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100 Important Facts About Geography of Rajasthan - राजस्थान के भूगोल से संबंधित महत्वपूर्ण 100 तथ्य -

राजस्थान के भूगोल से संबंधित महत्वपूर्ण 100 तथ्य-

1.         घग्घर नदी भारत के (शिमला) हिमाचल प्रदेश राज्य से निकलती है
2.         घग्घर नदी शिवालिक की पहाड़ियों से निकलकर पंजाब में बहती है
3.         घग्घर नदी हिमाचल प्रदेश से पंजाब, हरियाणा होते हुए राजस्थान में प्रदेश करती है।
4.         घग्घर नदी राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले से प्रदेश करती है
5.         घग्घर नदी हनुमानगढ़ जिले में लगभाग 03 किमी. प्रवाहित होती है
6.         पूर्वी मैदानी भाग में वार्षिक वर्षा का औसत 60 से 100 सेमी. तक है
7.         कटे-फटे पठार दक्षिण-पूर्वी पठारी प्रदेश का हिस्सा हैं
8.         दक्षिण राजस्थान में पठारी भाग बाँसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों में फैला हुआ है
9.         दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में पठारी भाग कोटा, बूँदी, झालावाड़ और सवाई माधोपुर जिलों में फैला हुआ है
10.       हाड़ौती पठारी भाग दो पृथक-पृथक क्षेत्रों में बँटा हुआ है।
11.       हाड़ौती पठारी भाग विन्घ्य स्कार्पलैण्ड और दक्षिण लावा पठार नामक क्षेत्रों में बँटा है।
12.       हाड़ौती पठार मुख्यतः कोटा और बूँदी जिलों में फैला हुआ है।
13.       हाड़ौती पठारी क्षेत्र में मुख्यतः काली उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है।
14.       हाड़ौती पठार क्षेत्र का निर्माण प्रारम्भिक ज्वालामुखी चट्टानों से हुआ है।
15.       दक्षिणी लावा का पठार मुख्यतः चित्तौड़गढ़, बाँसवाड़ा और झालावाड़ जिलों में फैला हुआ है।
16.       दक्षिणी लावा पठार की मिट्टी भी काली उपजाऊ है।
17.       पठारी क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी में कपास, अफीम, तम्बाकू और गन्ने की फसलें होती हैं।
18.       पठारी क्षेत्र की फसलें मिट्टी से रासायनिक लवणों का शोषण करती हैं
19.       इमारती पत्थर जैसे- पट्टियाँ, चौके आदि धौलपुर करौली के सीमित क्षेत्र के पठारी प्रदेश में मिलता है
20.       सम्पूर्ण पठारी क्षेत्र में नदियों के बहाव के कारण कटे-फटे भाग अधिक दिखाई देते हैं।
21.       कटे-फटे क्षेत्रों के पहाड़ी भागों को पठार कहते हैं
22.       पठारी क्षेत्र के निचले भागों में खेती की जाती है
23.       पठारी क्षेत्र के पहाड़ी भागों पर उष्ण कटिबंधीय वन हैं, जो अब धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं
24.       राजस्थान में दो प्रकार की झीलें (खारे पानी मीठे पानी ) पाई जाती हैं
25.       खारे पानी की सभी झीलें राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित हैं
26.       भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील राजस्थान में स्थित है
27.       भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील का नाम सांभर झील है
28.       भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील 'सांभर' जयपुर से 65 किमी. दूर फुलेरा रेलमार्ग के समीप स्थित है
29.       खारे पानी की सबसे बड़ी झील साम्भर की लम्बाई लगभग 32 किमी तथा चौड़ाई 03 से 12 किमी. है
30.       पचपदरा (पंचभद्रा) झील बाड़मेर जिले में बालोतरा के समीप है
31.       राजस्थान में उच्चकोटि के नमक के लिए प्रसिद्ध खारे पानी की झील पचपदरा है
32.       पचपदरा झील का नमक उच्चकोटि का होने का कारण इसमें सोडियम क्लोराइड की मात्रा 98 प्रतिशत है
33.       फलौदी तहसील की खारे पानी की झील राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है
