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Showing posts from April, 2013

***राजस्थान साहित्य अकादमी के वर्ष 2012-13 के पुरस्कार***

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा शनिवार 24 मार्च 2013 को वर्ष 2012-13 के विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा की गई। ये इस प्रकार हैं- 1. सर्वोच्च मीरा पुरस्कार- भवानी सिंह(जयपुर) को उनकी कथाकृति "मांणस तथा अन्य कहानियों" पर। पुरस्कार स्वरूप 75 हजार रूपए व प्रशस्ति-पत्र। 2. "देवराज उपाध्याय" पुरस्कार- डॉ. रेणु शाह (जोधपुर) को उनकी कृति "साहित्यालोचन : विविध रंग" पर। 3. कन्हैयालाल सहल पुरस्कार-  कोटा के डॉ. अतुल चतुर्वेदी को व्यंग्य कृति "घोषणाओं का वसंत" पर। 4. मरूधर मृदुल युवा लेखन पुरस्कार- अंजीव अंजुम (दौसा) को लघुकथा कृति "समझौता" पर। 5. विजयसिंह पथिक साहित्यिक पत्रकारिता एवं रचनात्मक पुरस्कार- ईशमधु तलवार (जयपुर) को। 6. कविता विधा का 'सुधीन्द्र' पुरस्कार- हरीश करमचन्दानी (जयपुर) को काव्यकृति "समय कैसा भी हो" पर । 7. 'रांगेय राघव' पुरस्कार- सावित्री रांका (जयपुर) को कथाकृति "पन्ने जिन्दगी के" पर। 8. 'डॉ. आलम शाह खान अनुवाद पुरस्कार'-  इंदु शर्मा (जयपुर) को उनकी अनुदित

राजस्थान सामान्य ज्ञान-
***राजस्थान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें***

* पाली नगर बांडी नदी के किनारे स्थित है।  * माही नदी को " वागड़ की गंगा" कहते हैं। यह डूंगरपुर तथा बाँसवाड़ा के मध्य सीमा बनाती है। * सोम नदी उदयपुर तथा डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।  * चर्मण्वती और कामधेनू चंबल नदी को कहते हैं।  * रूपारेल नदी को वराह नदी भी कहा जाता है।  * बनास नदी को वन की आशा भी कहते हैं।  * हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के पाट को नाली कहते हैं।  * घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है। * चंबल नदी द्वारा निर्मित 100 किमी लंबा गार्ज (महाखड्ड) भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) से कोटा तक है।  * डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर त्रिवेणी संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ माही, सोम तथा जाखम नदियों का संगम होता है। * चंबल नदी द्वारा बनाया गया चूलिया जल प्रपात भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट है। * चंबल नदी अपेक्षाकृत कम वर्षा वाले भागों से अधिक वर्षा वाले भागों की ओर प्रवाहित होती है इसलिए इसमें वर्ष भर जल विद्यमान रहता है। * चंबल नदी की अपवाह प्रणाली वृक्षाकार या पादपाकार है।  * राज्य में सबसे अधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है। इस मामले म