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Terracotta art of Rajasthan- राजस्थान की मृण कला - राजस्थान की टेराकोटा कला

राजस्थान राज्य का सम्पूर्ण भू-भाग मृण कलाओं के लिए विशेष रूप से जाना जाता है तथा इनमें जैसलमेर का पोकरण, मेवाड़ का मोलेला व गोगून्दा तथा ढूंढाड़ व मेवात स्थित हाड़ौता व रामगढ़ की मिट्टी की कला की प्रसिद्धि देश में ही नहीं, अपितु विदेशों तक में फैली हुई है। मेवाड़ स्थित आहाड़ सभ्यता, गिलूण्ड, बालाथल आदि के साथ ही हनुमानगढ़ का कालीबंगा एैसे स्थल रहे है जो पुरासम्पदा के रूप में माटी की कला, मोहरे, मृदभाण्ड व मृणशिल्प आदि राज्य के पुरा कला वैभव की महता को रेखांकित करते हैं। मोलेला की मृणकला (Terracotta art of Mollela, Rajsamand)- राजसमन्द जिले के मोलेला गाँव की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान माटी से लोक देवी-देवताओं की हिंगाण ( देवताओं की मूर्तियाँ) बनाने के रूप में हैं। मोलेला गांव नाथद्धारा से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मोलेला गांव का मृण शिल्प या कह सकते है टेराकोटा आर्ट विश्व प्रसिद्ध है। यहां के मृण शिल्पकार विविध प्रकार के लोक देवी-देवताओं का माटी में रूपांकन करते हैं, जिन्हें मेवाड़ के साथ ही गुजरात व मध्यप्रदेश की सीमाओं पर स्थित आदिवासी गांवों के लोग खरीदकर ले जाते ह

भारत का भौतिक स्वरूप - भारत के भू-आकृतिक विभाग

भारत का भौतिक स्वरूप - भारत के भू-आकृतिक विभाग भारत भौतिक विविधताओं का देश है। यहाँ लगभग सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत के कुल क्षेत्रफल के 29.3 प्रतिशत भाग पर पर्वत, 27.7 प्रतिशत भाग पर पठार तथा 43 प्रतिशत भाग पर मैदान फैले हुए हैं। भू-आकृतिक दृष्टि से भारत को चार विभागों में बाँटा जा सकता है- 1. उत्तरी विशाल पर्वत,  2. उत्तरी विशाल मैदान,  3. विशाल पठार,  4. तटवर्ती मैदान और द्वीप समूह। उत्तरी विशाल पर्वत- भारत की उत्तर सीमा पर स्थित कश्मीर की उत्तरी पर्वत श्रृंखलाएँ तथा पठार, खास हिमालय पर्वत और अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय की पहाड़ियाँ सम्मिलित हैं। इन सभी को तीन वर्गों में रखा जा सकता है। (i) हिमालय पर्वत           (ii) हिमालय पार की पर्वत श्रेणियाँ         (iii) पूर्वाचल या पूर्वी पहाड़ियाँ।  (i) हिमालय पर्वत हिमालय संसार की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। यह पर्वत भारत की उत्तरी सीमा पर पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में 2500 किलोमीटर की दूरी में फैला है। जम्मू-कश्मीर में

Insurance and Pension Schemes for Construction Labours- निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना हितलाभ-    प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना में हिताधिकारी द्वारा अपने बैंक खाते से जमा कराई गयी प्रीमियम या अंशदान राशि के 50 से 100 प्रतिशत तक का मण्डल द्वारा पुनर्भरण। योजना हितलाभ मण्डल द्वारा देय अंशदान/प्रीमियम(रू.) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना बीमित की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2 लाख रू. बीमा राशि 12.00 (100 प्रतिशत) प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना बीमित की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 2 लाख रू. 165.00 (50 प्रतिशत) अटल पेंशन योजना सदस्य की 60 वर्ष की आयु होने पर 1 हजार से 5 हजार रू. मासिक पेंशन 252 से 1,746 रू. (आयु के अनुसार 1000/- पेंशन के लिए वार्षिक अंशदान का 50 प्रतिशत) भामाशाह निर्माण श्रमिक बीमा योजना (आम आदमी बीमा योजना) दुर्घटना में मृत्यु होने पर- 75,000 रू. स्थाई पूर्ण अशक्तता पर-75,000 रू. स्थाई अपूर्ण अशक्तता पर- 37,500रू सामान्य मृत्यु पर- 30,000 रू. मण्डल द्वारा शत प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान कर सभी हिताधिकारिय