भारतीय ग्रैंडमास्टर अभिजीत गुप्ता ने इंग्लैंड के कीथ आरकैल को अंतिम दौर की बाजी में हराकर "लंदन क्लासिक शतरंज टूर्नामेंट" में फिडे ओपन का खिताब जीता जबकि भारत के ही इंटरनेशनल मास्टर सहज ग्रोवर दूसरे स्थान पर रहे। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन गुप्ता आठ अंकों के साथ इस चैम्पियनशिप में पहले स्थान पर रहे हैं।
राजस्थान के इस शातिर को इस जीत से 2500 पाउंड की इनामी राशि मिली।
भीलवाड़ा राजस्थान के अभिजीत गुप्ता एक अत्यंत साधारण परिवार से हैं। वे 19 वर्ष की आयु में शतरंज के महारथी बने। मात्र 13 वर्ष की उम्र में वे भारत के कनिष्ठ वर्ग के विजेता बने। तीन वर्ष पूर्व 2008 में कनिष्ठ-वर्ग की विश्व-प्रतियोगिता भी उन्होंने शानदार ढंग से जीती थी। अभिजीत गुप्ता ने माह अप्रैल 2011 में दुबई में आयोजित 45 हजार डॉलर इनाम वाला दुबई ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीता था तथा अभिजीत शतरंज का यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
अभिजीत ने 2009 में राष्ट्रमंडल शतरंज प्रतियोगिता में रजत पदक तथा वर्ष 2010 में एशियन शतरंज चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक हासिल किया था।
राजस्थान के इस शातिर को इस जीत से 2500 पाउंड की इनामी राशि मिली।
भीलवाड़ा राजस्थान के अभिजीत गुप्ता एक अत्यंत साधारण परिवार से हैं। वे 19 वर्ष की आयु में शतरंज के महारथी बने। मात्र 13 वर्ष की उम्र में वे भारत के कनिष्ठ वर्ग के विजेता बने। तीन वर्ष पूर्व 2008 में कनिष्ठ-वर्ग की विश्व-प्रतियोगिता भी उन्होंने शानदार ढंग से जीती थी। अभिजीत गुप्ता ने माह अप्रैल 2011 में दुबई में आयोजित 45 हजार डॉलर इनाम वाला दुबई ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीता था तथा अभिजीत शतरंज का यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
अभिजीत ने 2009 में राष्ट्रमंडल शतरंज प्रतियोगिता में रजत पदक तथा वर्ष 2010 में एशियन शतरंज चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक हासिल किया था।
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