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राजस्थान के विजयदान देथा साहित्य के नोबेल के लिए नामित

इस वर्ष के साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले नोबेल के लिए देश के दो साहित्यकार भी दौड़ में हैं। इनमें एक हैं राजस्थान के विजयदान देथा हैं तथा दूसरे साहित्यकार के. सच्चिदानंद है। विजयदान देथा विज्जी के नाम से प्रदेश भर में लोकप्रिय है तथा उत्कृष्ट लेखन के कारण उन्हें "राजस्थान का शेक्सपीयर" भी कहा जाता है। उनकी कहानियों की प्रसिद्ध पुस्तक "बातां री फुलवारी" के 14 खंड प्रकाशित हो चुके हैं। देथा की कई कहानियों और उपन्यासों पर कई नाटक और फिल्में भी बन चुकी हैं। इनमें हबीब तनवीर द्वारा निर्देशित नाटक "चरणदास चोर" और अमोल पालेकर के द्वारा बनाई गई फिल्म "पहेली" प्रमुख है। पहेली को भारत की ओर से ऑस्कर में भी भेजा गया था। 85 वर्षीय वयोवृद्ध साहित्यकार विज्जी वर्तमान में जोधपुर के बोरून्दा में रह रहे हैं। श्री देथा को पद्मश्री सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि कई सम्मान से नवाजा जा चुका है।

राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - 1 अक्टूबर 2011

1. गवरी लोक नाट्य के अवसान को क्या कहा जाता है? उत्तर- वळावन 2. खेत को जोतने से पहले काँटे व झाड़ियों को हटा कर खेत को साफ करने की प्रक्रिया क्या कहलाती है? उत्तर- सूंड 3. विवाह से पूर्व वर या वधू तथा उसके मित्रों को गाँव या मोहल्ले के लोग अपने घर में आमंत्रित करके भोज देते हैं। यह प्रथा क्या कहलाती है? उत्तर- बिन्दोला प्रथा 4. विवाह के एक दिन पूर्व वर को गांव-मुहल्ले में घुमाए जाने की प्रथा क्या कहलाती है? उत्तर- बिंदोली 5. बहन के पुत्र या पुत्री के विवाह के अवसर पर भाई द्वारा बहन-बहनोई को वस्त्र व आभूषण तथा उसके परिजनों को साड़ी पगड़ी आदि दिए जाने की प्रथा को क्या कहते हैं? उत्तर- मायरा 6. दहेज को राजस्थान में क्या कहा जाता है? उत्तर- डायचा 7. विवाह से पूर्व वर या वधू को हल्दी व बेसन के उबटन लगाने की प्रथा को क्या कहते हैं? उत्तर- पीठी करना 8. विवाह के अवसर पर वधू पक्ष द्वारा वर पक्ष का स्वागत करने की प्रथा को क्या कहते हैं? उत्तर- सामेला 9. किस त्यौहार पर सुहागिने ऐवात (सुहाग) की सामग्री अन्य स्त्रियों को भेंट करती है? उत्तर- मकर संक्रांति को 10. नान

राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - 28 सितंबर 2011

1. राजस्थान में किस त्यौहार पर महिलाएँ नर बछड़े वाली दुधारू गाय की पूजा करती है, बिना कटी सब्जी व मक्का की रोटी खाती है तथा गाय का दूध काम में नहीं लेती है? उत्तर- वत्स द्वादशी या बच्छ बारस को 2. राजस्थान में खेतों में सिंचाई करने की प्रक्रिया को कहते हैं? उत्तर- पाणत करना 3. राजस्थान में बंधुआ मजदूरी प्रथा का अन्य नाम क्या है? उत्तर- सागड़ी प्रथा 4. राजस्थान में सती प्रथा को सर्वप्रथम किस रियासत में गैर कानूनी घोषित किया था? उत्तर- बूँदी में 5. राजस्थान में साझा द्वारा खेती की प्रथा में कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की जमीन पर खेती करता है जिसमें उसे उपज का आधा या निश्चित हिस्सा मिलता है। इस प्रकार खेती करने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं? उत्तर- सिजारी 6. किस प्रथा को सहगमन या अन्वारोहण भी कहा जाता था? उत्तर- सती प्रथा को 7. किसी व्यक्ति की मृत्यु पर इसके 11 वें या 12 वें पर दिए जाने वाले भोज को क्या कहते हैं? उत्तर- मौसर 8. विवाह के दूसरे दिन दिए जाने वाले सामूहिक प्रीतिभोज को क्या कहा जाता है? उत्तर- बढ़ार 9. बारात की विदाई पर वधू पक्ष द्वारा बारातियों को दि

