Skip to main content

राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र- Current Affairs
वर्ष-२०१२ के लिए ’अणुव्रत लेखक पुरस्कार‘ श्री ललित गर्ग को

अणुव्रत लेखक पुरस्कारवर्ष-२०१२ के लिए लेखक, पत्रकार एवं समाजसेवी श्री ललित गर्ग को प्रदत्त किया जायेगा। इस आशय की घोषणा आज अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष श्री बाबूलाल गोलछा ने अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में जसोल (राजस्थान) में आयोजित भव्य समारोह में की। पुरस्कार के रूप में ५१,०००/- (इक्यावन हजार रुपए) की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं शॉल प्रदत्त की जाती है। श्री गर्ग अणुव्रत पाक्षिक के लगभग डेढ दशक तक संपादक रह चुके हैं एवं अणुव्रत लेखक मंच की स्थापना के समय से सक्रिय रूप से जुडे रहे हैं। अणुव्रत आंदोलन की गतिविधियों में उनका विगत तीन दशकों से निरन्तर सहयोग प्राप्त हो रहा है। नई सोच एवं नए चिंतन के साथ उन्होंने अणुव्रत के विचार-दर्शन को एक नया परिवेश दिया है। समस्याओं को देखने और उनके समाधान प्रस्तुत करने में उन्होंने अणुव्रत के दर्शन को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ एवं वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण के कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनका विशिष्ट योगदान है। विदित हो इससे पूर्व श्री गर्ग को पहला आचार्य श्री महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार प्रदत्त किया गया जिसके अंतर्गत एक लाख रुपये की नगद राशि व प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसके अलावा भी श्री गर्ग को अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुए हैं। राजस्थान के प्रख्यात पत्रकार एवं स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री रामस्वरूप गर्ग के कनिष्ठ पुत्र श्री गर्ग वर्तमान मेंसमृद्ध सुखी परिवारमासिक पत्रिका के संपादक हैं एवं अनेक रचनात्मक एवं सृजनात्मक गतिविधियों के साथ जुडकर समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान प्रदत्त कर रहे हैं। स्वर्गीय हुकुमचंद सेठिया, जलगाँव (महाराष्ट्र) की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले अणुव्रत लेखक पुरस्कार से अब तक श्री धरमचंद चोपडा, डॉ. निजामुद्दीन, श्री राजेन्द्र अवस्थी, श्री राजेन्द्र शंकर भट्ट, डॉ. मूलचंद सेठिया, डॉ. के. के. रत्तू, डॉ. छगनलाल शास्त्री, श्री विश्वनाथ सचदेव, डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम, डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, श्रीमती सुषमा जैन एवं प्रो. उदयभानू हंस सम्मानित हो चुके हैं। श्री गर्ग को यह पुरस्कार शीघ्र ही समारोहपूर्वक प्रदत्त किया जायेगा।

-->
राजस्थानी साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर ने वर्ष 2012-13 के लिए पुरस्कारों की घोषणा कर दी है।
1.      इस वर्ष सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार जैसलमेर के साहित्यकार डॉ. आईदान सिंह भाटी को उनकी काव्य पुस्तक आंख हियै रा हरियल सपनाके लिए दिया गया है। उन्हें 71 हजार रु. प्रदान किए जाएंगे।
2.      पद्य विधा का गणेशलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार राजस्थानी साहित्यकार अजमेर निवासी विनोद सोमानी हंसको उनकी पुस्तक म्हैं अभिमन्युके लिए दिया जाएगा। उन्हें 51 हजार रु. प्रदान किए जाएंगे।
3.      शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार जयपुर के डॉ. गोविंद शंकर शर्मा को उनकी पुस्तक राजस्थानी भाषा शास्त्रके लिए दिया जाएगा। उन्हें भी 51 हजार रु. का पुरस्कार दिया जाएगा।
4.      मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा साहित्यकार पुरस्कार के लिए बीकानेर के कथाकार प्रमोद शर्मा की पुस्तक राम जाणको चयनित किया गया है।  उन्हें भी 51 हजार रु. का पुरस्कार दिया जाएगा।
5.      लेखक की प्रथम प्रकाशित कृति के लिए दिए जाने वाला सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार जोधपुर की कवयित्री किरण राजपुरोहितनितिलाको उनकी कृति ज्यूं सैणी तितलीके लिए मिलेगा। उन्हें 31 हजार रु. का पुरस्कार दिया जाएगा।
6.      राजस्थानी बाल साहित्यकार पुरस्कार सलूम्बर (उदयपुर) की डॉ. विमला भंडारी को उनकी बाल साहित्य की पुस्तक अनमोल भेंटके लिए दिया जाएगा। 

अकादमी के अध्यक्ष श्याम महर्षि के अनुसार इन पुरस्कारों के अलावा  इस वर्ष तीन नए पुरस्कारों के प्रस्ताव भी राज्य सरकार से अनुमोदित हो गए हैं। उनके लिए भी शीघ्र आवेदन मांगे जाएंगे। इस बार पुरस्कारों की राशि भी बढ़ाई गई है। अनुवाद के क्षेत्र में दिए जाने वाला बावजी चतुरसिंह अनुवाद पुरस्कार इस वर्ष अकादमी नियमों के तहत उपयुक्त पुस्तक प्राप्त न होने के कारण घोषित नहीं किया गया है।
 

