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राजस्थान की योजनाएँ - चिरायु योजना

 राजस्थान की योजनाएँ - चिरायु योजना

समाज से उपेक्षित बीपीएल वर्ग के वृद्धों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए सरकार की चिरायु योजना शुरू की गई है, इसमें जन सहभागिता योजना के अंतर्गत ओल्ड एज होम (वृद्धाश्रम) बनाए जा रहे हैं। इन वृद्धाश्रम में ऐसे लोगों को पारिवारिक माहौल मिल सकेगा जो परिवार या समाज से अलग-थलग पड़ गए हैं।

नोडल एजेंसी :


योजना की क्रियान्विति के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। वृद्धाश्रम संचालित करने वाले संस्थान को भवन निर्माण के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान है।

सरकारी सहायता :


>आवेदन करने वाली संस्था को सरकार की ओर से वृद्धाश्रम खोलने के लिए 15 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसमें 70 प्रतिशत राशि संस्था को परियोजना स्वीकृति के समय तथा 30 प्रतिशत भवन निर्माण पूर्ण होने पर दी जाएगी।

> संस्थानों को स्थानीय निकाय एक हजार गज भूमि नि:शुल्क देगा। अधिक भूमि चाहने पर डी.एल.सी. दर की 50 फीसदी रियायती राशि पर अतिरिक्त भूमि का आबंटन किया जाएगा।

प्रवेश की पात्रता :


गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष व 55 वर्ष या अधिक उम्र की महिलाओं को वृद्धाश्रम में रह सकेंगे।

भवन में सुविधाएं :

  • आवास में डोरमेट्री में प्रति व्यक्ति 40 वर्गफीट स्थान होना चाहिए।
  • डोरमेट्री में अटैच लेट बाथ होना चाहिए।
  • महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग रहने की सुविधा होना चाहिए।
  • कपड़े धोने, रसोई एवं भोजन, चिकित्सा, मनोरंजन का उचित स्थान होना चाहिए।
  • भोजन पूर्णतः पौष्टिक होना चाहिए।
  • प्रत्येक के लिए बिस्तर, पलंग, कम से कम चार जोड़ी कपड़े, सुबह- शाम नाश्ता, दो समय चाय, पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • चिकित्सा की व्यवस्था, गंभीर बीमारी पर निकटतम अस्पताल ले जाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • इनडोर गेम, समाचार पत्र-पत्रिकाओं की तथा वृद्धों की देखरेख के लिए केयर टेकर की व्यवस्था होनी चाहिए।

योजना के लिए संस्थान की पात्रता एवं प्रक्रिया-

  • आवेदक संस्थान राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होने चाहिए।
  • संस्थान व्यक्तिगत लाभ के लिए संचालित नहीं होना चाहिए।
  • संस्थान कम से कम दो वर्ष से पंजीकृत होना चाहिए।
  • वृद्धाश्रम भवन में कम से कम 25 वृद्धों के निवास की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • संस्था को निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
  • उक्त विभाग के अधिकारी संस्थान के भौतिक निरीक्षण की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे। जिला कलेक्टर द्वारा इसकी वृद्धाश्रम खोलने की स्वीकृति की अनुशंसा की जाएगी।

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