Skip to main content

Posts

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 8 जून 2011

1. नाना भाई खाँट ने किस रियासत में शिक्षा की अलख जगाई थी? उत्तर - डूंगरपुर में 2. डूंगरपुर में शिक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाली आदिवासी बालिका का नाम क्या था? उत्तर - काली बाई 3. हटूण्डी में शिक्षा आश्रम की स्थापना किसने की? उत्तर- हरीभाऊ उपाध्याय 4. मोतीलाल तेजावत ने वैशाख पूर्णिमा को चित्तौड़ जिले के किस स्थान पर भरने वाले मेले से आदिवासियों को आंदोलन के लिए तैयार किया था? उत्तर - मातृकुंडिया मेले से 5. मोतीलाल तेजावत द्वारा प्रारंभ किए गए एकी आंदोलन को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है? उत्तर- भौमट का किसान आंदोलन 6. आजादी से पूर्व जो भूमि राजाओं के सीधे नियंत्रण में होती थी, उसे क्या कहते थे? उत्तर- खालसा 7. सन् 1921 में उदयपुर के पिछोला झील की बड़ी पाल से शुरू हुए आंदोलन का क्या नाम था? उत्तर - एकी आंदोलन 8. गोविन्द गुरु द्वारा शुरू किए गए भगत आंदोलन से जुड़े आदिवासी अपनी झोपड़ी पर किस रंग की झंडी लगाते थे? उत्तर- सफेद रंग की 9. ठिकाने में जागीरदार द्वारा महल के लिए जाने वाले कर का नाम क्या था? उत्तर- कामठा लाग 10. ठिकानों में जागीरदार द्वा

शिक्षा विभाग राजस्थान द्वारा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाली योजनाएँ

Creative Teachers: शिक्षा विभाग राजस्थान द्वारा बालिका शिक्षा को प्र... : "बालिका शिक्षा फाउण्डेशन- राज्य सरकार द्वारा राज्य में बालिका शिक्षा को बढावा देने हेतु बालिका शिक्षा फाउण्डेशन की स्थापना की गई ।इस फाउण्डे..."

Mandana Folk Art of Rajasthan- राजस्थान की मांडणा लोक कला

राजस्थान की लोक आस्था में मांडनो का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। त्योहारों, उत्सव और मांगलिक कार्यों में मांडणा प्रत्येक घर-आंगन की शोभा होता है। मांडणा कला का भारतीय संस्कृति में सदियों से विशिष्ठ स्थान है। दीपोत्सव के अवसर पर तो यह कला लोकप्रथा का स्वरूप धारण कर लेती है। इस उत्सव पर ग्रामीण अंचल में घरों की लिपाई, पुताई व रंगाई के साथ मांडने बनाना अनिवार्य समझा जाता है। राजस्थान में ग्रामीण अंचल के अलावा शहरी क्षेत्र में भी मांडणा अंकन के जीवंत दर्शन होते है किंतु कतिपय घरों में इनके अंकन का माध्यम बदल जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मांडना उकेरने में गेरु या हिरमिच एवं खडिया या चूने का प्रयोग किया जाता है। इसके निर्माण में गेरु या हिरमिच का प्रयोग पार्श्व (बैकग्राउंड) के रूप में किया जाता है जबकि इसमें विभिन्न आकृतियों व रेखाओं का अंकन खड़िया अथवा चूने से किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में मांडने चित्रण में गेरु व खडिया के स्थान पर ऑयल रंगों का अक्सर उपयोग होने लगा है। नगरों में सामान्यतः लाल ऑयल पेंट की जमीन पर विभिन्न रंगों से आकारों का अंकन किया जाता है। दीपावली पर प्रत्

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 4 जून 2011

1. मलीर प्रिंट के लिए कौनसा स्थान प्रसिद्ध है? उत्तर- बाड़मेर 2. सबसे बड़ी पगड़ी किस रियासत की थी तथा यह कहाँ संग्रहित है? उत्तर- मेवाड़ की, बागोर की हवेली उदयपुर में रखी है। 3. वर के वधू के घर पहुँचने पर किया जाने वाले स्वागत को क्या कहते हैं? उत्तर- सामेला या मधुपर्क 4. पाँच रंगों से बनाए गए साफे को क्या कहते हैं? उत्तर- बावरा 5. जिस वस्त्र को सर्दी या वर्षा से बचाव के लिए ओढ़ा जाता है, इसे कहते हैं- उत्तर- घूग्घी 6. सहरिया जनजाति के कुंभ के नाम से जाना जाने वाला मेला कौनसा है? उत्तर- सीता बाड़ी का मेला 7. कावड़ कला के नाम से प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी गाँव की काष्ठ कला के प्रणेता कौन थे? उत्तर- प्रभातजी सुथार 8. आरी तारी जरदोजी हस्तकला के लिए राजस्थान का कौनसा गाँव प्रसिद्ध है? उत्तर- नायला, जयपुर 9. पुष्टिमार्गिय वल्लभ संप्रदाय की हस्तलिखित पुस्तकों का बहुमूल्य संग्रह कहाँ पर है? उत्तर- कांकरोली में 10.मेवाड़ की चित्रकला शैली पर सर्वप्रथम किसका प्रभाव पड़ा? उत्तर- गुजरात का

राजस्थान की योजनाएँ-
अनुप्रति योजना


राज्‍य सरकार द्वारा अनुप्रति योजना जनवरी, 2005 से शुरू की गई। इस योजनान्‍तर्गत अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्‍न स्‍तर पर सफल होने वाले अभ्‍यार्थियों को जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.00 लाख रुपए से कम हो एवं आयकर नहीं देते हों, के अजा एवं अजजा के अभ्‍यार्थियों को प्रोत्‍साहन राशि 1.00 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया। उक्‍त योजना का अप्रैल, 2005 से विस्‍तार कर राजस्‍थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा आयोजित राजस्‍थान राज्‍य एवं अधीनस्‍थ सेवा (सीधी भर्ती) परीक्षा के विभिन्‍न स्‍तर पर सफल होने वाले केवल अनुसूचित जाति के अभ्‍यार्थियों को प्रोत्‍साहन राशि रुपए 45,000 देने का भी प्रावधान किया गया। राज्य सरकार ने 2010 में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अनुप्रति योजना के संशोधित नियम जारी कर आरपीएससी, अजमेर द्वारा आयोजित राजस्‍थान राज्‍य एवं अधीनस्‍थ सेवा (सीधी भर्ती) परीक्षा के विभिन्‍न स्‍तर पर सफल होने वाले केवल अजा के अभ्‍यार्थियों को प्रोत्‍साहन राशि रुपए 50,000 देने का भी प्रावधान किया गया। इस योजनान्‍तर्गत विभिन्‍न स्‍तर पर दी जाने वाली प्रोत्‍साहन राशि का विवरण-