जयपुर, 13 मई। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री
श्री सुरेन्द्र गोयल की उपस्थिति में बुधवार को शासन सचिवालय में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) एवं वोडाफोन एम-पैसा के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
इसके तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को एम-पैसा
के जरिए बिना बैंक जाए मोबाइल फोन के जरिए ही उनके बैंक खाते में पैसा जमा हो
जाएगा।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) के निदेशक श्री राजीव सिंह
ठाकुर और एम-पैसा के नेशनल हैड श्री सुरेश सेठी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। श्री
गोयल ने इस मौके पर कहा कि स्वयं सहायता समूहों को ज्यादा से ज्यादा फायदा देने के
लिए, उनका समय बचाने और परेशानी दूर करने के
लिए सरकार ने इस तकनीक का सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि राजीविका द्वारा यह
पायलेट प्रोजेक्ट फिलहाल छह महीने की अवधि के लिए राज्य की तीन पंचायत समितियों, जोधपुर जिले की बाप, जैसलमेर की सांकरा एवं बांसवाड़ा की आनन्दपुरी में शुरू किया जा रहा है।
यदि यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले
दिनों अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी इससे जोड़ा जाएगा। उन्होंने वोडाफोन के
अधिकारियों को कहा कि वे लोगों को इस तकनीक के बारे में अधिकाधिक जागरूक करें, ताकि लोग इसका भरपूर फायदा उठा सकें।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के खासकर पश्चिमी जिलों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी
महिलाओं को बैकिंग सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए 15 से 30 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है, काफी समय और पैसा खर्च हो जाता है। ऐसे
में उनके लिए सुविधा और सहूलियत बढ़ाने के लिए सरकार ने वोडाफोन
एम-पैसा के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जन-धन योजना
और राज्य सरकार भामाशाह योजना के जरिए महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित कर रही
है। महिलाओं की बचत बढ़े और उनकी मजदूरी का नुकसान भी न हो इसके लिए राज्य सरकार ने
यह अनूठा प्रयोग किया है। कार्यक्रम के दौरान एम-पैसा के नेशनल
हैड श्री सुरेश सेठी ने योजना से होने वाले फायदों के बारे में भी अवगत कराया।
स्वयं सहायता समुह जुड़ने के लिए क्या करना पड़ता है और कौन जोड़ता है।
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