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समसामयिक घटनाचक्र

संयुक्त राष्ट्र में कांफ्रेंस को संबोधित किया राजस्थान की छवि ने

संयुक्त राष्ट्र संघ में राजस्थान के जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर सोडा गांव की सरपंच छवि राजावत ने 11 वीं इन्फो-पॉवर्टी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस को दुनिया भर के देशों के वरिष्ठ राजनेताओं और राजदूतों के बीच सम्बोधित किया। 30 वर्षीय छवि ने संयुक्त राष्ट्र संघ की कॉन्फ्रेस में 24 और 25 मार्च को भाग लिया तथा सिविल सोसाइटी में गरीबी से लड़ने एवं विकास के तरीके पर दुनिया को सम्बोधित किया। सम्मेलन में छवि ने ग्रामीण विकास के लिए हमें विभिन्न रणनीतियों पर पुनर्विचार करने पर जोर दिया। साथ ही तकनीक व ई - सर्विस जैसी सुविधाओं को गाँवों से जोड़ कर ही शताब्दी विकास लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में विचार व्यक्त किया।
अत्याधुनिक छवि राजावत एमबीए डिग्रीधारी देश की पहली महिला सरपंच हैं। एमबीए के बाद भारी भरकम पैकेज और पद के रूतबे को ठुकरा कर सरपंच बनी थी। उन्होंने एयरटेल ग्रुप के भारती टेली कम्यूनिकेशन में सीनियर मैनेजर के पद को गाँव से प्यार के चलते छोड़ दिया था। छवि ग्रामीण भारत का नक्शा बदलने की दिशा में ग्रासरूट लेवल पर काम कर रही है।
सम्मेलन में छवि ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के बाद पिछले 65 वर्षो से विकास की जो गति रही है यह पर्याप्त नहीं है।
यदि हम इसी राह पर चलते रहे तो लोगों की पानी, बिजली, शौचालय, स्कूल एवं रोजगार जैसी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाएंगे। हमें काफी अलग तरह से और तेजी से काम करने की आवश्यकता है।
राजावत ने अपने गाँव का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सोडा गाँव में जो परिवर्तन आया है वो हमारे प्रयासों की देन है। हमें कोई बाहरी मदद नहीं मिली। न गैर सरकारी संगठनों की न ही निजी क्षेत्र की। मुझे पैसा नहीं चाहिए बल्कि ऐसे लोगों की जरूरत है जो गाँव की आवश्यकता एवं उनके लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट को समझ कर गाँव के लिए काम करें। इस गेप को खत्म करने के लिए ही मैं यहां काम कर रही हूँ।

ई-सुगम योजना

जनसाधारण की समस्याओं और शिकायतों का पारदर्शिता एवं जबावदेही के साथ निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री के बजट घोषणा वर्ष 2010-11 के अनुसार प्रत्येक जिला एवं तहसील स्तर पर नागरिकों को विविध प्रकार की सेवाएं जैसे मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र व शपथ पत्र, कृषि भूमि का सीमा ज्ञान, सूचना का अधिकार, विभिन्न प्रकार की प्रतिलिपियां जैसे जमाबन्दी, मिसल बन्दोबस्त, नक्शा ट्रेस आदि विभिन्न प्रकार के कार्यों को एक ही स्थान पर अर्थात् एकल खिडकी पर सम्पादित करने के क्रम में योजना राज्य सरकार द्वारा से प्रारम्भ की गई है। इस योजना का नाम ई - सुगम योजना रखा गया। इस योजना का पूर्व नाम एकल खिड़की योजना था। इस योजना के संबंध में राज्य सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर समस्त जिला कलेक्टर को कहा था कि वे 31 मार्च 2011 से पूर्व ई सुगम केन्द्र स्थापित करने संबंधी समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए तथा राज्य के सभी 244 उपखंड कार्यालयों में इसके केन्द्र अनिवार्यत: 1 अप्रैल 2011 तक प्रारंभ किए जाए।
ई-सुगम योजना में नियुक्त किये जाने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षण नेशनल इन्फोरेमेशन सेंटर (एन.आई.सी.) द्वारा दिया जा रहा है जिससे वे ई-सुगम के साफ्टवेयर पर कार्य करने में सक्षम हो सके।

इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में उदयपुर के नदीम रहमान का श्रेष्ठ प्रदर्शन

उदयपुर जिले के युवा खिलाड़ी नदीम रहमान ने इंग्लैंड की क्रिकेट काउंटी में शानदार प्रदर्शन किया है, उन्हें नार्थ वेल्स के सर्वश्रेष्ठ तीन खिलाड़ियों में चुना गया है। नदीम सोमवार को उदयपुर से इंग्लैंड के लिए रवाना हुए।
उन्होंने इस सत्र में दो शतक व 11 अर्धशतक लगाने के साथ ही 41 विकेट भी लिए हैं। वे पिछले छह साल से इंग्लैंड की काउंटी लीग में मैनचेस्टर के फ्रेंडली क्लब की तरफ से खेलते हैं। नदीम ने उदयपुर और राजस्थान की जूनियर टीमों का भी प्रतिनिधित्व किया है।

लखोटिया पुरस्कार वर्ष 2010 एवं 2011

रामनिवास आशारानी लखोटिया ट्रस्ट, नई दिल्ली की ओर से राजस्थानी भाषा साहित्य के लिए दिया जाने वाला लखोटिया पुरस्कार वर्ष 2011 के लिए राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनोद सोमानी ‘हंस’ (अजमेर) को तथा वर्ष 2012 के लिए राजस्थानी मासिक ‘माणक’ के प्रधान संपादक पदम मेहता (जोधपुर) को देने की घोषणा की गई है। पुरस्कार के तहत एक लाख रुपए, शॉल, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न आदि दिए जाएंगे।
डॉ. विनोद ‘हंस’ को यह पुरस्कार गत पचास वर्षों से भी अधिक समय से राजस्थानी साहित्य सृजन के लिए प्रदान किया जाएगा। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से भी डॉ. ‘हंस’ की रचनाओं का नियमित प्रसारण होता रहा है तथा वे आज भी लेखन में सक्रिय हैं। डॉ. ‘हंस’ को भारती रत्न, राजस्थान रत्न, महाकवि वृंद, मरुश्री, ब्रजगौरव सम्मान सहित कई सम्मान से नवाजा जा चुका है।
‘माणक’ के प्रधान संपादक पदम मेहता को राजस्थानी भाषा साहित्य के संरक्षण तथा प्रचार-प्रसार के लिए लखोटिया पुरस्कार दिया जाएगा। श्री मेहता पिछले चालीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ें हैं तथा ‘माणक’ के माध्यम से गत 30 वर्षों से राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रयास एवं उन्नयन के लिए प्रयासरत है। वे केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गठित की गई कई सलाहकार समितियों के सदस्य रह चुके हैं। श्री मेहता को वर्ष 1982 से अब तक मरूधर गौरव, राजस्थान श्री, राजस्थानी भाषा अकादमी पत्रकारिता पुरस्कार, युवा रत्न, राजस्थानी भाषा साहित्य सेवी सम्मान, स्व. राम मनोहर लोहिया पत्रकारिता सम्मान, हाथी सिरोपाव, रामरतन कोचर पत्रकारिता पुरस्कार, डॉ. एल.पी. टेस्सीटोरी मेडल, तथा कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा सेवी सम्मान सहित कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

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