Skip to main content

The Bureau of Investment Promotion (BIP), Rajasthan- निवेश संवर्धन ब्यूरो, राजस्थान -


Rajasthan, the largest state of India, shares its boundary with the states of Punjab, Haryana, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh and Gujarat. Rajasthan enjoys proximity to the largest urban conglomerate of Delhi-NCR region. The Delhi-NCR region is constituted of 20 districts which have high growth potential. Some districts have established a strong industrial base, providing investors in Rajasthan easy market linkage with respect to supply and demand.  Rajasthan offers tremendous investment opportunities in various sectors like Auto & Engineering, Renewable Energy, Tourism, ESDM and Mines & Minerals.
 The Bureau of Investment Promotion (BIP) is the agency in charge of investment promotion and single window clearances in the state of Rajasthan, India. BIP also plays a significant role in developing investment policies for the State. The head quarter of this bureau is at Udyog Bhawan, Tilak Marg, Jaipur (Rajasthan).
The mission of this bureau is to support investors that are exploring investment opportunities in Rajasthan. BIP's services are focused on investments above INR 10 crore (US $ 2.2 million).
BIP have a multidisciplinary team with sector-specific expertise, which allows them to provide prospective investors with value added advice and information.
 Services of BIP-
This bureau provides an interface between investors and concerned departments, acting as a single point of contact for the investor.
During the exploratory phase-
1. Provide general and sector-specific information on Rajasthan.
2. Provide support in identification and coordination for site selection.
3. Provide information on clearances and permissions required.
During implementation phase-
1. Receive permit/license applications via Single Window Mechanism.
2. Facilitate contact with government entities for obtaining land.
During the operational phase-
1. Support in reinvestment-related activities
2. Ongoing support in handling investment related issues

Know more about the various opportunities Rajasthan has to offer-

  1. Infrastructure
  2. IT & ITeS
  3. Auto & Engineering
  4. New & Renewable Source of Energy
  5. Tourism
  6. Healthcare
  7. Agro & Food Processing
  8. Minerals & Ceramics
  9. Textiles
  10. Defense Manufacturing
  11. Electronic Hardware
  12. MSME
  13. Know More about single window
निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP - बीप)-
राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य है  जो पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्यों के साथ अपनी सीमा साझा करता है। राजस्थान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के सबसे बड़े शहरी समूह के निकटता रखता है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का गठन 20 जिलों में किया गया है जिसमें उच्च विकास क्षमता मौजूद है। कुछ जिलों ने एक मजबूत औद्योगिक आधार स्थापित किया है, जो आपूर्ति और मांग के संबंध में राजस्थान में निवेशकों को आसान 'बाजार संबंध ' प्रदान करता है। 

राजस्थान ऑटो और इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, ईएसडीएम तथा खानों व खनिजों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जबरदस्त निवेश के अवसर प्रदान करता है।
निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP - बीप) राजस्थान राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा एकल खिड़की मंजूरी की प्रभारी एजेंसी है। यह ब्यूरो राज्य के लिए निवेश नीतियों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका मुख्यालय उद्योग भवन, तिलक मार्ग, जयपुर (राजस्थान) में स्थित है।
यह राजस्थान में निवेश के अवसर तलाश रहे निवेशकों की सहायता और सहयोग करने के स्थापित किया गया एक सरकारी मिशन है। इसके द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में राज्य में 10 करोड़ भारतीय रुपये (यूएस $ 2,200,000) से अधिक के निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं। इस ब्यूरो में बहुआयामी क्षेत्र विशेष विशेषज्ञता के साथ विशेषज्ञों की एक टीम कार्यरत है जो संभावित निवेशकों को मूल्यवर्धित सलाह और जानकारी प्रदान करती है।
ब्यूरो के कार्य-
यह निवेशकों और संबंधित विभागों बीच निवेशकों के लिए संपर्क का एक बिंदु रूप में कार्य कर एक अंतरफलक के प्रदान करता है।
खोजपूर्ण चरण के दौरान-
1. राजस्थान में सामान्य और क्षेत्र विशेष के बारे में जानकारी प्रदान करना।
2. साइट चयन के लिए पहचान और समन्वय में सहायता प्रदान करना।
3. आवश्यक मंजूरी और अनुमतियों के बारे में जानकारी प्रदान करना।
कार्यान्वयन चरण के दौरान-
1. एकल खिड़की तंत्र के माध्यम से परमिट / लाइसेंस आवेदन प्राप्त करना।
2. भूमि प्राप्त करने के लिए सरकारी संस्थाओं के साथ संपर्क की सुविधा प्रदान करना।
संचालन चरण के दौरान-
1. पुनर्निवेश से संबंधित गतिविधियों में सहायता करना।
2 निवेश से संबंधित मुद्दों से निपटने में निरंतर समर्थन व सहायता करना।

राजस्थान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विभिन्न निवेश अवसरों के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें-
 
  1. आधारभूत संरचना
  2. आईटी और आईटीईएस
  3. ऑटो और इंजीनियरिंग
  4. ऊर्जा के नवीन और नवीकरणीय स्रोत
  5. पर्यटन
  6. स्वास्थ्य देखभाल
  7. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
  8. खनिज एवं सिरेमिक्स
  9. टेक्सटाइल (वस्त्र-उद्योग)
  10. रक्षा विनिर्माण
  11. इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर
  12. एमएसएमई-MSME
  13. Know More about single window


Comments

  1. एक बार की बात है हम घर से बाहर घूमने जा रहे थे । तभी रास्‍ते में एक शेर आ गया और एकाएक हम सब उसकी तरफ भागे शेर डर के मारे राेने लगा और हाथ जोडकर माफी मांगने लगा । तब कही जाकर हमने उसे माफ किया।

    ReplyDelete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

THE SCHEDULED AREAS Villages of Udaipur district - अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव

अनुसूचित क्षेत्र में उदयपुर जिले के गाँव- अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें एवं तहसील गिर्वा के 252, तहसील वल्लभनगर के 22 व तहसील मावली के 4 गांव सम्मिलित किए गए हैं। ये निम्नानुसार है- 1. उदयपुर जिले की 8 पूर्ण तहसीलें (कोटड़ा, झाडोल, सराड़ा, लसाड़िया, सलूम्बर, खेरवाड़ा, ऋषभदेव, गोगुन्दा) - 2. गिर्वा तहसील (आंशिक) के 252 गाँव - S. No. GP Name Village Name Village Code Total Population Total Population ST % of S.T. Pop to Total Pop 1 AMBERI AMBERI 106411 3394 1839 54.18 2 AMBERI BHEELON KA BEDLA 106413 589 573 97.28 3 AMBERI OTON KA GURHA 106426 269 36 13.38 4 AMBERI PRATAPPURA 106427 922 565 61.28 5 CHEERWA CHEERWA 106408 1271 0 0.00 6 CHEERWA KARELON KA GURHA 106410 568 402 70.77 7 CHEERWA MOHANPURA 106407 335 313 93.43 8 CHEERWA SARE 106406 2352 1513 64.33 9 CHEERWA SHIVPURI 106409 640 596 93.13 10 DHAR BADANGA 106519 1243 1243 100.00 11 DHAR BANADIYA 106...

Scheduled Areas of State of Rajasthan - राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण

राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण (जनगणना 2011 के अनुसार)-   अधिसूचना 19 मई 2018 के अनुसार राजस्थान के दक्षिण पूर्ण में स्थित 8 जिलों की 31 तहसीलों को मिलाकर अनुसूचित क्षेत्र निर्मित किया गया है, जिसमें जनजातियों का सघन आवास है। 2011 की जनगणना अनुसार इस अनुसूचित क्षेत्र की जनसंख्या 64.63 लाख है, जिसमें जनजाति जनसंख्या 45.51 लाख है। जो इस क्षेत्र की जनसंख्या का 70.42 प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र में आवासित जनजातियों में भील, मीणा, गरासिया व डामोर प्रमुख है। सहरिया आदिम जाति क्षेत्र- राज्य की एक मात्र आदिम जाति सहरिया है जो बांरा जिले की किशनगंज एवं शाहबाद तहसीलों में निवास करती है। उक्त दोनों ही तहसीलों के क्षेत्रों को सहरिया क्षेत्र में सम्मिलित किया जाकर सहरिया वर्ग के विकास के लिये सहरिया विकास समिति का गठन किया गया है। क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2.73 लाख है जिसमें से सहरिया क्षेत्र की अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.02 लाख है जो क्षेत्र की कुल जनसंख्या का 37.44 प्रतिशत है।  अनुसूचित क्षेत्र में राजकीय सेवाओं में आरक्षण सम्बन्धित प्रावधान-  कार्मिक (क-...