Skip to main content

मुख्यमंत्री राजे ने किया जेसीबी इंडिया की देश में चौथी और पांचवी यूनिट का उद्घाटन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 14 नवम्बर को जयपुर के रीको औद्योगिक क्षेत्र बगरू स्थित महिन्द्रा वर्ल्ड सिटी में जेसीबी इंडिया की देश में चौथी और पांचवी यूनिट का उद्घाटन किया। देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन मशीन निर्माता कंपनी जेसीबी इंडिया के भारत में पहले से तीन संयंत्र है। एक नई दिल्ली के निकट बल्लभगढ में है और दो पुणे में है। जेसीबी ने 1979 में बल्लभगढ में बैकहो लोडर बनाने की फैक्ट्री लगाकर भारत में अपनी मौजूदगी दर्ज की।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि राजस्थान समय की मांग के अनुरूप यहां आने वाले निवेशकों के साथ कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर औद्योगिक विकास की नई यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश व रोजगार के क्षेत्र में लागू किये गये सुधारों के कारण राजस्थान शीघ्र ही देश का अग्रणी राज्य बन जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके आइडियाज और लीक से हटकर सोच से देश में निवेश के नये रास्ते खुल रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार भी प्रदेश में निवेशकों को सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्घ है।

सेज से बदला निवेश का माहौल-
 राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने महिन्द्रा ग्रुप को यहां वर्ल्ड सिटी (स्पेशल इकोनॉमिक जोन-सेज) की स्थापना के लिए आमंत्रित किया और उन्हें जमीन उपलब्ध करवाई। रिकॉर्ड समय में यहां वर्ल्ड सिटी बनकर तैयार होने के बाद प्रदेश में निवेश के माहौल में बदलाव आया है। वर्ल्ड सिटी बनने से पूर्व निवेशक एवं उद्यमी यहां आने में संकोच करते थे क्योंकि यहां अनुकूल माहौल व सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। सेज की स्थापना के बाद यहां इन्फोसिस के नारायण मूर्ति और विप्रो के अजीम प्रेमजी ने निवेश के लिए पहल की और उसके बाद कई नामी-गिरामी कम्पनियां यहां निवेश के लिए आ चुकी हैं।

युवाओं के कौशल विकास पर फोकस-

 मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का मतलब आने वाला कल है। इसी विचार के चलते हमारी सरकार युवा पीढ़ी पर फोकस कर रही है। हमने युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में विशेष प्रयास शुरू किए है। प्रदेश के 15 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का जो वादा हमने किया है उसे पूरा करेंगे। हमने अपने पिछले कार्यकाल में वित्तीय समावेशन और युवाओं के लिए आजीविका और कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शुरूआत की थी, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं।

स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी बनेगी-

 राजे ने कहा कि राज्य सरकार भी प्रदेश में स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रही है। देश के प्रतिष्ठित 40 उद्यमियों ने राजस्थान में युवाओं के कौशल विकास के लिए राज्य सरकार के साथ अनुबंध कर काम शुरू कर दिया है। हम यहां आने वाले निवेशकों को कुशल मानव संसाधन भी उपलब्ध करवायेंगे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई) में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए विभिन्न देशों के विशेषज्ञों से सहयोग लिया जायेगा। उदयपुर आई.टी.आई. में सिंगापुर के सहयोग से यह कार्य जल्द ही शुरू हो जायेगा।

राजस्थान के उद्यमियों का दुनिया में नाम-

मुख्यमंत्री ने राजस्थान के लोगों के व्यावसायिक कौशल को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां के उद्यमी जहां कहीं भी गये हैं उन्होंने वहां अपनी धाक जमाई है। उन्होंने प्रसिद्घ उद्योगपति एल.एन. मित्तल का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जैसे प्रदेश के कई उद्यमी राजस्थान की उद्यमशीलता के ध्वजवाहक हैं। इससे पहले राजे ने जेसीबी परिसर में जैस्मिन का पौधा लगाया और जेसीबी की अलग-अलग मशीनों का डिस्प्ले भी देखा। भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त जेम्स डेविड बेवन ने कहा कि ब्रिटेन की कम्पनियां प्रदेश के वर्तमान माहौल का लाभ उठाते हुए यहां अधिक से अधिक निवेश करेगी। कार्यक्रम को जेसीबी ग्रुप के चेयरमैन लॉर्ड बैमफोर्ड, भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग के सचिव अमिताभ कांत, जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबन्ध निदेशक विपिन सौंधी और वाइस प्रेसीडेंट सुधीर चौधरी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कैलाश वर्मा, जेसीबी इंडिया एडवाइजरी बोर्ड के तरूण दास, गोदरेज गु्रप के चेयरमैन आदि गोदरेज, जेसीबी ग्रुप के सीईओ ग्रेम मेक्डॉनाल्ड, अरविन्द सिंह मेवाड सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली