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राजस्थान की भामाशाह योजना-





  • भामाशाह योजना का उद्देश्य सभी राजकीय योजनाओं के नगद एवं गैर नगद लाभ को प्रत्येक लाभार्थी को सीधा पारदर्शी रुप से पहुँचाना है। 

    • इस योजना का शुभारम्भ राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा 15 अगस्त, 2014 को उदयपुर में किया गया था


  • यह योजना राशन कार्ड, पेन्शन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, जैसे लाभार्थियों को भी सम्मिलित करेगी।

    • यह योजना परिवार को आधार मानकर उनके वित्तीय समावेश के लक्ष्य को पूरा करती है, जहाँ हर परिवार को 'भामाशाह कार्ड' दिया जाता है, जो उनके बैंक खातों से जुड़े होंगे। 

      • यह बैंक खाता परिवार की मुखिया, जो कि महिला होगी, के नाम से होगा और वह ही इस खाते की राशि को परिवार के उचित उपयोग में कर सकेगी। 

        • यह कार्ड बायो-मैट्रिक पहचान सहित कोर बैंकिंग को सुनिश्चित करता है।

इसके अन्तर्गत, प्रत्येक परिवार का सत्यापन किया जाता है और पूरे राज्य का एक समग्र डेटाबेस बनाया जा रहा है। इसके माध्यम से ड्यूप्लिकेशन को भी जाँचा व दूर किया जा सकेगा। सभी जनसांख्यिकी और सामाजिक मापदण्डों को विभिन्न विभागों द्वारा पात्रता के लिए इसमें सम्मिलित किया जाएगा

भामाशाह नामांकन के लाभ-

  • यह आधार नामांकन होगा जिसका भविष्य में सरकारी लाभों के प्राप्त करने में सत्यापन में प्रयोग होगा।

  •  इसके अंतर्गत प्रत्येक निवासी का बैंक खाता खोला जाएगा।

  • इसमें निवासी का भामाशाह नामांकन होगा जिसके द्वारा निवासी व उसका समस्त परिवार प्रदेश की सभी जन कल्याण की योजनाओं से स्वतः ही जुड़ जाएगा।

  • इस योजना में सरकार द्वारा निवासी के बैंक खाते में सीधे लाभ हस्तांतरण के लिए नामांकित कर लिया जाएगा।

  • भामाशाह खाते में निवासियों को नकद जमा एवं निकासी की सुविधा होती है।

 अन्य प्रमुख बातें-

1. भामाशाह नामांकन के लिए आधार नामांकन होना आवश्यक है।
2. ऐसा कोई भी निवासी जो राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं में नकद व गैर-नकद लाभ प्राप्त करने हेतु लाभार्थी है, उसे भामाशाह नामांकन कराना आवश्यक है तथा भामाशाह नामांकन हेतु बैंक खाता खुलवाना आवश्यक है।
3. भामाशाह नामांकन के समय कम से कम निम्नलिखित में से दो दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसमें यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि उक्त दो दस्तावेजों में एक पहचान सिद्ध करता हो तथा एक पते की जानकारी देता हो। ये दस्तावेज हैं-
आधार कार्ड, बी.पी.एल. कार्ड, नरेगा कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, पानी का बिल, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, निवासी की फोटो एवं बैंक खाता संख्या (बैंक की पासबुक)। भामाशाह नामांकन में भी आधार नामांकन के समस्त दस्तावेज मान्य होते हैं।
4. यह परिवार आधारित नामांकन की योजना है अतः इसमें परिवार के सभी सदस्यों को कवर किया जाना हैभामाशाह योजना का उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक परिवार को एक पारिवारिक समूह में नामांकित कर एक भामाशाह कार्ड जारी करना भी है, अतः भामाशाह नामांकन में परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है।
5. इस योजना में घर की महिला के नाम पर बैंक खाते को समस्त सरकारी लाभ प्राप्त करने के जोड़ा जायेगा अतः इस योजना में पारिवारिक सहमति से 21 वर्ष से अधिक आयु की परिवार की किसी भी महिला को परिवार का मुखिया घोषित किया जा सकता है। सरकार द्वारा समस्त पारिवारिक लाभ परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में ही हस्तान्तरित किए जाएंगें।
6. यदि निवासी का वर्तमान बैंक खाता कोर बैंकिंग समर्थ शाखा में है तो उसे इस योजना में जुड़ने के लिए नया बैंक खाता खुलवाना की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि वर्तमान बैंक खाता कोर बैंकिंग समर्थ शाखा में नहीं है तो नया बैंक खाता खुलवाना आवश्यक है।
7. भामाशाह नामांकन के अभियान की रूपरेखा:-
भामाशाह योजना के अन्तर्गत निवासियों का नामांकन एक अभियान के तहत 'स्वीप मोड' में दिनांक 16 अगस्त, 2014 से 15 दिसम्बर 2014 तक एक अभियान चला कर किया गया। भामाशाह नामांकन के लिए सभी ग्राम पंचायतों पर दो-तीन दिवसीय शिविर लगाए गए, साथ ही राज सम्पर्क आई.टी. केन्द्रों (भारत निर्माण सेवा केन्द्र), पंचायत समितियों पर भी स्थायी नामांकन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जो निवासी ग्राम पंचायतों पर आयोजित शिविरों पर नामांकन नहीं करवा पाएं, वे पंचायत समिति स्तरीय स्थायी नामांकन केन्द्रों पर जाकर अपना भामाशाह नामांकन करवा सकते हैं।
8. इसमें एकत्र किये जा रहे डेटा की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः अत्यंत सावधानी से कार्य किया जा रहा है
9. इसमें एकत्र किये जा रहे डेटा का सभी सरकारी विभागों के लिए एक 'एकल बिन्दु स्रोत' के रूप में उपयोग किया जाएगा।

कहाँ जुड़ सकते हैं इस योजना से-

भामाशाह नामांकन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक सर्विस पॉइंट और शहरी वार्ड में पर्याप्त संख्या सर्विस पॉइंट बनाये गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में कई नामांकन एजेंसियां नियुक्त की जो विभिन्न स्थानों पर इसके नामांकन का कार्य कर रही है
इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में  स्थित राजस्थान संपर्क आई.टी. सेवा केंद्रों को ई-मित्र कियोस्क के साथ साथ बैंकिंग संवाददाता के रूप में काम करने के निर्देश हैं।
 

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