Skip to main content

Rajasthan GK --- Important Current Affairs --- महत्वपूर्ण राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र


राजस्थान के पर्यटन विभाग को मिला टी प्लस एल रीडर्स च्वाइस अवार्ड-2013'-
उदयपुर को माना बेस्ट वैडिंग डैस्टीनेशन-

पर्यटकों की सर्वश्रेष्ठ पसंद के लिए राजस्थान को भारत एवं दक्षिण एशिया की नामचीन पत्रिका ट्रैवल प्लस लेजर इंडिया एंड साऊथ एशिया द्वारा ‘‘टी प्लस एल रीडर्स च्वाइस अवार्ड-2013’’ से सम्मानित किया गया है। राजस्थान के पर्यटन विभाग को यह पुरस्कार 31 मार्च 2014 सोमवार की रात नई दिल्ली के ताज पैलेस होटल में दिया गया। राजस्थान पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक श्री आर.के. सैनी ने यह पुरस्कार सम्मान ग्रहण किया।

इस मौके पर ट्रैवल प्लस लेजर इंडिया एंड साऊथ एशिया की पत्रिका के मुख्य संपादक के अनुसार पत्रिका द्वारा अगस्त, 2013 से दिसम्बर, 2013 के बीच करवाए गए रीडर्स पोल में राजस्थान के पक्ष में भारी मत मिले थे। जिसके आधार पर राजस्थान को निम्नांकित पुरस्कार दिए गए-

*.. देश का बैस्ट हेरीटेज डैस्टीनेशन- राजस्थान

*.. बैस्ट वैडिंग डैस्टीनेशन- झीलों की नगरी उदयपुर

*.. बैस्ट लग्जरी ट्रैन- पैलेस ऑन व्हील्स

*.. बैस्ट हनीमून डैस्टीनेशन- राजस्थान

इसके सहित कई अन्य श्रेणियों में राजस्थान को पुरस्कार के लिए चुना गया है। समारोह में राजस्थानी व अन्य पर्यटक संस्थाओं में उदय विलास होटल,  देवीगढ़ पैलेस होटल, उदयपुर को भी पुरस्कार मिला।

कालीसिन्ध थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट की पहली इकाई से व्यावसायिक विद्युत उत्पादन आरम्भ-

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के झालावाड स्थित कालीसिन्ध थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट की 600 मेगावाट क्षमता वाली पहली इकाई ने मंगलवार 6 मई को रात्रि 8 बजे से व्यावसायिक विद्युत उत्पादन आरम्भ कर दिया है। इस इकाई से राज्य ग्रिड को औसतन 130 लाख यूनिट अत्तिरिक्त बिजली प्रतिदिन मिलेगी।

कालीसिन्ध थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट की 600 मेगावाट की इस नवनिर्मित पहली इकाई को विभिन्न परीक्षणों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा था। लगातार 72 घंटे पूर्ण क्षमता पर संचालन के फलस्वरुप अब इस इकाई को व्यावसायिक उत्पादन उपयुक्त माना गया है।

इस परियोजना के अंतर्गत 600 मेगावाट क्षमता की द्वितीय इकाई भी निर्माणाधीन है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। अगले माह जून के अन्त तक इस इकाई को सिन्क्रोनाइज किये जाने का लक्ष्य है।

श्री योजनाके क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ गठित-

जयपुर में 12 मई को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास हेतु प्रस्तावित श्री योजनाकी क्रियान्विति, नियंत्रण एवं मोनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर 'श्री योजना प्रकोष्ठ' गठित किया गया है।

प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री श्रीमत पाण्डे की ओर से इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार श्री योजना प्रकोष्ठ अतिरिक्त मुख्य अभियंता ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज के निर्देशन में गठित किया गया है। प्रकोष्ठ में शामिल अधिकारी/अभियंता अपने कार्य के साथ श्री योजना का कार्य भी समय पर सम्पादित करेंगे।

श्री योजनाके क्रियान्वयन दल में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के पांच प्रकोष्ठों के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। इन पांच प्रकोष्ठों में पंचायतीराज, ग्रामीण विकास विभाग, महात्मा गांधी नरेगा, जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग एवं आई.जी.पी.आर.एस. शामिल है।

