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राजस्थान महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाचक्र
Important Rajasthan Current Affairs

होटल 'शिव निवास पैलेस' को राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार 2010-11 में सर्वश्रेष्ठ हेरिटेज ग्रांड कैटेगरी अवार्ड

केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स की इकाई उदयपुर स्थित होटल 'शिव निवास पैलेस' को राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार 2010-11 में सर्वश्रेष्ठ हेरिटेज ग्रांड कैटेगरी से नवाजा है। 29 फरवरी 2012 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने यह पुरस्कार एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स, उदयपुर के कार्यकारी निदेशक लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को प्रदान किया। उनके साथ एमएमसीएफ की स्वावलंबन परियोजना की मुख्य कार्यकारी अधिकारी वृंदा राजे सिंह भी थीं।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि विगत डेढ़ दशक से होटल शिव निवास पैलेस ने हेरिटेज ग्रांड कैटेगरी अवार्ड पर दबदबा बनाए रखा है।

राजस्थान के रजत चौहान ने तीरंदाजी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण के साथ रजत भी जीता

राजस्थान के युवा तीरंदाज रजत चौहान ने कॅरिअर के पहले ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन करते हुए बैंकॉक में चल रही एशियन ग्रांप्री तीरंदाजी में कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीता, जबकि व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। मिश्रित टीम में उन्होंने झानू हंसदा के साथ मिलकर फाइनल में म्यांमार की टीम को 151-148 से हराया। व्यक्तिगत स्पर्धा के फाइनल में रजत चौहान हालांकि स्वर्ण पदक के करीब पहुंच गए थे, लेकिन टाईब्रेकर में उन्हें भारत के ही चितिबोमा जिग्नस से हार का सामना करना पड़ा।
रिकर्व वर्ग में भारत के मंगल सिंह चंपिया और चोकरो वेलूस्वुरो को फाइनल में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों के हाथों शिकस्त से क्रमश: पुरुष व महिला वर्ग में रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा। इस चैंपियनशिप के कंपाउंड वर्ग में शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने शनिवार 18 फरवरी को व्यक्तिगत वर्ग में एक स्वर्ण समेत तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता। वहीं टीम स्पर्धा में भारत को दो स्वर्ण पदक मिले।

कुंभलगढ़ और सीतामाता अभयारण्य घोषित हो सकते हैं बहु प्रजाति संरक्षण क्षेत्र

कुंभलगढ़ और सीतामाता अभयारण्य को अब बहु प्रजाति संरक्षण क्षेत्र घोषित किया जाएगा। इनके लिए अभी तक फंडिंग कर रही डेनिस सरकार की ओर से गत सप्ताह डेनिडा से साइंटिस्ट दल का दौरा हो चुका है। इस दल ने रिपोर्ट तैयार कर विलुप्त हो रहे पौधों की प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में इन दोनों क्षेत्रों को बहु प्रजाति संरक्षित क्षेत्र घोषित करने के लिए सहमति जताई है। इन दोनों अभयारण्यों को अभी एक-एक प्रजाति के संरक्षण के लिए चुना हुआ है। गौरतलब है कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेज (आईयूसीएनएनआर) की ओर से विश्व में विलुप्त हो रही पादप तथा जंतु प्रजातियों के संरक्षण की कार्य चल रहा है।
इसी के तहत दक्षिण राजस्थान में भी चार क्षेत्र प्रजातियों के लिए संरक्षित हैं। उक्त टीम में डेनिडा कॉपन हेजल के साइंटिस्ट जी. ग्राउडल, उनके स्टूडेंट, सेवानिवृत आईएएस ऑफिसर डॉ. आर.वी. सिंह ने दौरा किया था।
उक्त दल अपनी रिपोर्ट को आईयूसीएनएनआर और डेनिस सरकार को सौंपेगा। पॉलिसी लेवल पर अनुमति मिलने के बाद विलुप्त हो रही सालम मिस्री, खीप डेल, विदारी कंद, जंगली अदरक सहित 12 पादप प्रजातियां भी संरक्षित हो सकेंगी। अभी तक कुंभलगढ़ अभयारण्य को सालर पौधा और सीतामाता अभयारण्य को चारौली (चिरौंजी) के पौधे के लिए संरक्षित किया गया है।
टीम ने दौरे के दौरान पाया कि इन क्षेत्रों में वे पादप प्रजातियां भी मौजूद हैं, जो विलुप्त हो रही हैं, ऐसे में एक प्रजाति के बजाए इन क्षेत्रों को बहु प्रजाति संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जा सकता है।

राजस्थान विशेष न्यायालय विधेयक 2012 के प्रारूप का मंत्रिमंडल में अनुमोदन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान विशेष न्यायालय विधेयक 2012 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया, जिसमें आय से अधिक संपत्ति को कुर्क करने का प्रावधान रखा गया है।
इस विधेयक के माध्यम से प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी पहल की है। प्रस्तावित विधेयक में भ्रष्टाचार के प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के साथ ही आय से अधिक अर्जित संपति की कुर्की कर उसको राजकीय सम्पति घोषित करने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रदेश में कार्यरत 6 विशिष्ट न्यायालयों के अतिरिक्त सात न्यायालय और सृजित करने की भी व्यवस्था है। सरकार के अधिकारिक सूत्रों ने मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी को प्रेस को देते हुए बताया कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार निवारण की मंशा की दृष्टि से यह विधेयक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस विधेयक के माध्यम से भ्रष्टाचार प्रकरणों का निस्तारण एक वर्ष के भीतर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।


10.97 प्रतिशत रहा प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद

राज्यपाल शिवराज पाटील ने विधानसभा के सत्र में अपने अभिभाषण में कहा है कि राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक रहे है। देश का सकल राज्य घरेलू उत्पादन 8.39 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जबकि राज्य का 10.97 प्रतिशत रहा है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर 6.35 प्रतिशत के मुकाबले राज्य में 9.39 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

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