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राजस्थान की रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड का आंवटन योजना-

राजस्थान की रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड का आंवटन योजना-

राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 158 के प्रावधानों में संशोधन कर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कमजोर वर्गों के परिवारों को पंचायत 300 वर्ग गज तक की भूमि रियायती दरों (2 रूपये से 10 रूपये, प्रति वर्ग मीटर) पर आंवटित की जा सकेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों के निम्नांकित कमजोर वर्गों के ऐसे परिवार जिनके पास स्वयं के गृह स्थल/गृह नहीं हो, पात्र हैं-

  1. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवार
  2. स्वच्छकारों व पिछडे़ वर्गों के परिवार
  3. ग्रामीण कारीगर (आर्टिजन के परिवार)
  4. श्रम मजदूरी पर आधारित भूमिहीन परिवार
  5. विकलांग व्यक्ति
  6. गाडिया लुहार, यायावर (घुमक्कड) जनजातियों के परिवार
  7. ऐसे बाढ़ग्रस्त परिवार जिनके गृह बाढ़ में बह गये हैं या गृह या गृह स्थल बाढ़ के कारण भावी निवास हेतु अयोग्य हो गये हैं।
  8. सरहद पर पूर्व सैनिक

प्राथमिकता- 

पात्र परिवार के उन परिवारों को प्राथमिकता दी जावेगी जिन्होंने परिवार नियोजन को स्थायी रूप से अपना लिया है। उपरोक्त पात्र परिवारों के वयस्क विवाहित पुत्र जो इनके साथ एक ही स्थान पर रहता है किन्तु अब वह पृथक से रहने की इच्छा रखता है, तो जिसके पास कृषि भूमि या अन्य स्थान पर स्वयं का कोई आवासीय भूखण्ड अथवा मकान न हो तो वह भी भूखण्ड पाने का पात्र होगा।
निःशुल्क आवासीय भू-खण्ड आवंटन- पंचायतों को सशक्त करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे (बी.पी.एल. में चयनित) परिवारों, घुमक्कड भेडपालकों के परिवारों को निःशुल्क भू-खण्ड आवंटन करने की शक्तियां पंचायतों को दिये जाने हेतु नियम 158 में संशोधन के आदेश दिनांक 9.4.07 एवं 18.6.07 को जारी किए।
राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 157 के अंतर्गत वर्ष 1996 तक आबादी भूमि पर निर्मित मकानों के पट्टे, कब्जों के आधार पर जारी करने का प्रावधान था। अब राज्य सरकार ने नियम 157 में दिनांक 9.4.07 से संशोधन कर दिया गया है। गाँवों में ऐसे अनेक परिवार हैं जिनके पास रहने के लिए कोई भू-खण्ड नहीं है लेकिन उन्होंने वर्ष 1996 के बाद आबादी भूमि पर झौंपड़ी अथवा टापरी का निर्माण कर लिया है। ऐसे परिवार जिनके पास न कोई भू-खण्ड है और न ही कोई अन्य मकान है, उनके वर्ष 2003 तक के कब्जे नियम 157 (2) के तहत निःशुल्क नियमित कर देने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नियमन करने पर पट्टे अब केवल महिलाओं के नाम से ही जारी करने का का प्रावधान है। ग्राम पंचायतों द्वारा दिए जाने वाले भूखण्डों में से 30 प्रतिशत विधवा/निराश्रित महिलाओं को आवंटित करने बाबत नियमों में संशोधन कर दिया गया है।


आवासीय भूखण्ड आवंटन के नियमान्तर्गत प्रावधान -


नियम-157 के अन्तर्गत वर्ष 1996 तक आबादी भूमि पर निर्मित मकानों के पट्टे जारी करना:
  • राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 157 के अन्तर्गत वर्ष 1996 तक आबादी भूमि पर निर्मित मकानों के नियमन एवं पट्टा जारी करने का प्रावधान है।
नियम-157-(2) के तहत कब्ज़ों के आधार पर पट्टे जारी करना:
  • गांवों में ऐसे परिवार जिनके पास कोई भूखण्ड या मकान नहीं है और उन्होंने वर्ष 2003 तक कोई झोंपड़ी या कच्चा मकान आबादी भूमि पर निर्माण कर लिया है-उन्हें नियम 157-(2) के तहत 300 वर्गगज़ तक का भूखण्ड निःशुल्क नियमित कर दिया जायेगा और इसका पट्टा परिवार की महिला मुखिया के नाम जारी किया जायेगा।
नियम-158 के तहत रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड का आवंटन:
  • राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1996 के नियम 158 के अन्तर्गत-राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कमज़ोर वर्गो के परिवारों को पंचायत 300 वर्ग गज़ तक की भूमि रियायती दरों पर-(2 रूपये से 10 रूपये, प्रति वर्ग मीटर) के आधार पर आवंटित किये जा सकेंगे।
नियम-158 के तहत निःशुल्क आवासीय भूखण्ड का आवंटन:
  • बी.पी.एल. में चयनित परिवारों, घुमक्कड़ भेड़पालकों के परिवारों को पंचायती राज नियम 158-(2) में संशोधन करते हुए, राज्य सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को भूमि का आवंटन निःशुल्क करने का अधिकार पंचायतों को ही दे दिया है। पहले यह अधिकार राज्य सरकार में निहित था।

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