Skip to main content

Posts

जयपुर के सेन्ट्रल पार्क पर 206 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लहराने की स्वीकृति

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सेन्ट्रल पार्क में म्यूजिकल फाउन्टेन के पास 206 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना करने की स्वीकृति प्रदान की है। जयपुर राजस्थान का ऐसा पहला शहर है, जहां इतनी ऊंचाई पर यह ध्वज लगाया जाएगा। इससे पूर्व इस फाउन्डेशन द्वारा अन्य राज्यों हरियाणा, ओडीसा, कर्नाटक एवं केरल में भी 206 फीट ऊंचाई के ध्वज लगाये जा चुके हैं। इस संदर्भ में गैर लाभकारी संस्था ''फ्लैग फाउन्डेशन ऑफ इण्डिया'' द्वारा जयपुर में 206 फीट ऊंचाई पर ''मोन्यूमैन्टल फ्लैग'' स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। फ्लैग फाउन्डेशन ऑफ इण्डिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण एवं वास्तुविद के साथ विभिन्न स्थानों का निरीक्षण करने के पश्चात् समस्त बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए सेन्ट्रल पार्क में म्यूजिकल फाउन्टेन के समीप स्थान को सबसे उपयुक्त पाया गया। सेन्ट्रल पार्क शहर के केन्द्र में स्थित होने से यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग इसे देख सकेंगे तथा इसमें पर्याप्त स्थान उपलब्ध होने के कारण राष्ट्री

वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हो सकते हैं राज्य के पहाड़ी किले

जयपुर के जंतर-मंतर की तरह राज्य के 5 पहाड़ी किले चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, आमेर, रणथम्भौर तथा गागरोन को भी विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उद्धेश्य से इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। पुरातत्व विशेषज्ञों ने आशा की है कि शीघ्र ही राज्य के ये किले विश्व धरोहर की सूची में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ल्ड हेरिटेज की श्रेणी के लिए राज्य के इन 5 ऐतिहासिक स्मारकों की सूची यूनेस्को को भेजी गई थी। इसी कड़ी में इन किलों के निरीक्षण के लिए यूनेस्को की टीम दिनांक 25 अगस्त को जयपुर पंहुची जहाँ वह आमेर किले के निरीक्षण के बाद अन्य किलों को भी देखेगी। स्मारक विशेष को विश्व धरोहर में शामिल कराने के लिए ऐतिहासिक स्मारक से संबंधित पुरातत्व विभाग डोजियर (बिल) तैयार करता है। बिल में मैनेजमेंट प्लान के तहत स्मारक की वैश्विक और स्थापत्य (आर्किटेक्चरल) मूल्य व मूल स्वरूप बरकरार है या नहीं जैसे कई तथ्य जुटा कर आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को भेजता है। एएसआई टीम स्मारक का मूल्यांकन कर यूनेस्को को अनुशंसा भेजता है। इसके पश्चात यूनेस्को की तकनीकी मूल्यांकन एजेंसी “आ

उपयोगी विज्ञान प्रश्नोत्तर

1. जब ईंट को पानी में डालते हैं, तो बुलबुले उठते हैं, क्योंकि- (अ) ईंट में उपस्थित पानी के अणु बाहर निकलने लगते हैं। (ब) पानी में हवा होती है। (स) ईंट के सूक्ष्म छिद्रों में हवा होती है। (द) पानी में उपस्थित हाइड्रोजन बाहर निकलने लगती है। उत्तर- स 2. एक व्यक्ति का भार 40 किग्रा भार है। यदि वह ऐसे ग्रह पर जाता है जहाँ गुरूत्वीय त्वरण पृथ्वी की तुलना में एक चौथाई है, तब व्यक्ति का भार उस ग्रह पर होगा- (g=10 मीटर/ वर्ग सेकंड) (अ) 1600 न्यूटन (ब) 100 न्यूटन (स) 10 न्यूटन (द) 160 न्यूटन उत्तर- ब 3. निम्नांकित में से सही युग्म है - (अ) जमीन पर पाइप में बहता हुआ पानी - स्थितिज ऊर्जा (ब) सिलिण्डर में संपीडित गैस - स्थितिज ऊर्जा (स) आकाश में स्थित आवेशित बादल - चुम्बकीय ऊर्जा (द) घड़ी की ऐंठी हुई कमानी - गतिज ऊर्जा उत्तर- ब 4. एक व्यक्ति को 104 डिग्री F का बुखार है। उसके शरीर का तापमान डिग्री सेल्सियस में होगा- (अ) 98.4 डिग्री (ब) 37 डिग्री (स) 104 डिग्री (द) 40 डिग्री उत्तर- द 5. आदर्श उच्चायी ट्रांसफार्मर के लिए सही कथन है- (अ) इसकी प

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान लोक सेवा प्रदान करने की गारंटी विधेयक को मंजूरी
(उपयोगी राजस्थान समसामयिकी)

24 अगस्त को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में जनसाधारण को समयबद्ध तरीके से सेवा प्रदत्त करने के उद्देश्य से राजस्थान लोक सेवा प्रदान करने की गारन्टी विधेयक 2011 को मंजूरी दी गई। इस विधेयक को इसी विधानसभा सत्रा में प्रस्तुत करने का भी निर्णय लिया गया। राज्य सरकार इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित करने जा रही है कि प्रत्येक आम आदमी को उनके कार्यों के लिये प्रशासन को और अधिक चुस्त एवं जिम्मेदार बनाया जाये। इस विधेयक में प्रारम्भिक तौर में 15 विभागों की 53 महत्वपूर्ण सेवाओं को सम्मिलित किया गया है। अधिकारी द्वारा समयबद्ध तरीके से ये सेवाएं प्रदान नहीं करने पर उस पर 500 रूपये से 5 हजार रूपये तक की पैनल्टी तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की व्यवस्था को रखा गया है। शास्ती अधिकारी के वेतन से काटी जायेगी। राजस्थान के इस प्रस्तावित विधेयक में सेवाओं का दायरा काफी व्यापक है तथा इसमें समय-समय पर और भी सेवाएं जोड़ी जायेगी। आमजन सेवा विशेष के लिये अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगा तथा उसकी रसीद प्राप्त करेगा। जिन विभागों की से

यूनेस्को के अनुसार भारत के विश्व धरोहर स्थल

1972 में यूनेस्को की सामान्य सभा ने विश्व सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए एक कन्वेशन गठित करने का पूर्ण उत्साह के साथ एक प्रस्ताव स्वीकार किया | इसके मुख्य उद्देश्य निम्नांकित हैं – 1- विश्व सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों को परिभाषित करना | 2- विशिष्ट रूचि और वैश्विक मूल्यों वाले स्थलों एवं स्मारकों की सदस्य देशों से जानकारी प्राप्त कर सूचीबद्द करना | 3- विश्व सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के उपाय करना | 4- भावी पीढ़ी के लिए विश्व सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के खजाने के संरक्षण के लिए विभिन्न देशों एवं लोगों के मध्य सहयोग वृद्धि करने का प्रयास करना | विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अभी 812 सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक महत्त्व के स्थल सम्मिलित हैं | इनमें 628 सांस्कृतिक और 160 प्राकृतिक एवं 24 मिश्रित प्रकृति के धरोहर स्थलों को शामिल किया गया हैं | भारत विश्व धरोहर का 1977 से सक्रिय सदस्य है तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय अभिकरणों जैसे - ICOMOS (International Council on Monuments and Sites), IUCN (International Union for the Conservation of Nature an

राजस्थान सामान्य ज्ञान
आर. ए. एस. और अन्य परीक्षा उपयोगी राजस्थान समसामयिकी-)

‘रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल पुरस्कार’ साहित्यकार रामपद चौधरी को- शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट की ओर से 1 करोड़ रुपए का ‘रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल पुरस्कार’ प्रारंभ किया गया है। इसका प्रथम पुरस्कार दिल्ली के बंगाली साहित्य के ख्यातिलब्ध साहित्यकार रामपद चौधरी को प्रदान किया गया है। देश में मानवीय मूल्यों के लिए कार्य करने व आर्थिक पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। "कथा पुरूष यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' पुरस्कार" डॉ राजेन्द्र मोहन भटनागर को- यादवेन्द्र शर्मा "चन्द्र " स्मृति न्यास की ओर से उदयपुर के उपन्यासकार डॉ. राजेन्द्र मोहन भटनागर को उनके उपन्यास "कुली बैरिस्टर" पर दिनांक 20 अगस्त 2011 को कथा पुरूष यादवेन्द्र शर्मा "चन्द्र" पुरस्कार प्रदान किया गया। बीकानेर में आयोजित किए गए एक समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला ने पुरस्कार के अंतर्गत डॉ. भटनागर को 11 हजार रूपए, अभिनंदन पत्र, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न एवं

महत्वपूर्ण राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 22 अगस्त, 2011

1-     राजस्थान का कौनसा जिला सर्वाधिक नौ जिलों से घिरा है ?   उत्तर- पाली 2-     राजस्थान की कौनसी नदी जयपुर के पास विराटनगर की पहाड़ियों से निकलकर पूर्वी भाग में बहती है ? उत्तर- बाणगंगा 3-     राजस्थान में स्थापत्य कला का जन्मदाता किसको कहा जाता है ? उत्तर- राणा कुम्भा को 4-     अकबर के नवरत्नों में शामिल राजपूताना के कवि थे- उत्तर- अबुल फजल 5-     1862 ई. में ईसाइयों द्वारा पहला बालिका विद्यालय राजस्थान में कहां खोला गया था ? उत्तर- नसीराबाद में 6-     हाड़ौती पठार क्षेत्र का निर्माण किस से हुआ है ? उत्तर- प्रारम्भिक ज्वालामुखी चट्टानों से 7-     दक्षिणी लावा का पठार मुख्यतः किऩ जिलों में फैला हुआ है ? उत्तर- चित्तौड़गढ़ , बाँसवाड़ा और झालावाड़ में 8-     भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील का नाम क्या है ? उत्तर- सांभर झील 9-     खारे पानी की डीडवाना झील किस जिले में स्थित है ? उत्तर- नागौर जिले में 10-    राजस्थान में शीतकाल में होने वाली वर्षा को क्या कहते हैं ? उत्तर- मावठ (महावट)