34.       खारे पानी की डीडवाना झील नागौर जिले में स्थित है
35.       लूणकरनसर खारे पानी की झील राज्य के बीकानेर जिले में स्थित है
36.       जयसमंद मीठे पानी की झील राज्य के उदयपुर जिले में है
37.       जयसमंद झील कृत्रिम झील है
38.       कांकरोली राजस्थान के राजसमंद जिले का पनाम है
39.       राजसमंद मीठे पानी की झील राजसमंद में ही है
40.       अजमेर में तीन तरफ पहाड़ियों से घिरी मीठे पानी की झील- पुष्कर झील
41.       पिछौला मीठे पानी की झील राज्य के उदयपुर शहर में स्थित है
42.       फतहसागर मीठे पानी की झील उदयपुर नगर में ही है
43.       रामगढ़ मीठे पानी का बाँध जयपुर में स्थित है
44.       कायलाना बाँध या मीठे पानी की झील जोधपुर नगर में स्थित है
45.       जयसमंद सीलीसेढ़ नामक मीठे पानी की झीलें अलवर के समीप स्थित हैं
46.       माही बजाज सागर बाँसवाड़ा जिले से सम्बद्ध है
47.       खारे पानी की सांभर झील प्राकृतिक है
48.       मीठे पानी की पुष्कर झील भी प्राकृतिक है
49.       माउण्ट आबू की नक्की झील पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्ध है
50.       राजस्थान के अधिकांश भाग में मरुस्थलीय जलवायु पाई जाती है
51.       राज्य में मुख्यतः तीन (गर्मी, वर्षा सर्दी) मौसम ही होते हैं
52.       राज्य में मौसम का क्रम गर्मी, वर्षा सर्दी है
53.       राज्य में गर्मी का मौसम मार्च से जून तक रहता है
54.       सर्वाधिक गर्मी मई और जून में ही होती है
55.       राजस्थान में ही नहीं भारत में भी अपने उच्चतम तापमान के लिए प्रसिद्ध जिले- जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, बाड़मेर, जोधपुर आदि।
56.       मई माह का औसत दैनिक तापमान के अध्ययन बताते हैं कि जैसलमेर जिले का उत्तरी भाग, बीकानेर का पश्चिमी और कोटा जिले का पूर्वी भाग सर्वोच्च तापमान के लिए जाने जाते हैं
57.       सिरोही जिले के पर्वतीय भागों में अधिक ऊँचाई के कारण वार्षिक वर्षा का औसत तापमान कम  28o-30o सेल्सियस रहता है ।
58.       गर्मियों में राज्य में तापमान अधिक रहने के कारण वायु का दबाव कम हो जाता है
59.       राज्य में आँधियों का मुख्य कारण वायु के निम्न दबाव वाले क्षेत्रों में वायु की कमी को पूरा करने के लिए चारों ओर से तेज हवाएँ आना है
60.       पूर्वी राजस्थान में गर्मियों के मौसम में 08 से 15 दिन तथा पश्चिमी राजस्थान में 28 से 35 दिन तक धूल भरी हवाएँ चलती हैं
61.       गर्मी के मौसम में राज्य की वायु में नमी की कमी हो जाती है
62.       वायुमण्डल की नमी को सापेक्ष आर्द्रता में व्यक्त किया जाता है
63.       गर्मियों में राज्य के वायुमण्डल में  सापेक्ष आर्द्रता औसतन 10 से 45 प्रतिशत रहती है
64.       आर्द्रता की कमी के फलस्वरूप ही दिन में लू चलती है
65.       गर्मी के मौसम में राजस्थान के पश्चिमी (मरुस्थलीय) क्षेत्र में दैनिक तापमानों में भारी अन्तर रहता है।
66.       रेत के मोटे कणों की विशेषता होती है कि दिन में शीघ्र ही ताप सोखते हैं और रात के समय बहुत जल्दी ही ताप का विकीर्णन कर देते हैं
67.       राजस्थान में वर्षा का मौसम जून के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ होकर सितम्बर के अंतिम या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक रहता है।
68.       भारत की तरह राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है
69.       दक्षिण-पश्चिम मानसून की दो शाखाएँ (बंगाल की खाड़ी की शाखा अरब सागर की शाखा) हैं
70.       दक्षिण-पश्चिम मानसून की दोनों शाखाओं का लाभ राजस्थान को मिलता है
71.       समुद्र से बहुत दूरी पर स्थित होने के कारण राज्य का वार्षिक वर्षा औसत 10 से 125 सेमी. तक पाया जाता है