इस राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ दल के अध्यक्ष श्री राजेश भारद्वाज अतिरिक्त मुख्य अभियंता ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग होंगे। दल में अधीक्षण अभियंता ग्रामीण विकास श्री हित बल्लभ शर्मा, अधिशाषी अभियंता पंचायतीराज विभाग श्री संजय शर्मा, परियोजना अधिकारी ग्रामीण रोजगार योजना श्री संतोष गुप्ता, सहायक अभियंता जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग श्री कमलेश माहेश्वरी, सांख्यिकी अधिकारी ग्रामीण रोजगार योजना श्रीमती पवित्रा भट्ट सहित ग्रामीण विकास विभाग के दो कनिष्ठ लिपिकों को सम्मिलित किया गया है।

संयुक्त विधि परामर्शी पद पर श्री राजेन्द्र सिंह चौधरी का पदस्थापन-

राज्य सरकार ने 5 मई को एक आदेश जारी कर श्री राजेन्द्र सिंह चौधरी, सदस्य राजस्व मण्डल-प्रथम, अजमेर का पदस्थापन विशिष्ट शासन सचिव, गृह एवं संयुक्त विधि परामर्शी, गृह विभाग के पद पर किया है।

आदेश के अनुसार इस पद पर कार्यरत श्री द्वारका प्रसाद शर्मा की सेवाएं रजिस्ट्रार जनरल, राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर को तुरन्त प्रभाव से लौटाई गई हैं।

लांस नायक खेमचन्द खटोड़ सिक्किम में शहीद-

लांस नायक खेमचन्द खटोड़ 14 अप्रेल, 2014 को सिक्किम में शहीद हो गये। शहीद खेमचन्द राजस्थान के सीकर जिले की तहसील लक्ष्मणगढ़ के गांव रोरूबारी के निवासी थे। शहीद खेमचन्द 137 फील्ड रेजीमेंट में कार्यरत थे।

इफको द्वारा नवजीवन सहकारी विकास कोष में 27 लाख 71 हजार रुपये का अंशदान-

सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार श्री अनुराग भारद्वाज को इफको के राज्य विपणन प्रबंधक श्री राजेन्द्र खर्रा ने नवजीवन सहकारी विकास कोष में अंशदान के रूप में 27 लाख 71 हजार 198 रुपये का चैक 3 अप्रेल 2014 को भेंट किया।

सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने सहकारी क्षेत्र की उर्वरक उत्पादक संस्था-'इफको' को बधाई देते हुए बताया कि नवजीवन सहकारी विकास कोष का सहकारी समितियों में मानव संसाधन विकास, आधारभूत सुविधाओं का विस्तार और सहकारिता के समग्र प्रचार-प्रसार कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि इफको द्वारा राज्य में सीधे सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे उर्वरकों की बिक्री राशि में से 5 रुपये प्रतिटन के हिसाब से इस कोष में राशि अंशदान के रुप में उपलब्ध कराई जाती है।

इफको के राज्य विपणन प्रबंधक श्री राजेन्द्र खर्रा ने बताया कि इफको द्वारा राज्य की क्रय-विक्रय व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से इस वर्ष 5 लाख 54 हजार 239 टन रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें 5 रुपये प्रतिटन की राशि नवजीवन सहकारी विकास कोष हेतु सहकारिता विभाग को दी गई है।

राजस्थान के शिल्पकारों की दिल्ली में प्रदर्शनी ’’शिल्प आंगन’’

ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (रूडा) द्वारा नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित राजीव गांधी हस्तशिल्प भवन के शिल्प हाट में भारत सरकार के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के सहयोग से आयोजित छः दिवसीय प्रदर्शनी 10 से 15 मार्च, 2014 तक आयोजित प्रदर्शनी ’’शिल्प आंगन’’ में दिल्लीवासियों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर खरीद फरोख्त की।

शिल्पांगन प्रदर्शनी में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से पहुंचे 60 दस्तकारों ने अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया। रूडा की अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक सुश्री नीलिमा जौहरी बताया कि यह छः दिवसीय प्रदर्शनी प्रतिदिन 12 बजे से सायं 8 बजे तक आम जनता के लिए खुली रही। इसमें प्रवेश निःशुल्क रखा गया था। इस प्रदर्शनी से जहां राजस्थान के शिल्प कारीगरों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिये एक मंच प्राप्त हुआ, वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के निवासियों को राजस्थान के विविधताओं से परिपूर्ण असली शिल्प उत्पाद उचित दरों पर सीधे कारीगरों से खरीदने में मदद मिली।

Comments

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली