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राजस्थान सामान्य ज्ञान- "Current Affairs"

कूच बिहार ट्रॉफी में राजस्थान की धमाकेदार जीत

बीसीसीआई, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन तथा जिला क्रिकेट संघ राजसमंद के संयुक्त तत्वावधान में राजसमंद के राजकीय जेके स्टेडियम में आयोजित अण्डर-19 कूच बिहार ट्राफी के अंतर्गत राजस्थान और त्रिपुरा टीम के मध्य खेले गए लीग क्रिकेट मैच के तीसरे दिन राजस्थान ने त्रिपुरा पर एक पारी और 111 रन से धमाकेदार जीत अर्जित की।
मैच के पहले दिन त्रिपुरा की टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में मात्र 124 रन पर ढेर हो गई। राजस्थान की ओर से घातक गेंदबाजी करते हुए अनिल लाम्बा ने 36 रन देकर 6 विकेट लिए।
इसके बाद राजस्थान टीम ने अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 403 रन बनाकर पारी घोषित की। राजस्थान की ओर से सचिन मालव ने 147 गेंदों पर 92 रन बनाए जिसमें कई आकर्षक और दर्शनीय शॉट लगाए। साथ ही नरेन्द्र तोमर ने भी महत्वपूर्ण 86 रनों का योगदान दिया। इस तरह राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 279 रनों की बढ़त हासिल की।
इसके पश्चात त्रिपुरा ने दूसरे दिन के खेल समाप्ति तक चार विकेट पर 47 रन बनाए। तीसरे दिन इससे आगे खेलते हुए त्रिपुरा टीम दूसरी पारी में मात्र 168 रन ही बना सकी और राजस्थान के गेंदबाजों के आगे घुटने टेक दिए। राजस्थान ने यह मैच एक पारी और 111 रन से जीता। इस मैच से राजस्थान को एक बोनस अंक के साथ कुल छह अंक मिले। दूसरा पारी में त्रिपुरा की ओर से तपेश रूद्रपाल 51 रन व बंटी राय 31 रन बनाकर कुछ संघर्ष कर सके। राजस्थान की ओर से अखिल लाम्बा ने 41 रन देकर तीन विकेट झटके। इसके अतिरिक्त सचिन मालव, मोहित व सिद्धार्थ ने दो-दो विकेट लिए।
मैच की समाप्ति पर नगरपालिका अध्यक्ष आशा पालीवाल, राजसमंद जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रदीप पालीवाल, संघ सचिव गिरिराज सनाढ्य, सुनील तापडिय़ा, फतहलाल टांक व प्रदीप तैलंग ने अम्पायर, मैच रेफरी व सभी खिलाडिय़ों को स्मृति के रूप में श्रीनाथजी की छवि भेंट की।

वरिष्ठ लेखक और पत्रकार गुलाब कोठारी को "सुदीर्घ साधना सम्मान"

देश के प्रतिष्ठित अलंकरणों में शुमार किए जाने वाले मध्यप्रदेश के दुष्यन्त कुमार अलंकरण के तहत निम्नांकित सम्मान देने की घोषणा दिनांक 2 दिसंबर को की गई-
1. "दुष्यन्त कुमार अलंकरण सम्मान"-
प्रसार भारती बोर्ड की अध्यक्ष मृणाल पांडेय को।

2. "सुदीर्घ साधना सम्मान"-
राजस्थान के वरिष्ठ लेखक, चिंतक और राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को।

3. "आंचलिक रचनाकार सम्मान" -
सीधी के हिन्दी बघेली कवि शिवशंकर मिश्र सरस को।

दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज के अनुसार संग्रहालय की ओर से प्रतिवर्ष तीन प्रतिष्ठित अलंकरण प्रदान किए जाते हैं। 1998 से आरंभ यह अलंकरण रचनात्मक प्रतिबद्धता, सृजन को सामाजिक प्रतिष्ठा एवं निरन्तर सृजन के लिए प्रदान किया जाता है। इस अलंकरण समारोह का आयोजन 30 दिसंबर को भोपाल के भारत भवन में किया जाएगा।

थल सेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह ने की अजमेर में जियारत

थल सेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह ने सपत्नीक दिनांक 3 दिसंबर को अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह जियारत की। उन्होंने मजार शरीफ पर मखमल की चादर और अकीदत के फूल पेश कर मुल्क में अमन और भाईचारे की मन्नत मांगी। थल सेनाध्यक्ष जनरल सिंह दोपहर करीब 11.30 बजे दरगाह जियारत को पहुंचे। उनकी अगवानी के लिए नसीराबाद स्थित मिल्रिटी छावनी के अधिकारी और जवान उपस्थित थे। वे सिर पर अकीदत का नजराना लेकर आस्ताना शरीफ पहुंचे। खादिम सैयद मुकद्दस मोईनी ने उन्हें जियारत कराई। दस्तारबंदी की और तबरुक भेंट किया।
जनरल विजय कुमार सिंह इसी दिन आयोजित मेयो कॉलेज के 106 वें ओल्ड बॉयज डे और 128 वें पुरस्कार वितरण समारोह के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व डायरेक्टर केसी वर्मा और अमेरिका के वैज्ञानिक डॉ. राजन सूरी को जेटीएम गिब्सन अवार्ड से भी नवाजा गया। दोनों मेयो कॉलेज के 1966 बैच के छात्र रहे हैं।

जोधपुर की निशा टाक अमेरिका में करेगी जीव विज्ञान में शोध

जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) में वनस्पति शास्त्र की वरिष्ठ सीएसआईआर शोध छात्रा निशा टाक को अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी (एएसएम) द्वारा इंडो-अमेरिकन रिसर्च प्रोफेसरशिप-2011 के तहत अमेरिका में शोध कार्य करने के लिए शोधवृत्ति अवार्ड की गई है।
इसके अंतर्गत निशा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया- लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) के मॉलिक्यूलर सेल एंड डवलपमेंट बायोलॉजी विभाग की प्रो. एन. हिर्सच के सान्निध्य में ग्रीन फ्लोरोसेंट प्रोटीन की सहायता से नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले नवीन जीवाणुओं की स्थानीय लेग्यूम के साथ सहजीविता एवं अंतर्संबंधों पर शोध करेगी।

राष्ट्रपति ने फिर रचा नया इतिहास

सुखोई 30 एमकेआई उड़ाने के बाद भारत की राष्ट्रपति 76 वर्षीय श्रीमती प्रतिभा पाटील ने 5 दिसंबर को एक बार पुनः सैन्य वर्दी पहनी तथा सेना के मुख्य युद्ध टैंक टी 90 की सवारी की। ऐसा करने वाली पाटील भारत की प्रथम राष्ट्रपति हैं। तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर पाटील ने टैंक रेजीमेंट के कर्मचारियों की तरह काले रंग की वर्दी पहन कर यहां पश्चिमी राजस्थान के थार रेगिस्तान में चल रहे सेना के अभ्यास ऑपरेशन 'सुदर्शनशक्ति' में प्रवेश किया और सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह के साथ मुख्य युद्धक टैंक पर सवार होकर अभ्यास का जायजा लिया। उनके साथ रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी भी थे।
राष्ट्रपति की मौजूदगी में भारत ने अपनी सामरिक ताकत का लोहा मनवाते हुए दिनांक 5 दिसंबर को ऑपरेशन सुदर्शन शक्ति में भी नया इतिहास रचा।

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