राजस्थान के प्रसिद्ध कलाकार- एक नजर मेंराजस्थान के प्रसिद्ध कलाकार- एक नजर में

1- गणपत लाल डांगी – नाटक, गायन व लेखन 2- गवरी देवी - मांड गायन 3- अल्लाह जिलाई बाई - मांड गायन 4- बन्नो बेगम - मांड गायन 5- पेपे खां - सुरणाई वादन 6- मांगीबाई - तेरहताली नृत्य 7- चांद मोहम्मद खान - शहनाई वादन 8- विद्यासागर उपाध्याय - चित्रकला 9- पं. द्वारका प्रसाद शर्मा - चित्रकला 10- रामेश्वर सिंह - चित्रकला 11- बी. जी. शर्मा - चित्रकला 12- पी. एन. चोयल - चित्रकला 13- लालचंद मारोठिया - चित्रकला 14- अब्बास अली बाटलीवाला - चित्रकला 15- हेमंत चित्रकार (शर्मा) - चित्रकला 16- पी. पी. कोटावाला - चित्रकला 17- भूरसिंह शेखावत - चित्रकला 18- ए. एच. मूलर - चित्रकला 19- कुंदनलाल - चित्रकला 20- रामगोपाल विजयवर्गीय - चित्रकला 21- बी. सी. गुई - चित्रकला 22- गोवर्द्धन लाल जोशी 'बाबा' - चित्रकला 23- रामनिवास शर्मा - चित्रकला 24- देवकीनंदन शर्मा - चित्रकला 25- जगदीश सिंह गहलोत - चित्रकला 26- मोनी सान्याल - चित्रकला 27- घासीराम - चित्रकला 28- नरोत्तम नारायण शर्मा - चित्रकला 29- डॉ. नाथूराम वर्मा - चित्रकला 30- कृपालसिंह शेखावत - ब्लू पॉटरी व चित्रकला 31. श्रीलाल जोश

समसामयिक घटना चक्र-

जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह को मिला आइटो हॉल ऑफ फेम अवार्ड

जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह को भारतीय पर्यटन तथा होटल उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक समारोह में ‘आइटो हॉल ऑफ फेम अवार्ड-2011’ प्रदान किया गया। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स नई दिल्ली की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे तथा विशिष्ट अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय व गुजरात के पर्यटन मंत्री नर्मदा शंकर व्यास थे। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय ठाकुर के अनुसार प्रति वर्ष यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जिनके द्वारा किसी विशेष क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया गया हो। अब तक यह पुरस्कार राय बहादुर एमएस ऑबेरॉय, सर एडमंड्स हिलेरी, पंडित रविशंकर, जगमोहन, प्रफुल्ल पटेल, वसुजीत बैनर्जी को दिया जा चुका है। डॉ. एस के गोयल को एपीआई का सर्वोच्च सम्मान एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इंडिया (ए. पी. आई.) ने कोटा के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एस.के. गोयल को वर्ष 2011 का अति-विशिष्ट मेम्बर पुरस्कार के लिए चयनित किया है। डॉ. गोयल इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले राज्य के पहले फिजीशियन हैं

मांड गायिका मांगीबाई को ‘रूपराम लोकगीत पुरस्कार’

मांड गायकी के क्षेत्र में देश भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखने एवं पारंपरिक लोकगीत परंपरा के प्रति पूरा जीवन समर्पित करने वाली उदयपुर की प्रसिद्ध मांड गायिका मांगीबाई आर्य का दिल्ली की राजस्थान रत्नाकर संस्था द्वारा ‘श्री रूपराम लोकगीत पुरस्कार 2011’ के लिए चयन किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें 11 सितंबर की शाम चार बजे नई दिल्ली के शाह ऑडिटोरियम में प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार में 15 हजार नकद, प्रशस्ति पत्र एवं शॉल भेंट किए जाएंगे। श्रीमती आर्य ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन की ‘ए ग्रेड’ कलाकार हैं। उनके कार्यक्रमों पर आधारित कैसेट, रिकॉर्ड व प्रकाशन भी जारी हो चुके हैं। श्रीमती मांगीबाई द्वारा अर्जित अन्य प्रमुख पुरस्कार- > केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी (नई दिल्ली) का राष्ट्रीय पुरस्कार > राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर राज्य स्तरीय पुरस्कार (1994) > राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी पुरस्कार > ‘मरुधरा’ संस्था कोलकाता मुंबई के सिद्धार्थ मैमोरियल ट्रस्ट पुरस्कार वर्ष 2010 और 2011 के " श्रीमती बसंती देवी धानुका युवा साहित्यकार पुरस्कार " वितरित राजस्थानी भा

