Skip to main content

Highest Mineral Producing Districts of Rajasthan (Year 2012-13)
राजस्थान के खनिजवार अधिकतम खनिज उत्पादक जिले (वर्ष 2012-13)





           

                    1.      Highest Minor Mineral Producing Districts 
                     अधिकतम ‘अप्रधान खनिज’ उत्पादक जिले-

S.No.
Name of Mineral
District Which Stood First
Production in Tons
1
Bentonite
Barmer
776822
2
Brick earth
Sri Ganganagar
9418500
3
Chips Powder
Rajsamand
90424
4
Fuller's Earth/ Chikani mitti
Barmer 
24702
5
Granite
Jalore
1979344
6
Kankar-Bajri
Jalore
48431600
7
Limestone (Burning)
Nagaur
3140227
8
Limestone (Dimn.)
Jhalawar
4458671
9
Marble
Rajsamand
7043942
10
Phylite-shist/Patti Katla
Ajmer
158734
11
Quartzite
Sikar
11984
12
Rhyolite
Jodhpur
1075823
13
Salt Petre
Sri Ganganagar
195
14
Sandstone
Jodhpur
5778414
15
Serpentine
Udaipur
1073871
16
Slate Stone
Jaipur
18670
17
Stone ballast
Bikaner
4209863

2.      Highest Major Mineral Producing Districts 
   अधिकतम ‘प्रधान खनिज’ उत्पादक जिले-

S.No.
Name of Mineral
District Which Stood First
Production in Tons
1
Cadmium
 Bhilwara
269
2
Copper Ore
Jhunjhunu
980523
3
Iron ore
Bhilwara
429495
4
Lead Zinc (ROM)
 Bhilwara
6149424
5
Lead Conc.
 Bhilwara
110170
6
Zinc Conc.
Bhilwara
1331922
7
Mangnese
Banswara
4987
8
Silver
Rajsamand
160
9
Ball Clay
Bikaner
2474187
10
Barytes
Udaipur
6735
11
Calcite
Udaipur
55944
12
China Clay
Chittorgarh
454055
13
Dolomite
Rajsamand
646608
14
Garnet(Abr.& Crude)
Bhilwara
714
15
Gypsum
Bikaner
1430438
16
Jasper
 Jalore
850
17
Limestone
Sirohi
12553460
18
Lignite
Barmer
4771286
19
Mica
Ajmer
4,300
20
Ochres/ Red Ochre/ Yellow Ochre
Chittorgarh
994800
21
Pyrophylite
Udaipur
21850
22
Quartz
Rajsamand
242991
23
Feldspar
Sikar
679614
24
Rock-Phosphate
Udaipur
1439726
25
Selenite
Bikaner
5697
26
Silica Sand
 Karoli
414620
27
Siliceous earth
Jaisalmer
18426
28
Soapstone
Bhilwara
367137
29
Wollastonite
Sirohi
139799
                      (स्रोत- खान एवं भू-विज्ञान विभाग, राजस्थान)                                      

Comments

  1. This post is very helpful for me. thank you so much for sharing this post. I am waiting for your next post for more information, please visit us Potassium Feldspar Lumps Manufacturers in India

    ReplyDelete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली