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‘ग्राम’ में ‘कृषि मशीनीकरण’ के उपयोग को दिया जायेगा प्रोत्साहन

‘ग्राम’ में ‘कृषि मशीनीकरण’ के उपयोग को दिया जायेगा प्रोत्साहन

जयपुर में नवम्बर माह में आयोजित होने वाले ’ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2016’ (ग्राम 2016) में ’कृषि मशीनीकरण’ के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जायेगा। कृषि में कार्य दक्षता बढ़ाने तथा समय एवं श्रम की बचत करने के लिए इस विशाल कृषि आयोजन में आधुनिक कृषि मशीनरी के उपयोग को प्रदर्शित किया जाएगा। ‘ग्राम‘ में कृषि मशीनीकरण के लिए समर्पित एक विशेष पैवेलियन होगा। राजस्थान सरकार की प्रमुख शासन सचिव, कृषि, श्रीमती नीलकमल दरबारी ने आज यह जानकारी दी।

प्रमुख शासन सचिव ने आगे बताया कि इस पैवेलियन में नवीनतम कृषि मशीनरी के मॉडल विस्तृत विवरण के साथ प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें मशीनों के उपयोग और आधुनिक मशीनीकरण से होने वाले लाभ भी बताये जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि भूमि की जुताई, फसल कटाई के बाद के प्रबंधन, नमी, ग्रेडिंग, संरक्षण, छंटाई, बीजारोपण एवं उर्वरक देने, पॉलिशिंग, वैक्सिंग, पौधों के संरक्षण, पैकेजिंग, कटाई एवं परिवहन में कृषि मशीनरी का उपयोग किया जाता है।

‘ग्राम‘ के दौरान राज्यभर में कृषि मशीनरी एवं उपकरणों के लिए ’कस्टम हायरिंग सेंटर्स (सीएचसी) की स्थापना की संभावनाएं भी तलाशी जायेगी। राज्य का उद्देश्य कृषि गतिविधियों में मानव एवं पशुओं पर निर्भरता को कम करना है। छोटे किसान आमतौर पर स्वयं अथवा संस्थागत ऋण के माध्यम से कृषि मशीनरी खरीदने में असमर्थ होते हैं। ऐसे किसानों तक कृषि मशीनरी की पहुंच को आसान बनाने में ये सीएचसी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

इसके अतिरिक्त, राजस्थान में ‘प्लास्टिकल्चर सेक्टर‘ में भी जबरदस्त संभावनाएं हैं। प्लास्टिकल्चर के तहत कृषि एवं बागवानी में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर इरिगेशन सिस्टम, मल्चिंग लो टनल कल्टीवेशन, पॉली हाउसेज, आदि में प्लास्टिक का उपयोग आता है। राजस्थान में लगभग 1.70 लाख हेक्टेयर भूमि में ड्रिप एवं मिनी स्प्रिंक्लर से सिंचाई होती है और लगभग 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में स्प्रिंक्लर से सिंचाई होती है। यह देखा गया है कि प्लास्टिकल्चर के उपयोग से उपज में 50 से 60 प्रतिशत की वृद्दि होती है और 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। इसके साथ ही इससे खरपतवार की रोकथाम होती है और 30 से 40 प्रतिशत तक उर्वरक की बचत की जा सकती है।

हाल के वर्षों में राजस्थान में स्प्रिंक्लर, वाटर पंप, ट्रैक्टर, टिलर, आदि के बढ़ते उपयोग से कृषि मशीनीकरण की ओर रूझान देखा गया है। गत कुछ वर्षों में यहां ट्रैक्टर की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। देश के कुल ट्रैक्टर बिक्री में राज्य की 9 प्रतिशत की भागीदारी है। राज्य का उद्देश्य मानव एवं पशुधन पर निर्भरता को धीरे-धीरे समाप्त करने हुए तकनीकी समझ रखने वाले अगली पीढ़ी के किसानों के लिए कृषि गतिविधियों में कठोर परिश्रम को दूर करना और खेती को लाभकारी बनाना है।

‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट 2016‘ (ग्राम) के बारे मेंः-

‘ग्राम‘ एक अंतरराष्ट्रीय एग्री इवेंट है जो जयपुर के सीतापुरा में स्थित जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में 9 से 11 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। इसका आयोजन राजस्थान सरकार एवं फैडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप किया जा रहा है। इस इवेंट में लगभग 50,000 किसानों के भाग लेने की संभावना है। ‘ग्राम‘ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में त्वरित और सतत विकास के माध्यम से किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिष्चित करना तथा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करना है। इसके अतिरिक्त इस वैशिवक आयोजन में राजस्थान के कृषि जलवायु के अनुरूप विश्व भर की सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जायेगा। यह मीट निवेशकों, मैन्यूफैक्चरर्स के साथ-साथ शिक्षाविदों एवं शोधकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।


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