72.       राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा (औसत 100-125 सेमी. वार्षिक) माउण्ट आबू पर्वतीय क्षेत्र में होती है
73.       माउण्ट आबू राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है
74.       राज्य में वर्षा विभाजक का कार्य अरावली पर्वत करता है
75.       राज्य के डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ पाली जिले के कुछ भागों में वर्षा का औसत 75 सेमी. से अधिक रहता है
76.       अरावली पर्वत के पूर्वी भाग में अधिक पश्चिमी भाग में कम वर्षा होती है
77.       मानसून लौटने का समय सितम्बर-अक्टूबर के महीने हैं
78.       बाजरा, ज्वार, दालें, मूँगफली खरीफ की फसलें हैं
79.       असिंचित क्षेत्रों में फसलों के लिए वर्षा जून से सितम्बर के मध्य (मानसूनी) ही होती है
80.       बरसात के मौसम में राज्य में सापेक्ष आर्द्रता बढ़ (दिन में औसतन 45 रात में 70 प्रतिशत) जाती है
81.       आर्द्र बरसाती हवाएँ भारत के दक्षिण पूर्वी भागों तक ही बहती हैं
82.       राजस्थान में सर्दी का मौसम नवम्बर से मार्च के मध्य तक ही रहता है
83.       राज्य में जनवरी का महीना सबसे सर्द समझा जाता है
84.       जनवरी में राज्य के चूरू, बीकानेर, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, फलौदी, जैसलमेर क्षेत्रों का तापमान -30 सेल्सियस तक चला जाता है, जो कि पानी के जमाव बिन्दु से भी कम होता है
85.       राज्य के उत्तरी पश्चिमी भागों में शीतकालीन वर्षा भी होती है
86.       शीतकालीन वर्षा को मावठ (महावट) कहते हैं
87.       शीतकालीन वर्षा का औसत 05-10 सेमी. तक रहता है
88.       शीतकालीन वर्षा रबी की फसलों के लिए लाभदायक रहती है
89.       गेंहूँ, जौ, सरसों, चने की खेती रबी की फसल के अंतर्गत आती हैं
90.       शीतकालीन वर्षा का मुख्य कारण भूमध्यसागरीय चक्रवात होते हैं
91.       भूमध्यसागरीय चक्रवात यूरोपीय क्षेत्रों में ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि देशों से होते हुए उत्तर भारत में प्रदेश करते हैं
92.       भूमध्यसागरीय चक्रवात से हिमालय के क्षेत्र में भारी हिमपात होता है
93.       हिमपात के कारण चलने वाली तेज गति की हवाओं को शीत लहर कहते हैं
94.       राज्य में सर्दी के मौसम के बाद मार्च के मध्य से तापमान फिर बढ़ने लगता है
95.       तापक्रम, वर्षा और आर्द्रता के आधार पर राज्य को चार मुख्य प्रदेशों में बाँटा जा सकता है
96.       शुष्क प्रदेश के अंतर्गत सम्पूर्ण जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर का उत्तरी, बीकानेर का पश्चिमी और श्री गंगानगर का दक्षिणी भाग आता है
97.       अर्द्ध शुष्क प्रदेश में पश्चिमी राजस्थान के श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेंर, चूरू, झुंझुनूँ, सीकर, नागौर, पाली जालौर जिले शामिल हैं
98.       उप आर्द्र प्रदेश में पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, बूँदी, करौली चित्तौड़गढ़ जैसे जिले आते हैं
99.       आर्द्र प्रदेश के अंतर्गत राज्य के दक्षिणी जिले झालावाड़, बाँसवाड़ा, डूँगरपुर उदयपुर आदि शामिल हैं
100.        चार मुख्य प्रदेशों में सर्वाधिक वर्षा आर्द्र प्रदेश में सबसे कम शुष्क प्रदेश में होती है।

Comments

  1. विनम्र अनुरोध --

    राजस्थान के भूगोल से संबंधित उक्त 100 महत्वपूर्ण तथ्य अगर आपको अच्छा लगे तो मुख्य पृष्ठ पर जाकर वहाँ पर comment जरुर करें..

    ReplyDelete
  2. awesome website good work. Thankyou

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद अमित जी.. आपका कोटिशः आभार...

      Delete

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