Skip to main content

CURRENT AFFAIRS समसामयिक घटनाचक्र 26.01.2011

राष्ट्रीय युवा महोत्सव उदयपुर में आयोजित

देश की अखंडता, एकता और भाईचारा कायम करने के उद्देश्य से सोलहवाँ राष्ट्रीय युवा महोत्सव (नेशनल यूथ फेस्टिवल) उदयपुर में दिनांक 12 से 16 जनवरी 2011 तक आयोजित किया गया। राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी (स्वामी विवेकानंद जयंती) को इसका उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने उद्घाटन किया। इस महोत्सव की थीम थी- ‘सबसे पहले भारत’।
इस महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष युवा मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

पद्म पुरस्कार में राजस्थान

राजस्थान की धुरंधर डिस्कस थ्रो खिलाड़ी कृष्णा पूनिया, विख्यात लेखक डॉ.सी.पी. देवल व फिल्म अभिनेता इरफान खान को इस वर्ष के पद्मश्री से जबकि आईसीआईसीआई बैंक की एमडी व सीईओ जोधपुर में जन्मी चंदा कोचर को पद्मभूषण से नवाजा जाएगा। ये सम्मान मार्च या अप्रेल में दिए जाएंगे। एथलीट कृष्णा ने राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्णिम कामयाबी प्राप्त की थी तथा अजमेर के डॉ. देवल कई कविता, कहानी संग्रह लिख चुके हैं जबकि जयपुर के इरफान भारतीय फिल्म, टीवी व रंगमंच की दुनिया में अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से शिक्षित इरफान खान ने द वारियर व मकबूल जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया है।

राजस्थान की प्रकाश ने बनाया राष्ट्रीय रिकार्ड

महिला हॉकी टीम में राजस्थान की सेंटर फारवर्ड प्रकाश चौधरी ने त्रिपुरा के खिलाफ दिनांक 24 जनवरी को 32 गोल दागकर अपना नाम राष्ट्रीय रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया। उनके शानदार प्रदर्शन के बल पर राजस्थान ने राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप के लीग मैच में 34-0 से जीत दर्ज की। प्रकाश ने सबको मंत्रमुग्ध करते हुए 32 गोल किए, जिसमें दस हैट्रिक शामिल हैं। यह मैच पानीपत के मोतीलाल नेहरू खेल स्कूल में खेला गया था।


(राजस्थान के पद्मश्री पाने वाले खिलाड़ी-

श्रीराम सिंह : एथलेटिक्स,
रघुवीर सिंह : घुडसवारी,
भुवनेश्वरी कुमारी : स्क्वैश,
राज्यवर्द्धन सिंह : शूटिंग,
कृष्णा पूनिया : चक्काफेंक)


बत्रा एशियाई हॉकी महासंघ के उपाध्यक्ष-

हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा को कुआलालम्पुर में हुई बैठक में एशियाई हॉकी महासंघ (एएचएफ) का उपाध्यक्ष चुना गया। उपाध्यक्ष की पद की दौड़ में 11 उम्मीदवार थे। अब वे 2014 तक यह पदभार संभालेंगे।

सीनियर नेशनल टेबल टेनिस में पुरुष युगल में चैंपियन बने देवेश व जुबिन-

कोलकाता के नेताजी सुभाषचंद इनडोर स्टेडियम में आयोजित हुई सीनियर नेशनल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में राजस्थान के देवेश कारिया व जुबिन कुमार की जोड़ी ने नया इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस जोड़ी ने सेमीफाइनल में कॉमनवेल्थ खेल 2010 के चैंपियन शरत कमल व सुभाजीत साहा को तथा फाइनल में सोविक कार व सौरव साहा को हराया। राजस्थान ने सीनियर चैंपियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीता है। ये दोनों खिलाड़ी अजमेर की पेट्रोलियम टेबल टेनिस एकेडमी के प्रशिक्षु रहे हैं।

डॉ. सी. पी. जोशी का मंत्रालय बदला

19 जनवरी को मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले फेरबदल में कैबिनेट मंत्री एवं भीलवाड़ा के सांसद डॉ. सी. पी. जोशी का मंत्रालय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की जगह सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग कर दिया गया।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस


भारत में मतदाताओं को और अधिक जागरुक बनाने तथा उन्हें मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ 25 जनवरी को संपूर्ण देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया। इस दिन नए मतदाताओं को प्रशासन द्वारा निष्पक्ष मतदान शपथ दिलाई। इस अवसर पर नए मतदाताओं को एक बैज (बिल्ला) भी दिया गया, जिसमें लोगो (प्रतीक चिह्न) के साथ नारा अंकित था- "मतदाता बनने पर गर्व है, मतदान को तैयार हैं।" मतदाता दिवस आयोजन के तहत देशभर में मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज भी किए गए।
ध्यातव्य है कि 25 जनवरी, 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी अतः भारत सरकार द्वारा 25 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।


बीकानेर में हुआ ऊँट उत्सव


राजस्थान के पर्यटन विभाग व बीकानेर जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से भव्य 'अठारवाँ ऊंट उत्सव' बीकानेर में दिनांक 18 से 20 जनवरी 2011 तक आयोजित किया गया। इसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, रेगिस्तानी जहाज ऊंटों के उपयोग की शोभायात्रा, ऊंट नृत्य, ऊंट श्रृंगार तथा ऊंटों की बाल कतराई प्रतियोगिता, मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा व श्रीमती बीकाणा प्रतियोगिता आदि आयोजित की गई। इस उत्सव में ऊंट सवारी प्रतियोगिता, ग्रामीण कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, महिला मटका फोड़, धोरा दौड़, मोटर बाइक रेस प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ। उत्सव के दौरान महिला म्यूजिकल चैयर शो, रस्सा कस्सी, ऊंट दौड़ प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश-विदेश में विख्यात गुलाबों व पार्टी ने कालबेलिया नृत्य, बीकानेर की मानसी सिंह पंवार एवं पार्टी ने भवई नृत्य, बारां जिले की फुलवां ने चकरी नृत्य, पाली की गंगा देवी ने बाबा रामदेव के भजन पर तेरह ताली नृत्य कर सराहना प्राप्त की। यहाँ कलाकारों द्वारा अग्नि नृत्य भी किया गया।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली