जयपुर के कलाकार नवीन शर्मा को उनकी 'वंडर-2' के नाम से प्रसिद्ध मिनिएचर पेंटिंग ‘हिस्ट्री एंड इनोग्रेशन ऑफ ताजमहल’ के लिए वर्ष 2010 के लिए भारत सरकार के टेक्सटाइल्स मंत्रालय की ओर से "मास्टर क्रॉफ्ट परसन" की उपाधि के साथ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है जिसमें 1 लाख रुपए की नकद राशि, ताम्रपत्र और अंगरखा का सम्मान शामिल है। ताजमहल पर बनी इस अनोखी पेंटिंग को माह नवंबर 2011 में नई दिल्ली में आयोजित हुए India International Trade Fair 2011 ( IITF 2011 ) में भी प्रदर्शित किया गया जहाँ एक उद्योगपति ने इसे 5 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छा व्यक्त की थी। बताया जाता है कि राजस्थान सरकार ने भी इस कलाकृति की कीमत लगभग 1 करोड़ रुपए आँकी थी लेकिन जानकार बताते हैं कि कई देशों में इसका मूल्य 20 करोड़ रुपए तक का हो सकता है।
इस पेंटिंग में ताजमहल के निर्माण की पूरी गाथा को बहुत ही बारीकी से दर्शाया गया है। इस पेंटिंग के इतनी प्रसिद्ध होने का कारण क्या है, इसके बारे में जानकार बताते हैं कि इसमें मात्र 20 X 24 इंच के आकार में 4 लाख मानव आकृतियों (बादशाह शाहजहाँ, दरबारी, सेना व कामगार आदि) तथा 2 लाख हाथी व उनके सवार को बारीकी से चित्रित किया गया है। इसमें 50 हजार छोटे छोटे ताजमहल व अन्य स्मारक भी चित्रित हैं। इस चित्रकृति की बारीकी को अच्छी तरह से देखने के लिए लेंस का उपयोग करना पड़ता है। इसमें मुमताज के दफनाने से लेकर शाहजहाँ को जेल में बंद करने तक की पूरी दास्तान का चित्रण है। इस अभूतपूर्व ताजमहल की कलाकृति को बनाने में नवीन शर्मा को 4 वर्ष से अधिक समय लगा है। चित्रकार नवीन शर्मा अपनी इस कलाकृति को देश के लिए एक अमूल्य धरोहर बताते हैं, जिसे पुनः बनाया नहीं जा सकता।
इस पेंटिंग में ताजमहल के निर्माण की पूरी गाथा को बहुत ही बारीकी से दर्शाया गया है। इस पेंटिंग के इतनी प्रसिद्ध होने का कारण क्या है, इसके बारे में जानकार बताते हैं कि इसमें मात्र 20 X 24 इंच के आकार में 4 लाख मानव आकृतियों (बादशाह शाहजहाँ, दरबारी, सेना व कामगार आदि) तथा 2 लाख हाथी व उनके सवार को बारीकी से चित्रित किया गया है। इसमें 50 हजार छोटे छोटे ताजमहल व अन्य स्मारक भी चित्रित हैं। इस चित्रकृति की बारीकी को अच्छी तरह से देखने के लिए लेंस का उपयोग करना पड़ता है। इसमें मुमताज के दफनाने से लेकर शाहजहाँ को जेल में बंद करने तक की पूरी दास्तान का चित्रण है। इस अभूतपूर्व ताजमहल की कलाकृति को बनाने में नवीन शर्मा को 4 वर्ष से अधिक समय लगा है। चित्रकार नवीन शर्मा अपनी इस कलाकृति को देश के लिए एक अमूल्य धरोहर बताते हैं, जिसे पुनः बनाया नहीं जा सकता।
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