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रामस्वरूप किसान को राजस्थानी कहानी संग्रह ''बारीक बात'' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार

रामस्वरूप किसान को राजस्थानी कहानी संग्रह ''बारीक बात'' एवं नंद किशोर आचार्य को उनकी काव्य कृति ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 

साहित्य अकादमी ने 23 भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 पाने वाले लेखकों के नामों की घोषणा कर दी है। हिंदी भाषा में नंद किशोर आचार्य को उनकी काव्य कृति ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 से नवाजा जाएगा। नंदकिशोर आचार्य हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। इनका जन्म राजस्थान के बीकानेर में 31 अगस्त 1945 को हुआ था। तथागत (उपन्यास), अज्ञेय की काव्य तितीर्षा, रचना का सच और सर्जक का मन (आलोचना) देहांतर, गुलाम बादशाह और पागलघर (नाटक), जल है जहाँ, वह एक समुद्र था, शब्द भूले हुए, आती है मृत्यु, रेत राग (कविता संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। उन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्च मीरा पुरस्कार, राज. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, डॉ. घासीराम वर्मा पुरस्कार, महाराणा कुम्भा पुरस्कार एवं भुवनेश्वर पुरस्कार आदि से भी सम्मानित किया जा चुका है।
 
इन पुरस्कारों की सिफारिश 23 भारतीय भाषाओं के प्रतिनिधित्व वाले प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों द्वारा की गई की जिन्हें साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड ने साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबर की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी।
नंद किशोर आचार्य


अंग्रेजी भाषा के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शशि थरूर को उनकी पुस्तक 'एन एरा ऑफ डार्कंनेस (An Era of Darkness)’ के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। ये पुस्तक ब्रिटिश काल पर लिखी गई है। 
शशि थरूर


राजस्थानी भाषा के लिए परलीका, हनुमानगढ के रामस्वरूप किसान को उनके राजस्थानी कहानी संग्रह ''बारीक बात'' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 से नवाजा जाएगा।  किसान को पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपए की राशि, स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट किए जाएंगे। किसान राजस्थानी में नई धारा के प्रमुख हस्ताक्षर माने जाते हैं।
14 अगस्त 1952 को हनुमानगढ के गांव परलीका में जन्में रामस्वरूप किसान की अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा वे कथा प्रधान राजस्थानी तिमाही 'कथेसर' के संपादक भी हैं। ‘आ बैठ बात करां’, ‘कूक्यो घणो कबीर’, ‘हिवड़ै उपजी पीड़’ काव्य-कृतियों तथा ‘हाडाखोड़ी’, ‘तीखी धार’ तथा ‘बारीक बात’ कथाकृतियों के साथ-साथ लघुकथा की ‘सपनै रो सपनो’ कृति किसान की प्रमुख कृतियों में शामिल हैं। उन्हें साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार, राजस्थानी भाषा-साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा पुरस्कार कथाकृति ‘हाडाखोड़ी’ पर एवं कथा-दिल्ली संस्था का 1997 में कथा पुरस्कार, ज्ञानभारती संस्थान, कोटा का गौरीशंकर कमलेश पुरस्कार, प्रयास संस्थान द्वारा राजस्थानी कथा साहित्य के लिए बैजनाथ पंवार कथा साहित्य पुरस्कार कथाकृति ‘बारीक बात’ के लिए सहित अनेक मान-सम्मान मिल चुके हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय-जयपुर तथा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-राजस्थान, अजमेर के पाठ्यक्रम में उनकी राजस्थानी कहानी 'गा कठै बांधूं', राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी उदयपुर में कविता संग्रह 'आ बैठ बात करां' तथा क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बैंगलोर (कर्नाटक) व महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी कोट्टायम (केरला) के पाठ्यक्रम में राजस्थानी कहानी 'दलाल' का अंग्रेजी अनुवाद 'द ब्रोकर' शामिल है। वहीं उनकी कहानी 'दलाल' नब्बे के दशक की भारतीय भाषाओं की 11 सर्वश्रेष्ठ कहानियों में शामिल रही है।

इस पुरस्कार के लिए प्रक्रिया शुरू होने से पहले के पाँच वर्ष के दौरान (1 जनवरी 2013 और 31 दिसंबर 2017 के बीच) पहली बार प्रकाशित पुस्तकों को चुना गया।
ये पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित साहित्य उत्सव के दौरान 25 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में इन पुस्तकों के लेखकों को प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार के रूप में तांबे की पट्टिका,  एक शॉल और एक लाख रूपया नकद भेट की जाएगी।


रामस्वरूप किसान

ये है साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 की पूरी सूची -

भाषा पुस्तक और विधा लेखक
असमिया चाणक्य (उपन्यास) जयश्री गोस्वामी महंत
बांग्ला घुमेर दरजा ठेले (निबंध) चुन्मय गुह
बोडो आखाइ आथुमनिफ्राय (कविता) फुकन चंद्र बसुमतारी
डोगरी बंदरालता दर्पण (निबंध) ओम शर्मा 'जंद्रयाड़ी'
अंग्रेजी एन एरा ऑफ डार्कंनेस (कथेतर गद्द) शशि थरूर
गुजराती  मोजमा रे वुं रे ! (निबंध) रतिलाल बोरीसागर
हिंदी छीलते हुए अपने को (कविता) नंदकिशोर आचार्य
कन्नड कुड़ी एसारू (आत्मकथा) विजया
कश्मीरी अख याद अख कयामत (कहानी संग्रह) अब्दुल अहद हाजिनी
कोंकणी ध वर्डस (कविता) निलबा आ. खांडेकार
मैथिली जिनगीक ओरिआओन करैत (कविता) कुमार मनीष अरविंद
मलयालम अचन पिरन्ना वीदु (कविता) वी. मधुसूदनन नायर
मणिपुरी ऐ अदमी अदुड़ैगी इथत (उपन्यास) बेरील थांगा (एल. बीरमंगल सिंह)
मराठी कदाचित अजूनही (कविता) अनुराधा पाटील 
ओड़िया भास्वती (कहानी संग्रह) तरुण कांति मिश्र
पंजाबी अंतहीन (कहानी संग्रह) किरपाल कजाक
राजस्थानी बारीक बात (कहानी संग्रह) रामस्वरूप किसान
संस्कृत प्रज्ञाचाक्षुषम् (कविता) पेन्ना-मधुसूदन:
संताली सिसिरजाली (कहानी संग्रह) काली चरण हेम्ब्रम
सिंधी जीजल (कहानी संग्रह) ईश्वर मूरजाणी
तमिल सूल (उपन्यास) चो. धर्मन
तेलुगु सेप्ताभूमि (उपन्यास) बंदि नारायण स्वामी
उर्दू सवनेह-ए-सर सैयद : एक बाजजीद (जीवनी) शाफे किदवई

वर्ष 1954 में अपनी स्थापना के समय से ही साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त भारत की प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जिसे वर्ष 1983 में बढ़ाकर 10,000/- रुपए कर दिया गया, फिर वर्ष 1988 में बढ़ाकर 25,000/- रुपए, वर्ष 2001 से 40,000/- रुपए, सन 2003 में 50,000/- रुपए और फिर 2010 में इसे बढ़ाकर 1,00,000/- रुपए कर दिया गया। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए थे।

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