वीर तेजाजी की स्मृति में डाक टिकट जारी

केन्द्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने 7 सितंबर को नागौर जिले के खरनाल में वीर तेजाजी की स्मृति में जारी डाक टिकट का रिमोट दबा कर विमोचन किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश का इतिहास बड़ा गौरवमयी रहा है। यहां भाषा, खान-पान, रहन-सहन और अन्य प्रकार की विविधताएं होने के बावजूद पूरा देश एकता रूपी माला में बंधा हुआ है। हमारे लोक देवता तथा लोकसंत लाखों-करोड़ों देशवासियों की भावनाओं से जुड़े हैं तथा आस्था के प्रतीक हैं। प्रत्येक गाँव तथा ढाणी में उन्हें श्रद्धा की भावना से पूजा जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा जनता की इसी आस्था के सम्मान करते लिए वीर तेजा जी पर डाक टिकट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि डाक टिकट विमोचन के बाद वीर तेजाजी की कीर्ति और वीरता की गाथा पूरी दुनिया जान पाएगी।

राजस्थान समसामयिक- लोकदेवता देवनारायण पर डाक टिकट

दिनांक 3 सितम्बर को केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने भीलवाड़ा जिले के आसीन्द के सवाई भोज मंदिर प्रांगण में भारतीय डाक विभाग द्वारा लोकदेवता देवनारायण पर जारी 5 रुपए के डाक टिकट का विमोचन किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह तथा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रामलाल जाट भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज डाक विभाग ने गुर्जरों के आराध्यदेव देवनारायण पर डाक टिकट जारी किया जिससे समाज का सम्मान बढा है। उन्होंने कहा कि नई पीढी के नौजवान हमारे लोक देवताओं तथा आदर्श पुरुषों के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा ग्रहण करें एवं उनके द्वारा सुझाए मार्ग पर चलते हुए सेवा का संकल्प लें। इससे पूर्व उन्होंने भगवान देव नारायण के सवाईभोज तीर्थ पर आयोजित मेले का विधिवत उद्घाटन भी किया और भगवान देवनारायण के मंदिर में दर्शन किए। लोक देवता देवनारायण सैकड़ों वर्षों से पूरे देश में एक महान दैवीय योद्धा के रूप में पूजे जाते हैं। उनका जीवन एवं वीर गाथाएं कई पीढ़ियों के नौजवानों के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। देश भर में देवनारायण के अनेक मंदिर हैं एवं उनके लाखों अनुय

राजस्थान के तेरह उद्यमी राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित-

राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने दिनांक 2 सितंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग के क्षेत्र में उद्यमशीलता, अनुसंधान और विकास में विशिष्ट कार्यों के लिए राजस्थान के 13 उद्यमियों को सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने उन्हें नकद पुरस्कार के रूप में चैक, प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वालों में विशेष उल्लेखनीय जयपुर के श्री जुगल किशोर वैद्य एवं श्री अखिलेश शर्मा वैध थे। इनके अलावा श्री जयपुर के श्री क्षिप्र कुमार, श्री रजत अग्रवाल, श्री रवि पौद्दार (दो पुरस्कार), श्री रूप नारायण शर्मा, श्री आलोक जैन एवं श्री अनुज बैराठी, उदयपुर के श्री वीरेंद्र प्रकाश राठी, नागौर के श्री मनोज माहेश्वरी और बूंदी के श्री सत्यनारायण माहेश्वरी को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री वीरभद्र सिंह और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

जयपुर के सेन्ट्रल पार्क पर 206 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लहराने की स्वीकृति

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सेन्ट्रल पार्क में म्यूजिकल फाउन्टेन के पास 206 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना करने की स्वीकृति प्रदान की है। जयपुर राजस्थान का ऐसा पहला शहर है, जहां इतनी ऊंचाई पर यह ध्वज लगाया जाएगा। इससे पूर्व इस फाउन्डेशन द्वारा अन्य राज्यों हरियाणा, ओडीसा, कर्नाटक एवं केरल में भी 206 फीट ऊंचाई के ध्वज लगाये जा चुके हैं। इस संदर्भ में गैर लाभकारी संस्था ''फ्लैग फाउन्डेशन ऑफ इण्डिया'' द्वारा जयपुर में 206 फीट ऊंचाई पर ''मोन्यूमैन्टल फ्लैग'' स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। फ्लैग फाउन्डेशन ऑफ इण्डिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण एवं वास्तुविद के साथ विभिन्न स्थानों का निरीक्षण करने के पश्चात् समस्त बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए सेन्ट्रल पार्क में म्यूजिकल फाउन्टेन के समीप स्थान को सबसे उपयुक्त पाया गया। सेन्ट्रल पार्क शहर के केन्द्र में स्थित होने से यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग इसे देख सकेंगे तथा इसमें पर्याप्त स्थान उपलब्ध होने के कारण राष्ट्री