पोकरण में 120 किमी तक मारने की क्षमता रखने वाली पिनाका मिसाइल का सफल परीक्षण-
पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सोमवार को डीआरडीओ ने देश में विकसित की गई पिनाका मिसाइल के तीसरे व एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण किया। पिनाका मिसाइल में पहली बार एडवांस नेवीगेशन व कंट्रोल सिस्टम लगाया गया। इनकी सहायता से अब यह अपने लक्ष्य को पहचान कर एकदम सटीक प्रहार करने में सक्षम हो गई है। परीक्षण में यह अपने दोनों नए मानकों पर एकदम खरी उतरी। डीआरडीओ की ओर से बताया गया कि आज के परीक्षण में पिनाका मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर पहले से निर्धारित मानक के अनुरूप प्रहार कर उसे ध्वस्त कर दिया। टेलीमीटरी सिस्टम के माध्यम से पिनाका मिसाइल का दागने के बाद से पूरी नजर रखी गई। इस दौरान उसे लक्ष्य तक पहुंचने के रास्ते की गति और घुमाव को परखा गया। डीआरडीओ की तरफ से कहा गया कि आशा के अनुरूप ही इसने अपना रास्ता तय कर लक्ष्य पर प्रहार किया। इस प्रकार सभी मानकों पर यह एकदम सही रही। इस मिसाइल के पहले दो वर्जन की मारक क्षमता 40 व 75 किमी. थी। इस तीसरे वर्जन की क्षमता 120 किमी. की गई है।
क्या है पिनाका का अर्थ-
पिनाक भगवान शिव के पवित्र धनुष का नाम है। भगवान शिव के धनुष के नाम दिए गए पिनाक (Pinaka multi barrel rocket launcher) भारत में उत्पादित एक बहुखंडीय रॉकेट लांचर है। पिनाक का विकास दिसंबर 1986 में शुरू हुआ था।
इसका विकास भारतीय सेना के लिए "रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)" की पुणे स्थित "आर्ममेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट" प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। इस प्रणाली में मार्क-1 के लिए 40 किलोमीटर, मार्क-2 के लिए 65 किलोमीटर और मार्क-3 के लिए 120 किलोमीटर की अधिकतम सीमा है। और 44 सेकंड में 12 उच्च विस्फोटक रॉकेट के उपलक्ष्य फायर कर सकता है। प्रणाली गतिशीलता के लिए यह टाट्रा ट्रक पर आरोहित है। पिनाका कारगिल युद्ध के दौरान सेवा में रही थी। जहां यह पर्वत चोटियों पर दुश्मन पदों को निष्क्रिय करने में सफल रही थी। इसके बाद इसे बड़ी संख्या में भारतीय सेना में शामिल कर दिया गया।
क्या है पिनाका का अर्थ-
पिनाक भगवान शिव के पवित्र धनुष का नाम है। भगवान शिव के धनुष के नाम दिए गए पिनाक (Pinaka multi barrel rocket launcher) भारत में उत्पादित एक बहुखंडीय रॉकेट लांचर है। पिनाक का विकास दिसंबर 1986 में शुरू हुआ था।
इसका विकास भारतीय सेना के लिए "रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)" की पुणे स्थित "आर्ममेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट" प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। इस प्रणाली में मार्क-1 के लिए 40 किलोमीटर, मार्क-2 के लिए 65 किलोमीटर और मार्क-3 के लिए 120 किलोमीटर की अधिकतम सीमा है। और 44 सेकंड में 12 उच्च विस्फोटक रॉकेट के उपलक्ष्य फायर कर सकता है। प्रणाली गतिशीलता के लिए यह टाट्रा ट्रक पर आरोहित है। पिनाका कारगिल युद्ध के दौरान सेवा में रही थी। जहां यह पर्वत चोटियों पर दुश्मन पदों को निष्क्रिय करने में सफल रही थी। इसके बाद इसे बड़ी संख्या में भारतीय सेना में शामिल कर दिया गया।
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