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समसामयिक घटनाचक्र- कैबिनेट की बैठक के महत्वपूर्ण फैसले

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 11 मई को मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित की गई। जिसमें निम्न निर्णय किए गए।

सभी अधिकारियों को करना होगा अचल सम्पत्ति को सार्वजनिक-

बैठक में सभी अधिकारियों द्वारा अचल सम्पत्ति का विवरण सार्वजनिक करने को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया कि ऐसे अधिकारी जिनकी कोई पदोन्नति शेष नहीं है, सेवाकाल बाकी है तथा अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत नहीं करते तो उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देय नहीं होगा।

अचल सम्पत्ति के वर्तमान मूल्य का आधार होगा डी. एल. सी. दर-

बैठक में अधिकारियों की अचल सम्पत्ति के वर्तमान मूल्य का आधार डी. एल. सी. दर को रखे जाने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।

चिकित्सा शिक्षकों को दी बेहतर सुविधाएं-

> राज्य के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक चिकित्सकों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमण्डलीय स्तरीय उप समिति गठित की गई थी। कैबिनेट बैठक में इस समिति द्वारा दी गई सिफारिशों पर विचार विमर्श किया गया तथा इस संबंध में हुए समझौते के निर्णयों की क्रियान्विति हेतु उप समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

> कैबिनेट के इस निर्णय से शिक्षक चिकित्सकों को 01 अप्रेल, 2011 से लाभ मिलेगा। इसके तहत वरिष्ठ प्रोफेसर की वर्तमान ग्रेड पे 8,900 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए की जाएगी।

> मेडिकल शिक्षकों को केन्द्र के समान पदोन्नतियों के अवसर दिए जाने के लिए डी.ए.सी.पी. योजना के अन्तर्गत रिक्त पदों की उपलब्धता की अनिवार्यता के बिना ही चौदह वर्ष की अवधि में तीन पदोन्नतियां दी जाएगी। इसके तहत सहायक आचार्य से सहआचार्य 6 वर्ष में, सहआचार्य से आचार्य 4 वर्ष तथा आचार्य से वरिष्ठ आचार्य पद पर 4 वर्ष में पदोन्नति दी जाएगी। डी.ए.सी.पी. के तहत बने वे प्रोफेसर, जिन्होंने 14 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें दो वर्ष की प्रोफेसर सेवा पर वरिष्ठ प्रोफेसर की ग्रेड देय होगी। यह प्रक्रिया एक ही बार की जाएगी।

> नॉन प्रेक्टिस भत्ता (एनपीए) के तहत वर्तमान में चिकित्सा शिक्षकों एवं अन्य चिकित्सकों को दिए जा रहे भत्ते को 20 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत किया जाएगा। प्राईवेट प्रेक्टिस के लिए सहायक आचार्य 100 रुपए, सहआचार्य 125 रुपए, आचार्य 150 रुपए एवं वरिष्ठ आचार्य 200 रुपए की फीस प्रति विजिट निर्धारित की गई है।


राजस्थान लोक सेवा आयोग के विनियम में संशोधन-

राज्य मंत्रिमण्डल ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (कृत्यों का परिसीमन) विनियम, 1951 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। वर्तमान प्रावधान के अनुसार समस्त तकनीकी एवं गैर तकनीकी पद जिनका आरंभिक न्यूनतम वेतन 5000 रुपए या इससे कम हो, लोक सेवा आयोग की सीमा से बाहर हैं। एक सितम्बर, 2006 से वेतनमानों में संशोधन हो जाने के कारण समस्त पदों का न्यूनतम वेतन बढ़ गया है। वेतन संशोधन से पूर्व जो पद 5000 - 8000 के वेतनमान में थे, अर्थात् जिन पदों का न्यूनतम वेतन 5000 रुपए था, उनका वेतनमान पे बैंड 9300 - 34800 व ग्रेड पे 3200 रुपए हो गया है। अतः इस परिस्थिति में विनियम में संशोधन कर निर्धारित न्यूनतम वेतन 5000 रुपए की सीमा को ग्रेड पे 3200 रुपए द्वारा प्रतिष्ठापित किया गया है।

ऊर्जा विभाग में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का निर्णय-

बैठक में जे.एस.डब्ल्यू. एनर्जी लि. को राजस्थान में विद्युत उत्पादन परियोजनाओं की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 15 सितम्बर, 2005 को जारी नीति एवं संशोधन 01 नवम्बर, 2010 के प्रावधानों के तहत बाड़मेर में 2x135 मेगावाट क्षमता की नई परियोजना स्थापित करने का अनुमोदन किया गया।
इस परियोजना के स्थापित होने से राजवेस्ट पॉवर लि. द्वारा स्थापित की जा रही 1080 मेगावाट क्षमता परियोजना की स्थिर लागत में कमी आएगी तथा टैरिफ में भी कमी होगी। इस नई परियोजना के स्थापित होने से राज्य में 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश होगा तथा राज्य को अतिरिक्त बिजली भी मिल सकेगी।

राजस्थान कार्य विधि नियम में प्रस्तावित संशोधन का अनुमोदन

मंत्रिमण्डल की बैठक में पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित किए गए कार्यकलापों में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु गठित तीन सदस्यीय मंत्री स्तरीय समिति द्वारा लिए गए निर्णय की अनुपालना में राजस्थान कार्य विधि नियम (राजस्थान रूल्स ऑफ बिजनेस) में प्रस्तावित संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे समिति द्वारा लिए गए निर्णय की अनुपालना सुनिश्चित होगी।

महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साईंसेज एण्ड टेक्नोलोजी, जयपुर अध्यादेश, 2011 का अनुमोदन-

मंत्रीमंडल की बैठक में महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफमेडिकल साईंसेज एण्ड टेक्नोलोजी, जयपुर अध्यादेश, 2011 का अनुमोदन किया गया। इससे निजी क्षेत्र की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साईंसेज एण्ड टेक्नोलोजी, जयपुर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

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