is the second consecutive year when the World Health Organisation (WHO) recognized efforts of the state in the area of tobacco control. In 2013, the directorate of medical and health services (DMHS) and city-based oncologist Dr Rakesh Gupta were also among the five recipients of WHO award for their efforts in tobacco control.
The state government of Rajasthan had taken initiatives in 2012-13 to control tobacco consumption such as-
1. Imposing a ban on gutkha
2. Introduced first helpline 104 for free counseling for tobacco users who want to quit tobacco consumption.
3. Providing free medicines.
4. Increasing the VAT on tobacco products to discourage tobacco consumption.
5. Research, capacity building, promotion of policy or legislation and advocacy to enhance tobacco control.
According to Nodal Officer Tobacco Control, Dr Sunil Singh, the WHO appreciated the work done by Department of Finance, Government of Rajasthan. The state finance department hiked the VAT unprecedentedly to discourage tobacco consumption. Rajasthan has the highest VAT on tobacco products in the country. In the past four years, VAT on tobacco products in state has been increased. Before 2010-11, the VAT was 12.5%. But in 2010-11, it increased to 20%. In 2011-12, the VAT almost doubled to 40%. It reached 50% in 2012-13 and in 2013-14, the VAT shot up to a steep 65%.
WHO gives five ''World No Tobacco Day 2014 Awards" apart from appreciation awards. India won two of the five awards, for Rajasthan and Maharashtra. Three other awardees countries are Bangladesh, Thailand and Nepal.
तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए तंबाकू उत्पादों पर देश में सबसे उच्चतम 'मूल्य संवर्धित कर' (वैट) लगाकर राजस्थान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का 2014 का दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र का विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पुरस्कार जीता है राजस्थान ने तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में अपने प्रयासों जैसे अनुसंधान, क्षमता निर्माण, नीति या कानून को बढ़ावा देने और तंबाकू नियंत्रण बढ़ाने के लिए संपुष्टि (वकालत) करने के लिए के लिए पिछले साल भी यह पुरस्कार जीता था यह लगातार दूसरा वर्ष है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में राज्य के प्रयासों को सराहा है 2013 में तम्बाकू नियंत्रण में प्रयासों के लिए डब्ल्यूएचओ के पांच पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में राजस्थान का चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DMHS) तथा जयपुर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता शामिल थे
राजस्थान सरकार द्वारा तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने के लिए 2012-13 में निम्नानुसार प्रमुख पहल की थी-
1 . गुटखा पर प्रतिबंध लगाना
2 . तम्बाकू सेवन छोड़ना चाहने वालों तंबाकू उपयोगकर्ताओं के लिए नि: शुल्क परामर्श के लिए पहली हेल्पलाइन सेवा 104 लागू करना
3 . मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराना
4 . तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए तंबाकू उत्पादों पर वैट बढ़ाना
5 . तम्बाकू नियंत्रण के लिए अनुसंधान, क्षमता निर्माण, नीति या कानून निर्माण आदि

तंबाकू नियंत्रण नोडल अधिकारी, डॉ. सुनील सिंह के अनुसार  राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए पिछले चार वर्षों में अद्वितीय रूप से वैट बढ़ाया है, जिसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सराहना की गई है राजस्थान द्वारा तंबाकू उत्पादों पर देश में सबसे उच्चतम वैट लागू किया है 2010-11 से पहले  वैट 12.5 % था, लेकिन 2010-11 में इसमें 20 % की वृद्धि की गई जो 2011-12 में दुगुनी अर्थात लगभग 40 % हो गई यह वृद्धि 2012-13 में 50 % पर पहुंच गई और 2013-14 में तो वैट वृद्धि अत्यधिक बढ़ कर 65 % की ऊँचाई तक पहुँच गई
सराहना पुरस्कारों के अलावा डब्ल्यूएचओ "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2014 पुरस्कार" के लिए कुल पांच पुरस्कार देता है जिनमें से दो भारत ने जीते हैंf इनमें से एक राजस्थान और एक महाराष्ट्र ने प्राप्त किया है तीन अन्य पुरस्कार विजेता देश बांग्लादेश, थाईलैंड और नेपाल हैं

भारत का प्रथम अल्पसंख्यक साइबर गांव- India’s "first Minority Cyber Village"

देश के "प्रथम अल्पसंख्यक साइबर गांव" राजस्थान का उद्घाटन अलवर जिले के चान्दौली में 19 फ़रवरी 2014 को अल्पसंख्यक मामलों के तत्कालीन मंत्री के. रहमान खान द्वारा किया गया
चान्दौली को पायलट परियोजना के लिए पहले गांव के रूप में चयनित किया गया है क्योंकि यहाँ पर 80 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक जनसंख्या निवास करती है तथा यह मेवात क्षेत्र अल्पसंख्यकों की शिक्षा की दृष्टि से अभी भी पिछड़ा हुआ है इस पायलट परियोजना की सफलता के बाद परियोजना को अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगाा 

India’s "first Minority Cyber Village" was inaugurated by then Minister for Minority Affairs K. Rehman Khan on 19 February 2014 in Chandoli in Alwar district of Rajasthan.

Chandoli has been selected as the first village for the pilot project as it has more than 80 percent of minority population and also because the minorities of the Mewat region is still backward in education. The project will be carried in other areas after the success of the pilot project.

साइबर गांव परियोजना की विशेषताएं- 

About Cyber Village-

• The Cyber village project will provide computer education to people in the age group of 15 to 59.

• Further institution under this project will be instituted in other villages with substantial population of minorities.

• The experts will provide training of commuter skills to the people of chandoli under this project.

Chandoli of Rajasthan became india's first Minority Cyber Village which was initiated on 19 February 2014 by Then Minority Affairs minister K Rehman Khan.

• साइबर गांव परियोजना के तहत 15-59 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जायेगीा
• परियोजना के तहत अल्पसंख्यक की पर्याप्त आबादी वाले अन्य गांवों को भी इसके तहत लाया जायेगा

•  इस परियोजना के तहत विशेषज्ञ चन्दौली के लोगों के लिए कम्यूटर कौशल का प्रशिक्षण प्रदान करेगें
  • यह भारत का पहला अल्पसंख्यक साइबर गांव है
  • इसका  उद्घाटन राजस्थान के अलवर जिले में 19 फ़रवरी 2014  को किया गया
माह अप्रेल के सामान्य थोक मूल्य सूचकांक में 0.92 प्रतिशत की वृद्धि-

राज्य में माह अपे्रल, 2014 का सामान्य थोक मूल्य सूचकांक आधार वर्ष (1999-2000-100) पर 266.83 रहा है, जबकि मार्च,2014 में यह 264.39 रहा था। इस सूचकांक में गत माह की तुलना में 0.92 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग श्री ओम प्रकाश बैरवा ने बताया कि इसका प्रमुख कारण प्राथमिक वस्तु समूह के सूचकांक में माह के दौरान 0.95 प्रतिशत तथा ईंधन, शक्ति, प्रकाश एवं उपस्नेहक के सूचकांक में 0.13 प्रतिशत की कमी व विनिर्मित उत्पाद समूह के सूचकांक में 3.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होना है।
उन्होंने बताया कि सामान्य थोक मूल्य सूचकांक में अप्रेल,2013 की तुलना में
अप्रेल,2014 के दौरान 5.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इसका प्रमुख कारण आलोच्य माह में प्राथमिक वस्तु समूह के सूचकांक में 0.71 प्रतिशत, ईंधन, शक्ति, प्रकाश एवं उपस्नेहक समूह के सूचकांक में 15.71 प्रतिशत व विनिर्मित उत्पाद समूह के सूचकांक में 3.80 प्रतिशत की वृद्धि होना है। 

संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ तंजानिया सीपीए अधिवेशन में भाग लेकर लौटे-

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने रविवार एक जून को प्रातः तंजानिया की राजधानी 'दार अल सलाम' में आयोजित कॉमनवैल्थ पार्लियामेंटरी एसोसियेशन (सीपीए) के सात दिवसीय 25वें वार्षिक संसदीय सम्मेलन में भाग लेकर लौट आएं हैं।
श्री राठौड़ ने सीपीए अधिवेशन में निर्वाचित सदनों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व विषय पर आयोजित सत्र में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने राजस्थान विधानसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद राजस्थान विधानसभा के प्रथम निर्वाचन में कुल 756 उम्मीदवारों में मात्र 6 महिला उम्मीदवार थी एवं सदन में निर्वाचित महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 1.25 प्रतिशत था।
संसदीय मंत्री ने बताया कि राजस्थान की 13वीं विधानसभा में महिला जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गया है। हाल ही सम्पन्न 14वीं विधानसभा के चुनावों में प्रदेश की 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 28 महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
श्री राठौड़ ने कॉमनवैल्थ पार्लियामेंटरी एसोसियेशन (सीपीए) की अफ्रीका संभाग की अध्यक्ष एवं तंजानिया एसेम्बली की अध्यक्ष एनी एस.माकिंडा से भेंटकर निर्वाचित सदनों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिये किये जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।
संसदीय सम्मेलन के दौरान श्री राठौड़ ने स्थानीय चिकित्साधिकारियों से मिलकर चिकित्सा सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने राजधानी दार अल सलाम सहित तंजानिया के बड़े शहरों में उपलब्ध करायी जा रही विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं एवं सुदूर क्षेत्रों में आम नागरिकों को उपलब्ध करायी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। 


हाशमी राजस्थान विधानसभा सचिवालय में कार्यवाहक विशिष्ट सचिव-

राजस्थान विधानसभा सचिवालय में विशिष्ट सचिव श्री पी. के. शास्त्री की 30 मई को हुई सेवानिवृति के फलस्वरूप रिक्त हुए पद का कार्यभार श्री तौफीक हुसैन हाशमी उप सचिव को सौंपा गया है।

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