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राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र-
Rajasthan Current Affairs

दो कृषि महाविद्यालयों की स्थापना होगी, सरकार ने किए 7 करोड़ रुपए मंजूर

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जोधपुर एवं सुमेरपुर (पाली) में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने के लिए 7 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है।
श्री गहलोत ने अपने बजट भाषण में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अन्तर्गत जोधपुर में तथा महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर के अन्तर्गत सुमेरपुर (पाली) में कृषि महाविद्यालय स्थापित किए जाएँगे।


वृद्धों के अलग से इलाज के लिये 50 लाख मंजूर

प्रदेश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में वृद्धों के इलाज की अलग से व्यवस्था के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुरूप 19 जून को 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की हैं। बजट घोषणा के अनुसार वृद्धों के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में जेरियाट्रिक मेडिसिन यूनिट्स की स्थापना की जानी है।

कलाकारों एवं संस्थाओं को मदद के लिये समिति गठित

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 22 जून को राज्य के ख्यातनाम कलाकारों एवं कला संस्थाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी है।
श्री गहलोत ने अपने बजट भाषण में ख्यातनाम कलाकारों एवं कला संस्थाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए दो करोड़ रुपए का प्रावधान करने की घोषणा की थी। समिति निम्न अनुसार है-
1. श्रीमती नीतू राजेश्वर (सचिव, राजस्थान ललित कला अकादमी)- संयोजक
2. रमेश बोराणा (पूर्व अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर)- सदस्य
3. हरिदत्त कल्ला (जवाहर कला केन्द्र , जयपुर)- सदस्य
4. संगीत विशेषज्ञ पण्डित चिरंजीलाल तंवर- सदस्य
5. चित्रकला विशेषज्ञ श्री नाथूलाल वर्मा- सदस्य
6. श्रुतिमंडल, जयपुर के सचिव श्री सुधांशु पाण्डे- सदस्य
7. श्रीमती चन्द्रमणि सिंह- सदस्य
8. श्री विनय शर्मा (प्रदर्शनी अधिकारी, राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर)- सदस्य सचिव


सेवण घास विकास योजना के लिए 1 करोड़ 12 लाख स्वीकृत-

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 6 जून को पश्चिमी राजस्थान में पशुधन चारे के लिए उपयोगी 'सेवण' घास के विकास की योजना के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। श्री गहलोत ने अपने बजट भाषण में पश्चिमी राजस्थान में 400 हैक्टेयर क्षेत्र का चयन कर पशुधन के लिए सेवण घास विकसित करने की योजना क्रियान्वित करने की घोषणा की थी।

सहरिया, खैरूआ तथा कथौड़ी जनजातियों को मिलेगा 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार

22 जून को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सहरिया, खैरूआ एवं कथौड़ी जनजाति के परिवारों को मनरेगा के अन्तर्गत 100 दिन का रोजगार पूरा करने पर राज्य मद से 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री द्वारा विगत वर्ष में सहरिया, खैरूआ एवं कथौड़ी परिवारों को मनरेगा में 100 दिन के रोजगार के अलावा राज्य मद से 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया गया था।

जस्टिस भंडारी बने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश-

हाल ही में हेग (नीदरलैंड) स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ लेकर जोधपुर में जन्मे श्री दलवीर भंडारी ने राजस्थान के साथ ही विश्व में भारत के नाम को भी गौरवान्वित किया है। श्री भंडारी भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश बनने वाले वे राजस्थान के दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पूर्व डूंगरपुर के डॉ. नागेन्द्र सिंह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश रहने के साथ ही मुख्य न्यायाधीश के आसन को भी सुशोभित कर चुके हैं। हेग के ’’एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल लॉ ऑडिटोरियम’’ में हुए समारोह में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के नए सदस्य के रूप में जस्टिस भंडारी को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई गई। जस्टिस भंडारी को यूनाईटेड नेशंस की जनरल एसेंबली एवं सिक्योरिटी काउंसिल ने 27 अप्रैल को भारी बहुमत से कोर्ट का सदस्य चुना था। जोधपुर में जन्मे जस्टिस भंडारी का कार्यकाल 5 फरवरी 2018 तक होगा।

प्राकृत के डॉ. उदयचंद जैन को मिला ’राष्ट्रपति सम्मान‘

प्राकृत भाषा के प्रसिद्ध विद्वान डॉ. उदयचंद जैन को 19 जून को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील ने ’राष्ट्रपति सम्मान‘ प्रदान किया। डॉ. जैन को यह सम्मान उनके प्राकृत व पालि भाषा में किए गए मौलिक विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा यह सम्मान प्रतिवर्ष संस्कृत, प्राकृत-पालि, अरबी, फारसी इत्यादि भाषाओं में विशिष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिया जाता है। गत 27 वर्षों से उदयपुर में कार्यरत डॉ. जैन का जन्म 2 अप्रैल 1947 को मध्यप्रदेश के बम्हौरी (छतरपुर) में हुआ था। श्री जैन ने जबलपुर एवं बनारस में अध्ययन करते हुए शास्त्राचार्य (बी.एच. यू से स्वर्ण पदक) उपाधि प्राप्त की तथा जैन व अन्य दर्शनों के अध्ययन अध्यापन के लिए अपना कार्यक्षेत्र उदयपुर बनाया। सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के जैन विद्या एवं प्राकृत विद्या के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जैन अप्रैल 2007 में सेवानिवृत्त हुए थे। प्राकृत के आशुकवि एवं योग्य लेखक डॉ जैन द्वारा लिखित प्राकृत हिन्दी शब्दकोष, संस्कृत हिन्दी शब्दकोष, संस्कृत प्राकृत हिन्दी एवं अंग्रजी शब्दकोष विश्वविख्यात हैं। डॉ. जैन को द्विवागीष पुरस्कार 1994, अनेकान्त पुरस्कार अहमदाबाद 1994, कुन्द-कुन्द ज्ञानपीठ इन्दौर पुरस्कार 1996, पर्यावरण पुरस्कार 2002, प्रशांत मूर्ति पुरस्कार 2007 सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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