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान को कांस्यपदक 

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवम्बर, 2012 तक आयोजित 32वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य मंडपों में कांस्य पदक से पुरस्कृत किया गया है। प्रगति मैदान के शाकुंतलम थियेटर में आयोजित भव्य समारोह में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री डॉ. डी. पुरंदेश्वरी ने पुरूस्कार वितरित किए। राजस्थान मंडप की ओर से मंडप निदेशक रवि अग्रवाल ने पुरुस्कार ग्रहण किया। डॉ. पुरंदेश्वरी ने श्री अग्रवाल को कांस्य पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में वर्ष 1979 तथा वर्ष 2002 में राजस्थान को राज्य मंडपों का प्रथम पुरुस्कार एवं वर्ष 2006 में कांस्य पदक प्राप्त हुआ था। राज्य मंडपों का स्वर्ण पदक इस वर्ष असम को एवं रजत पदक केरल को दिया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की इस वर्ष की थीम ‘‘स्किलिंग इंडिया’’ को केन्द्र में रख कर राजस्थान मंडप की साज-सज्जा का कार्य चिरंजन संस्था, दिल्ली के माध्यम से राजस्थान सरकार की नोडल एजेंसी राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री भास्कर चटर्जी के मार्गदर्शन में किया गया।

 

राजस्थान मूल के एन.आर.आई. श्री नीरज जैन महात्मा गांधी प्रवासी गोल्ड मैडल’’ से सम्मानित
राजस्थान मूल के अप्रवासी भारतीय श्री नीरज जैन (हांगकांग) को विदेशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों की सुरक्षा एवं सामाजिक सेवाओं के लिये  हाऊस ऑफ लॉडर्स, लंदन पार्लियामेंट मे महात्मा गांधी प्रवासी गोल्ड मैडल’’ देकर सम्मानित किया गया है।  

 यह सम्मान उन्हें एनआरई वेलफेयर सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से इंटरनेशनल सेक्रेटरी ऑफ हांगकांग, चाइना ’’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में लन्दन पार्लियामेंट की एनर्जी एवं क्लाइमेट चेंज मिनिस्टर ने प्रदान किया। मूलरूप से सवाई माधोपुर जिले में वजीरपुर के रहने वाले श्री नीरज जैन यह पुरस्कार पाने वाले प्रथम अप्रवासी भारतीय व्यवसायी हैं। 

 इससे पहले भी एनआईआई वेलफेयर सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से श्री जैन को उनके सामाजिक कार्यो के लिये हिन्द रत्न अवार्ड’’ देकर सम्मानित किया जा चुका है । वे वर्तमान में हांगकांग में कई प्रमुख पदों पर चाइनीज और भारतीय समुदाय के लिये समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं और उन्हें उनकी इन अतिविशिष्ठ सेवाओं के लिये हांगकांग की गवर्नमेंट पब्लिक फोरम’’ में भी सदस्य बनाया गया है। इसी के साथ हांगकांग में उनकी व्यापारिक सेवाओं को ध्यान में रखते हुए वहां की जेम्स स्टोन मैन्युफेक्चिरिंग एसोसिएशन’’ में चौथी बार वाइस प्रेसिडेंट’’ बनाया गया है।

Comments

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

THE SCHEDULED AREAS Villages of Udaipur district - अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव

अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव- अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें एवं तहसील गिर्वा के 252, तहसील वल्लभनगर के 22 व तहसील मावली के 4 गांव सम्मिलित किए गए हैं। ये निम्नानुसार है- 1. उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें (कोटड़ा, झाडोल, सराड़ा, लसाड़िया, सलूम्बर, खेरवाड़ा, ऋषभदेव, गोगुन्दा) - 2. गिर्वा तहसील (आंशिक) के 252 गाँव - S. No. GP Name Village Name Village Code Total Population Total Population ST % of S.T. Pop to Total Pop 1 AMBERI AMBERI 106411 3394 1839 54.18 2 AMBERI BHEELON KA BEDLA 106413 589 573 97.28 3 AMBERI OTON KA GURHA 106426 269 36 13.38 4 AMBERI PRATAPPURA 106427 922 565 61.28 5 CHEERWA CHEERWA 106408 1271 0 0.00 6 CHEERWA KARELON KA GURHA 106410 568 402 70.77 7 CHEERWA MOHANPURA 106407 335 313 93.43 8 CHEERWA SARE 106406 2352 1513 64.33 9 CHEERWA SHIVPURI 106409 640 596 93.13 10 DHAR BADANGA 106519 1243 1243 100.00 11 DHAR BANADIYA 106...

Scheduled Areas of State of Rajasthan - राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण

राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण (जनगणना 2011 के अनुसार)-   अधिसूचना 19 मई 2018 के अनुसार राजस्थान के दक्षिण पूर्ण में स्थित 8 जिलों की 31 तहसीलों को मिलाकर अनुसूचित क्षेत्र निर्मित किया गया है, जिसमें जनजातियों का सघन आवास है। 2011 की जनगणना अनुसार इस अनुसूचित क्षेत्र की जनसंख्या 64.63 लाख है, जिसमें जनजाति जनसंख्या 45.51 लाख है। जो इस क्षेत्र की जनसंख्या का 70.42 प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र में आवासित जनजातियों में भील, मीणा, गरासिया व डामोर प्रमुख है। सहरिया आदिम जाति क्षेत्र- राज्य की एक मात्र आदिम जाति सहरिया है जो बांरा जिले की किशनगंज एवं शाहबाद तहसीलों में निवास करती है। उक्त दोनों ही तहसीलों के क्षेत्रों को सहरिया क्षेत्र में सम्मिलित किया जाकर सहरिया वर्ग के विकास के लिये सहरिया विकास समिति का गठन किया गया है। क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2.73 लाख है जिसमें से सहरिया क्षेत्र की अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.02 लाख है जो क्षेत्र की कुल जनसंख्या का 37.44 प्रतिशत है।  अनुसूचित क्षेत्र में राजकीय सेवाओं में आरक्षण सम्बन्धित प्रावधान-  कार्मिक (क-...