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Kshetrapal's unique temple where women are Priest- क्षेत्रपाल का अनूठा मंदिर जहां महिलाएं हैं पुजारी-



जैसलमेर जिले में स्थानीय लोकदेवता (खेतपाल जी) क्षेत्रपाल जी का अनूठा मंदिर जिला मुख्यालय से छ किलोमीटर दूर स्थित हैं, जहां स्थानीय निवासी शादी के बाद विवाह का सूत्रबंधन (स्थानीय भाषा में कांकण डोरड़ा) खोलने आते हैं इस मंदिर में अब तक लाखों की संख्या में दूल्हा-दुल्हन धोक देकर कांकण डोरा खोल चुके हैं इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहाँ परम्परागत रूप से पूजा माली जाति की महिलाएं करती हैं महिला दूल्हा-दुल्हन से विधिवत पूजा-पाठ पुजारी कराती हैं तथा पूजा-पाठ के बाद क्षेत्रपाल को साक्षी मान कर नवदम्पति के विवाह सूत्र-बंधन खोले जाते हैं, ताकि क्षेत्रपाल की मेहर ताउम्र दूल्हा दुल्हन पर बनी रहेजैसलमेर राज्य की स्थापना के यह परंपरा शुरू हुई थी तथा सैंकड़ो वर्षों से चल रही परम्परा आज भी निर्विवाद रूप से चल रही हैंइस मंदिर में जैसलमेर के हर जाति व धर्म के स्थानीय निवासी माथा टेकते हैंक्षेत्रपाल को श्रृद्धालु इच्छानुसार सवा किलो से ले कर सवा मन तक का चूरमा का भोग देते हैंजैसलमेर में प्रत्येक जाति व धर्म में होने वाली शादी के बाद तीसरे या चौथे दिन नवविवाहित जोड़े के कोंकण डोरे खोलने बड़ा बाग़ स्थित क्षेत्रपाल मंदिर में परिजनों के साथ आना होता हैं संम्भवतः यह ऐसा विश्व का ऐसा एकमात्र मंदिर हैं जहां अब तक लाखों लोग अपने विवाह बंधन सूत्र खोल चुके हैं

इस मंदिर में वर्तमान में पूजा पाठ का जिम्मा संभल रही माली जाति की पचास वर्षीय महिला किशनी देवी बताती है कि क्षेत्रपाल मंदिर बड़ा चमत्कारिक और इच्छा पूरी वाला हैं जैसलमेर में होने वाली हर शादी के बाद नवविवाहित दम्पति की डोरा क्षेत्रपाल को साक्षी मानकर ही शादी की कोंकण खोलने की रस्म पूरी की जाती हैं किसी की मन्नत पूरी होने पर पहले मंदिर परिसर में बलि भी दी जाती थी, किन्तु अब परिसर में बलि करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया हैं मंदिर की पूजा बड़ा बाग़ के स्थानी माली परिवार ही करते हैं इसके लिए निविदा जारी होती हैं, जो ज्यादा विकास के लिए लगते हैं उसे क्षेत्रपाल की पूजा का मिलाता हैं उन्हें दो लाख सत्रह हज़ार में निविदा तीन साल पूर्व मिली थीमंदिर में जो भी चढ़ावा आता हैं उससे उनके परिवार का भरण पोषण होता हैं उन्होंने बताया की कोई परिवार विवाह के बाद क्षेत्रपाल की धोक देने की भूल करते हैं, उससे दादा क्षेत्रपाल मांग कर जात लेते हैं

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