राजस्थान के संभाग और उनमें स्थित जिले-

1. जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर और झुन्झुनूं ( 5 जिले ) 2. बीकानेर संभाग- बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू ( 4 जिले ) 3. भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर ( 4 जिले ) 4. अजमेर संभाग- अजमेर, भीलवाड़ा, टौंक और नागौर ( 4 जिले ) 5. कोटा संभाग- कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ ( 4 जिले ) 6. जोधपुर संभाग- जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही और जैसलमेर ( 6 जिले ) 7. उदयपुर संभाग- उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ (6 जिले)

देवस्थान विभाग राजस्थान के अधीन प्रसिद्ध मंदिर-2

देवस्थान विभाग राजस्थान के अन्य प्रसिद्ध मंदिर- 1.  श्री जगन्नाथराय जी/ जगदीश मन्दिर, जगदीश चौक, उदयपुर 2.  श्री चारभुजा जी मन्दिर, गढ़बोर तहसील- कुंभलगढ़, जिला- राजसमंद 3.  श्री रूप नारायण जी मन्दिर , सेवन्त्री, तहसील- कुंभलगढ़, जिला- राजसमंद 4.  श्री कालका माता जी मन्दिर चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़ 5.  श्री मंगलेश्वर जी मन्दिर, गुरजनीया, मातृकुण्डिया, तहसील- राशमी, जिला- चित्तौड़गढ़ 6.  श्री नीमच माता जी मन्दिर, देवाली, उदयपुर 7.  श्री तेजा जी मन्दिर, परबतसर, नागौर 8.  श्री डाढ़ देवी माताजी मन्दिर, उम्मेदगंज, कोटा 9.  श्री कपिल मुनि जी म्ंादिर, कोलायत, बीकानेर 10.  श्री करणी माताजी मन्दिर, देशनोक, बीकानेर 11.  श्री लालेश्वर जी मन्दिर, शिवबाडी, बीकानेर 12.  श्री केशवरायजी महाराज मन्दिर, केशोरायपाटन, बून्दी 13.  श्री सथूर माताजी मन्दिर, सथूर, बून्दी 14.  श्री कृष्णाय माता मन्दिर, रामगढ़, बून्दी 15.  श्री पदमनाथ जी/सूर्य मंदिर, झालरापाटन, झालावाड 16.  श्री गंगा महारानी जी मन्दिर, भरतपुर 17.  श्री ऋषभदेव जी मन्दिर, ऋषभदेव, धुलेव, तहसील- खेरवाड़ा, जिला- उदयपुर 18.  श्री विजवा मा

Temples of Rajasthan under Devasthan Department | देवस्थान विभाग राजस्थान के अधीन प्रसिद्ध मंदिर

देवस्थान विभाग राजस्थान के मंदिर मंडलों के अधीन प्रसिद्ध मंदिर- श्रीनाथजी मंदिर 1. श्रीनाथजी मंदिर , श्रीनाथद्वारा जिला- राजसमंद 2. श्री सांवलिया सेठ मंदिर , मंडफिया , जिला- चित्तौड़गढ़ देवस्थान विभाग राजस्थान के ट्रस्टों के अधीन प्रसिद्ध मंदिर- 1. श्री गलता जी ठिकाना मन्दिर- जयपुर 2. श्री सीताराम जी व वीर हनुमान जी , नांगल भरडा , तहसील- चौमू , जिला- जयपुर 3. श्री हनुमान जी मन्दिर , चांदपोल बाजार , जयपुर 4. श्री शिलादेवी जी मन्दिर , आमेर , जिला जयपुर 5. श्री गणेश जी , मोती डूंगरी , जयपुर 6. दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी मन्दिर , श्री महावीरजी , हिण्डौन , जिला- करौली 7. श्री गोविन्द देव जी मन्दिर , महाराज चन्द्रमहल , बाग , जयनिवास , जयपुर 8. श्री बालाजी महाराज मन्दिर , मेहन्दीपुर , तहसील- सिकराय , जिला- दौसा 9. श्री हनुमान जी महाराज मन्दिर , पाण्डूपोल (सरिस्का) , जिला अलवर 10. श्री भृर्तहरि जी मन्दिर , महाराज भृर्तहरि , जिला- अलवर 11. श्री चन्द्र प्रभुजी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर , तिजारा , जिला- अलवर 12. बाबा मोहनराम जी मन्द